scorecardresearch
Thursday, 10 October, 2024
होमएजुकेशनबोर्ड्स के लिए CBSE के 10वीं कक्षा के छात्रों का कैसे होगा मूल्यांकन? विकल्पों पर विचार शुरू

बोर्ड्स के लिए CBSE के 10वीं कक्षा के छात्रों का कैसे होगा मूल्यांकन? विकल्पों पर विचार शुरू

बेंगलुरू, मैसूरू, दिल्ली, नोएडा और सूरत के स्कूलों का कहना है कि उन्होंने सीबीएसई के साथ अपने आंतरिक मूल्यांकन अभ्यास की डिटेल्स साझा की हैं जिसका इस्तेमाल करके बोर्ड, कोई ‘निष्पक्ष मानदंड’ तैयार कर सकता है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि सीबीएसई की दसवीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन की योजना, तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसमें देश भर के बहुत से स्कूलों ने सीबीएसई के साथ अपने आंतरिक मूल्यांकन अभ्यास की डिटेल्स साझा की हैं.

शिक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि कोविड-19 के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं. एक बयान में सरकार ने कहा कि इसके लिए बोर्ड एक ‘निष्पक्ष मानदंड’ तैयार करेगा.

एक हफ्ते के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए बेंगलुरू, मैसूरू, दिल्ली, नोएडा, भुवनेश्वर और सूरत के कई स्कूलों ने कहा कि उन्होंने साल भर में कराई गईं- ऑनलाइन और ऑफलाइन- दोनों तरह की सभी परीक्षाओं की संख्या और उनमें इस्तेमाल किए मूल्यांकन के तरीकों की विस्तृत जानकारी, सीबीएसई के साथ साझा की है. एक स्कूल ने कहा कि अलग-अलग शहरों में सीबीएसई के कॉर्डिनेटर्स ऐसी जानकारी एकत्र कर रहे थे.

सूत्रों ने कहा कि सीबीएसई इस जानकारी का इस्तेमाल करके उपरोक्त ‘निष्पक्ष मानदंड’ तैयार करेगा और आंकलन करने के बाद 10वीं के छात्रों के नतीजे घोषित करेगा.

दिप्रिंट ने सीबीएसई के प्रवक्ता रमा शर्मा से एक टिप्पणी के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.


यह भी पढ़ें: CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी के बेटे आशीष का कोविड संक्रमण से निधन


‘कोई टॉपर्स नहीं होने चाहिए’

बेंगलुरू और मैसूरू में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) प्रबंध मंडल के सदस्य मंसूर अली खान ने कहा कि सीबीएसई ने स्कूलों से ‘हमारे आंतरिक टेस्ट, प्री-बोर्ड्स और मूल्यांकन पैटर्न के बारे में जानकारी’ साझा करने के लिए कहा था. उन्होंने आगे कहा, ‘हम वो पहले ही उनसे साझा कर चुके हैं. हमारे बेंगलुरू और मैसूरू दोनों स्कूलों से’.

डीपीएस सूरत के प्रिंसिपल वामसी कृष्णा ने भी यही बात कही.

उन्होंने ये भी कहा, ‘सीबीएसई की ओर से अभी तक कोई अधिकारिक सूचना नहीं आई है लेकिन बोर्ड द्वारा नियुक्त सिटी कॉर्डिनेटर्स अपने-अपने शहरों में स्कूलों से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं’.

उन्होंने कहा, ‘मसलन सूरत में सिटी कॉर्डिनेटर ने स्कूलों से ऐसी जानकारी मांगी, जैसे स्कूल ने पूरे साल में कितने इम्तिहान कराए हैं, उनमें से कितने ऑनलाइन थे, कितने ऑफलाइन थे और उनका मूल्यांकन करने के लिए क्या तरीके इस्तेमाल किए गए’.

उन्होंने आगे कहा कि सिटी कॉर्डिनेटर्स सारी जानकारी जमा करके बोर्ड के साथ साझा करेंगे.

दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में मॉडर्न पब्लिक स्कूल ने बताया कि उन्होंने सीबीएसई को सारी जानकारियां भेज दी हैं कि परीक्षाएं किस तरह कराई गईं और मिड-टर्म तथा प्री-बोर्ड इम्तिहान किस तरीके से कराए गए.

दिप्रिंट से बात करते हुए प्रिंसिपल अल्का कपूर ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को प्रमोट करना ही सबसे बेहतर विकल्प होगा.

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे खयाल में सबसे अच्छा तरीका ये होगा कि सतत तथा व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) के तहत स्कूलों के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को प्रमोट कर दिया जाए, जिसे फिर आगे बोर्ड को भेजा जा सकता है. मुझे लगता है कि हमें छात्रों की ग्रेडिंग करने, उन्हें रैंक देने और टॉपर्स घोषित करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करना महज़ अटकलबाज़ी होगी, चूंकि परीक्षाएं वास्तव में संचालित नहीं कराई जा सकीं’.

‘इसलिए मुझे लगता है कि इस स्थिति को हैंडल करने के लिए, सीसीई के तहत सामान्य प्रमोट करना ही एक न्याय संगत तरीका हो सकता है’.

भुबनेश्वर स्थित ओडीएम पब्लिक स्कूल ने कहा कि उन्होंने अपने आंतरिक मूल्यांकन की डिटेल्स बोर्ड में दाखिल करा दी हैं लेकिन ‘वो निश्चित नहीं हैं कि आंकलन करने के लिए क्या तरीका अख़्तियार किया जाएगा’.

ओडीएम स्कूल के डायरेक्टर स्वोयन सत्येंदु ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, हमें लगता है कि उनका आंकलन प्री-बोर्ड्स के नंबरों पर आधारित हो सकता है लेकिन ज़्यादा संभावना यही है कि वो, बस छात्रों को प्रमोट करने (जैसा कि आमतौर पर एक क्लास से दूसरी क्लास में होता है) का फैसला कर सकते हैं और उन्हें ग्रेड्स दे सकते हैं’.

नोएडा स्थित दो निजी स्कूलों ने भी इस बात को पुष्ट किया कि उन्होंने अपने आंतरिक मूल्यांकनों की डिटेल्स सीबीएसई के साथ साझा की हैं.

एक स्कूल के प्रिंसिपल ने, जो अपना या अपने स्कूल का नाम छपवाना नहीं चाहते थे, कहा, ‘ज़रूरी है कि सीबीएसई जल्द ही मूल्यांकन की गाइडलाइन्स सामने लाए. हमें उन बच्चों के लिए क्लासेज़ शुरू करनी हैं, जिन्हें 11वीं क्लास में प्रमोट कर दिया गया है’. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बोर्ड के लिए प्री-बोर्ड्स, छात्रों का मूल्यांकन करने का एक अच्छा मानदंड हो सकता है’.

10वीं कक्षा के छात्रों के परिणाम तैयार करने के लिए स्कूल अब सीबीएसई से गाइडलाइन्स का इंतज़ार कर रहे हैं. ज़्यादातर स्कूलों में अगले सेशन की कक्षाएं मई के पहले हफ्ते से शुरू होती हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड के 3.14 लाख से ज्यादा मामले आए, रिकवरी रेट में हो रही गिरावट


 

share & View comments