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Friday, 10 May, 2024
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NEET-UG परीक्षा में NMC ने एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया शर्तों में किया बदलाव, नए नियमों के साथ होगी परीक्षा

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बुधवार को जारी एक नोटिस में कहा कि यह निर्णय उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे.

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नई दिल्ली: जिन छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ, भले ही अतिरिक्त विषय के रूप में, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से की है वे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक की परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बुधवार को जारी एक नोटिस में कहा कि यह निर्णय उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे.

तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 पर विनियमों के प्रावधानों के माध्यम से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश और चयन को विनियमित किया था.

एमसीआई ने तब इसमें उल्लेख किया था कि उम्मीदवारों को कक्षा 11 और 12 में अंग्रेजी विषय के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी विषयों का दो साल तक नियमित या निरंतर अध्ययन करना होगा.

दो साल का अध्ययन नियमित स्कूलों से पूरा करना आवश्यक था, न कि मुक्त विद्यालयों से अथवा प्राइवेट छात्र के तौर पर.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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