नई दिल्ली: सैलरी मिलने में लगातार देरी का सामना कर रहे 38-वर्षीय टीचर जितेन्द्र ने 2021 में FIITJEE में नौकरी छोड़ दी. पांच साल से अधिक समय तक काम करने के बाद, नौकरी छोड़ने का यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन उन्हें यकीन था कि वक्त के साथ कोचिंग में स्थिति और खराब होती जाएगी.
जितेंद्र जो इस समय दिल्ली के एक कोचिंग में फिजिक्स पढ़ाते हैं, उन्होंने कहा, “उन्होंने सैलरी काटना शुरू कर दिया और एडमिशन मीटिंग के दौरान प्रेशर बनाना शुरू कर दिया था. सभी ने सुना है कि सीनियर्स बात करते वक्त कैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि अब इतने सारे टीचर्स ने इस्तीफा दे दिया है.”
पिछले एक हफ्ते से JEE कोचिंग के लिए एक प्रमुख इंस्टीट्यूट FIITJEE के टीचर्स कोचिंग में फाइनेंशियल दिक्कतों और कुप्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जितेन्द्र जैसे कई लोगों ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी और मध्य प्रदेश में भोपाल और बिहार के पटना और दिल्ली के लक्ष्मीनगर जैसे हिंदी पट्टी के सेंटर्स को बंद कर दिया गया है.
जबकि FIITJEE पूरे भारत में लगभग 72 सेंटर्स हैं, उनमें से आठ मौजूदा संकट के कारण बंद हो गए हैं. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.
यह स्थिति कोचिंग इंडस्ट्री के भीतर बढ़ते असंतोष को उजागर करती है, जो शिक्षकों के असंतोष, ऑपरेशनल चुनौतियों और भारत के निजी शिक्षा क्षेत्र की अनिश्चित स्थिति जैसे गहरे मुद्दों को उजागर करती है. शटडाउन ऐसे समय में हुआ है जब बोर्ड परीक्षाएं नज़दीक हैं.
FIITJEE वर्तमान में फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रहा है, जो रेगुलेटरी मुद्दों से और भी बढ़ गई है. FIITJEE के एक सूत्र के अनुसार, कुछ प्रशासनिक मुद्दे भी हैं क्योंकि वह अग्नि सुरक्षा और लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए अपनी बाकी ब्रांच के खिलाफ कुछ नागरिक कार्रवाइयों से जूझ रहे हैं.
दिप्रिंट ने कॉल और व्हाट्सएप मैसेज के ज़रिए FIITJEE मैनेजमेंट से बाकी सैलरी पर उनके बयान के लिए संपर्क किया. जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
दो महीने पहले इस्तीफा देने वाले एक टीचर ने कहा, “बीते साल में, मुझे केवल पांच महीने की सैलरी मिली और वो भी सैलरी कटने के साथ. आम मीटिंग उत्पीड़न सत्रों में बदल गईं, जहां सीनियर्स सभी के सामने कर्मचारियों को गाली देते थे. मेरे FIITJEE के पास 15 लाख रुपये फंसे हुए हैं और मैंने कई ईमेल भेजे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है.”
टीचर ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक ऑनलाइन मीटिंग का भी ज़िक्र किया, जिसमें FIITJEE के चेयरमैन डी.के. गोयल ने कथित तौर पर स्टाफ को गाली दी. टीचर ने कहा, “मैं उस मीटिंग का हिस्सा था और यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने गाली दी. हमारे ऊपर ज्यादा से ज्यादा लोगों का एडमिशन कराने के लिए लगातार प्रेशर था.”
कई FIITJEE सेंटर्स के बंद होने से बोर्ड एग्जाम से पहले हज़ारों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स अधर में लटके हुए हैं. FIITJEE में एडमिशन लेने वाली बेटी के एक परेशान पिता ने कहा, “मेरी बेटी का पिछले साल नोएडा सेंटर में दाखिला हुआ था और मैंने उसकी कोचिंग के लिए 3 लाख रुपये दिए थे. अब उन्होंने सेंटर बंद कर दिया है. मेरी बेटी की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इस मुद्दे को कौन सुलझाएगा?”
कोचिंग के लिए 6 लाख रुपये भरने वाले एक अन्य पिता ने कहा कि टीचर्स के इस्तीफे के बावजूद, संस्थान ने वादा किया था कि कक्षाएं जारी रहेंगी. उन्होंने कहा, “लेकिन हमें संस्थान से कोई जवाब नहीं मिल रहा है.”
ऐसे में पैरेंट्स ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया है और FIITJEE से फीस वापसी और जवाबदेही की मांग की है. हालांकि, स्थिति तनावपूर्ण है क्योंकि छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी बीच राह में लटकी है.
इस बीच, जितेन्द्र और एक अन्य शिक्षक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उन्हें संस्थान से कभी भी ग्रेच्युटी नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया, “मुझे इस्तीफा दिए तीन साल से ज्यादा हो गए हैं और मुझे मेरी ग्रेच्युटी नहीं मिली है, जो कि बड़ा अमाउंट है. जब भी मैं उनसे संपर्क करता हूं, तो वो कहते हैं कि वह फाइनेंशियल दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.”
जितेन्द्र को मिले ईमेल में से एक में, FIITJEE ने कहा, “हम अपने फाइनेंस को स्टेबल करने और इस मुश्किल वक्स से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. इस प्रक्रिया में अनुमान से अधिक समय लग गया है. नतीजतन, हम एक बार में सभी का (F&F) करने में असमर्थ हैं. मैनेजमेंट ने इंस्टीट्यूट की फाइनेंशियल स्थिति को ठीक करने के लिए व्यवस्थित रूप से वित्तीय दायित्वों को संभालने की योजना बनाई है.”
उक्त टीचर जिन्होंने दो महीने पहले FIITJEE से इस्तीफा दिया था, कहा, लेकिन, ऐसे कई टीचर्स हैं जिन्होंने आरोप लगाया है कि संस्थान ने उनके ईमेल या कॉल का जवाब नहीं दिया है. “मैंने अपने पैसों के बारे में कई ईमेल भेजे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. मेरा 15 लाख रुपये की सैलरी बाकी है. मैं अदालत नहीं जाना चाहता क्योंकि इसमें मेरा बहुत वक्त जाएगा, लेकिन यह आखिरी ऑप्शन हो सकता है…”.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘बिना सहमति टॉपर्स की तस्वीर लगाना, भ्रामक विज्ञापनों से बचना’ — कोचिंग सेंटरों के नए सरकारी नियम