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Sunday, 10 November, 2024
होमएजुकेशन‘कभी संख्याओं के पीछे नहीं’; ‘भ्रामक विज्ञापन’ के लिए CCPA ने श्रीराम IAS पर लगाया 3 लाख का जुर्माना

‘कभी संख्याओं के पीछे नहीं’; ‘भ्रामक विज्ञापन’ के लिए CCPA ने श्रीराम IAS पर लगाया 3 लाख का जुर्माना

उपभोक्ता संरक्षण निगरानी संस्था ने कहा कि श्रीराम आईएएस द्वारा बार-बार अनुरोध के बावजूद विज्ञापनों में किए गए दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहने के बाद जुर्माना लगाया गया है.

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नई दिल्ली: यूपीएससी एस्पिरेंट्स के एक कोचिंग सेंटर पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में अपनी ‘सफलता दर’ को उजागर करने वाले भ्रामक विज्ञापन चलाने के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिस पर श्रीराम आईएएस के संस्थापक-निदेशक श्री राम श्रीरंगम ने कहा, हमारा दृष्टिकोण कभी भी “संख्याओं का पीछा करने” के बारे में नहीं रहा है.

जांच के एक हिस्से के रूप में सीसीपीए ने शुरू में लगभग 20 यूपीएससी कोचिंग केंद्रों को नोटिस जारी किए, जिनमें श्रीराम आईएएस कोचिंग भी शामिल है, जिसने दावा किया था कि उसने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 200 टॉपर दिए हैं. जांच के दायरे को बढ़ाकर कुल 45 कोचिंग केंद्रों तक कर दिया गया, जिनमें से अधिकांश छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में मदद करते हैं.

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने सोमवार को दिप्रिंट को बताया, “यह जांच पिछले साल से चल रही है. हमने कोचिंग सेंटर के दावों का समर्थन करने के लिए बार-बार सबूत मांगे, लेकिन जब वे पर्याप्त सबूत देने में विफल रहे, तो हमने जुर्माना लगाया.”

“अगर उन्होंने (कोचिंग सेंटर) सफल उम्मीदवारों के बारे में उनके द्वारा लिए गए कोर्स से संबंधित सच्ची जानकारी दी होती, तो संभावित उपभोक्ता उनके भारी भरकम, साल भर चलने वाले क्लासरूम कोर्स के झांसे में नहीं आते और उनका पैसा और समय बचता.”

नोटिस में CCPA ने श्रीराम IAS से सभी भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकने के लिए कहा.

सीसीपीए ने प्रेस बयान में कहा, “कोचिंग संस्थान, ऑनलाइन एडटेक प्लेटफॉर्म संभावित उम्मीदवारों (उपभोक्ताओं) को प्रभावित करने के लिए कुछ सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं, ऐसे उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स और इस तरह से भाग लिए गए कोर्स की अवधि का खुलासा किए बिना.”

Infographic: Wasif Khan | ThePrint
इन्फोग्राफिक: वासिफ खान/दिप्रिंट

कोचिंग सेंटर द्वारा उपभोक्ता संरक्षण निगरानी संस्था द्वारा जारी किए गए जुर्माने का अनुपालन करने की पुष्टि करते हुए, श्रीराम IAS के श्री राम श्रीरंगम ने सोमवार को दिप्रिंट से कहा, “हमारा दृष्टिकोण कभी भी संख्याओं का पीछा करने के बारे में नहीं रहा है. हम विभिन्न प्लेटफार्मों पर कई लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. हालांकि, हमारे पास सभी दस्तावेज़ नहीं हो सकते हैं. मुझे आपको यह भी बताना होगा कि हमारे कई छात्र विभिन्न राज्य सेवाओं में चयनित होते हैं, लेकिन हमारे पास इसके लिए डेटा नहीं है.”
उन्होंने कहा, “जब सीसीपीए ने नोटिस जारी किया, तो हमने कानून का सम्मान किया और उनके फैसले का पालन किया, भले ही यह व्यक्तिगत रूप से निराशाजनक लगा. हमने अपील दायर नहीं की क्योंकि हम अधिकारियों का सम्मान करने में विश्वास करते हैं, भले ही यह कठिन हो.”

फिलहाल, श्रीराम आईएएस का कहना है कि उसने जुर्माना भर दिया है और एक नई विज्ञापन रणनीति की योजना बना रहा है.

CCPA ने श्रीराम IAS पर जुर्माना क्यों लगाया

CCPA के अनुसार, श्रीराम IAS ने अपने विज्ञापनों में दो भ्रामक दावे किए थे: “UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 200 से अधिक सिलेक्शन” और “हम भारत के नंबर 1 प्रतिष्ठित UPSC/IAS कोचिंग संस्थान हैं”.

उदाहरण के लिए श्रीराम IAS ने विज्ञापनों में दावा किया कि उसके 200 से अधिक एस्पिरेंट्स ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 पास की है, लेकिन जब CCPA ने विवरण देने के लिए कहा, तो वह केवल 171 एस्पिरेंट्स के लिए ही ऐसा कर पाया. इनमें से 102 इसके इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम से थे, 55 निःशुल्क टेस्ट सीरीज़ से, 9 GS क्लास कोर्स से और 5 जो विभिन्न राज्यों के साथ निःशुल्क कोचिंग के लिए समझौता ज्ञापन के तहत कोचिंग सेंटर से जुड़े थे.

CCPA के अनुसार, सफल UPSC एस्पिरेंट्स का एक बड़ा हिस्सा सेल्फ-स्टडी के माध्यम से प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करता है — जो कुल स्कोर का बहुमत है. सीसीपीए ने पाया कि श्रीराम आईएएस मुख्य रूप से इंटरव्यू सेशन के दौरान गाइडेंस देता है, जो मेन्स एग्जाम और इंटरव्यू सेशन के टोटल संयुक्त स्कोर (2,000) में केवल 13.5 प्रतिशत का योगदान देता है.

सीसीपीए ने अपने प्रेस बयान में कहा कि श्रीराम आईएएस के विज्ञापनों में यह खुलासा नहीं किया गया है, जो उपभोक्ताओं के सूचित होने और अनुचित व्यापार प्रथाओं से सुरक्षा के अधिकार का उल्लंघन है.

सीसीपीए प्रमुख खरे ने रेखांकित किया कि “अधिकांश यूपीएससी कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए स्पेशल कोर्स के नामों के बारे में स्पष्ट नहीं हैं”.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि निगरानी संस्था ने पाया कि प्रारंभिक परीक्षा (जिसके लिए लगभग 11-13 लाख उम्मीदवार उपस्थित होते हैं) और मेन्स परीक्षा (लगभग 10,000 में से 3,000 पास) पास करने के बाद, कोचिंग केंद्र “कुछ ऑनलाइन/ऑफलाइन इंटरव्यू गाइडेंस प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, अक्सर मुफ्त, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें पता है कि कम से कम तीन में से एक उम्मीदवार यूपीएससी द्वारा अंतिम चयन में उत्तीर्ण होने की संभावना है”.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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