बेंगलुरु: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु के कई वरिष्ठ सदस्यों, जिनमें इंफोसिस के सह-संस्थापक सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन भी शामिल हैं, पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जातिगत भेदभाव और संस्थान में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं.
पूर्व सहायक प्रोफेसर डी. सन्ना दुर्गप्पा (53) ने 27 जनवरी को दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया कि IISc के बोर्ड और गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों ने साजिश रचकर उन्हें सेवा से हटाने की कोशिश की, क्योंकि वह अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से आने वाले बोवी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
बेंगलुरु की II अतिरिक्त सिटी सिविल और सेशंस कोर्ट में दायर शिकायत और याचिका में कहा गया है कि दुर्गप्पा को संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा उठाने के बाद झूठे यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाया गया.
दिप्रिंट ने याचिका और बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर की कॉपी को देखा है.
दिसंबर 2024 में, भारतीय प्रबंधन संस्थान-बेंगलुरु (IIM-B) के प्रोफेसर गोपाल दास ने भी संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का मामला दर्ज कराया था. कर्नाटक सरकार की जांच में वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा जातिगत पूर्वाग्रह के सबूत भी मिले थे.
इसी महीने की शुरुआत में, IIM-B परिसर में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से ताल्लुक रखने वाले शोधार्थी निलय कैलाशभाई पटेल मृत पाए गए. इस घटना के बाद देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में हाशिए पर मौजूद छात्रों के प्रति जातिगत भेदभाव के आरोपों और उनकी स्थिति को लेकर बहस तेज हो गई.
IISc मामले ने अब इस बहस को और अधिक भड़का दिया है.
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शिकायत में क्या कहा गया है
भारत की आईटी राजधानी में यह आरोप बड़ा मुद्दा बन गए हैं, जहां कई लोगों ने आगे आकर इंफोसिस के सह-संस्थापक सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन और IISc के अन्य बोर्ड सदस्यों के समर्थन में अपनी प्रतिक्रिया दी है. गोपालकृष्णन IISc के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य हैं.
“यह बहुत गलत है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गवर्निंग बोर्ड के निर्दोष लोगों पर इस तरह झूठे आरोप न लगें. सभी के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए,” पूर्व इंफोसिस मुख्य वित्तीय अधिकारी टी.वी. मोहनदास पई ने X पर पोस्ट किया.
This is very wrong. Govt should ensure that innocent people in governing boards are not wrongly charged like this. The rights of all should be protected. @dpradhanbjp @PMOIndia @narendramodi @AmitShah @CMofKarnataka https://t.co/MAR4xXKLcl
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) January 28, 2025