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Thursday, 25 April, 2024
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बदले गए एडमिट कार्ड्स, प्रॉक्सी उम्मीदवार: JEE के बाद NEET में हेराफेरी की कोशिश में CBI ने 5 को किया गिरफ्तार

अभियुक्त परीक्षा में हेराफेरी को अंजाम नहीं दे पाए क्योंकि JEE परीक्षा में इसी तरह के रैकेट में शामिल लोगों पर CBI की हालिया कार्रवाई के बाद प्रॉक्सी उम्मीदवारों की हिम्मत जवाब दे गई.

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प्रयागराज: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच लोगों को कथित रूप से नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) में हेराफेरी के उद्देश्य से एडमिट कार्ड्स को बदलने, फर्जी पहचान पत्र बनाने और परीक्षा में बैठने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवार भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

एजेंसी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस उद्देश्य के लिए महाराष्ट्र स्थित एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस ने- जो अब जांच के घेरे में है, उम्मीदवारों के पेरेंट्स से 50 लाख रुपए तक वसूले थे.

लेकिन अभियुक्त परीक्षा में हेराफेरी को अंजाम नहीं दे पाए क्योंकि जेईई प्रवेश परीक्षा में इसी तरह के रैकेट में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने की सीबीआई की हालिया कार्रवाई के बाद प्रॉक्सी उम्मीदवारों की हिम्मत जवाब दे गई.

1 सितंबर को सीबीआई ने जेईई परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए एक केस दर्ज किया. इससे पहले एजेंसी को सूचना मिली थी कि ‘समाधानकर्ताओं’ के एक ग्रुप ने कंप्यूटर्स हैक करके इंजीनियरिंग उम्मीदवारों की परीक्षा लिखी थी, जबकि असली उम्मीदवार शीट्स पर लिखते हुए गणनाएं करने और प्रश्नों का हल करने का नाटक कर रहे थे. लेकिन इस केस में जेईई परीक्षा में कामयाबी के साथ हेराफेरी कर ली गई थी.

एजेंसी के एक सूत्र ने बताया, ‘हमें सूचना मिली कि करीब पांच लोग जो डमी उम्मीदवार थे, 12 सितंबर को पांच केंद्रों पर नीट परीक्षाओं में बैठने वाले थे. एक जाल बिछाया गया लेकिन उनमें से कोई भी परीक्षा केंद्र पर नहीं आया, चूंकि जेईई केस में गिरफ्तारियों के बाद शायद उनकी हिम्मत नहीं पड़ी’.

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सूत्र ने कहा, ‘लेकिन हमारे पास एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म के बारे में विश्वसनीय जानकारी थी, जिसने पेरेंट्स से पैसा लेकर उन्हें आश्वान दिया था कि उनके बच्चों का अच्छे मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराया जाएगा. उस सूचना के आधार पर हमने एक एफआईआर दर्ज की और तलाशी अभियान चलाया. अभी तक हम इस मामले में पांच गिरफ्तारियां कर चुके हैं और वो सब दलाल हैं. और अधिक गिरफ्तारियों की संभावना है’.

जेईई परीक्षा की तरह नीट भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराई जाती है, जो शिक्षा मंत्रालय के आधीन एक टेस्टिंग संस्था है जिसे भारत सरकार ने प्रीमियर उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षाएं आयोजित कराने का जिम्मा सौंपा हुआ है.


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बदले हुए एडमिट कार्ड्स

सीबीआई की जानकारी के अनुसार, आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस ने, जिसे परिमल कोटपलिवार नाम का व्यक्ति चलाता है, उम्मीदवारों के पेरेंट्स से संपर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया कि प्रॉक्सी उम्मीदवारों के ज़रिए नीट परीक्षा में सफलतापूर्वक हेराफेरी करके, उन्हें मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलवा दिया जाएगा.

सूत्र ने बताया, ‘उम्मीदवार के पेरेंट्स से सहमत राशि के पोस्ट-डेटेड चेक्स और उम्मीदवार की 10वीं तथा 12वीं की मूल मार्कशीट्स, सिक्योरिटी के तौर पर जमा करने के लिए कहा गया था, जिसे सहमत राशि का भुगतान करने के बाद, जो ज़्यादातर मामलों में 50 लाख रुपए तक थी, उन्हें वापस कर दिया जाना था’.

एफआईआर के अनुसार जिसकी कॉपी दिप्रिंट के पास है, कोटपलिवार और उसके सहयोगियों ने परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की यूज़र आईडी और पासवर्ड्स जमा कर लिए और वांछित परीक्षा केंद्र हासिल करने के लिए उनमें जरूरी बदलाव कर दिए.

सूत्र ने बताया, ‘इसमें वो बदले हुए फोटोग्राफ्स का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे कि प्रॉक्सी उम्मीदवार परीक्षा में बैठ सकें. फर्ज़ी आईडी कार्ड्स बनाने के लिए उम्मीदवारों के ई-आधार कार्ड्स की कॉपियां जमा की गईं. उसने उम्मीदवारों को ये आश्वासन भी दिया कि उन्हें सही जवाब उपलब्ध कराए जाएंगे और ओएमआर शीट्स में भी हेराफेरी की जाएगी’.

सूत्र के अनुसार, पांच से अधिक उम्मीदवारों ने 12 सितंबर को परीक्षा केंद्रों में प्रॉक्सी उम्मीदवारों की सेवाओं का इस्तेमाल किया, जिनमें से एक रांची तथा चार दिल्ली में थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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