नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चार साल पहले शुरू किया गया एक ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल दीक्षा कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षकों और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बनकर उभरा है क्योंकि उन्होंने इसका पढ़ाई के लिए काफी इस्तेमाल किया है.
दीक्षा एक एप के साथ-साथ एक वेबसाइट के तौर पर भी उपलब्ध है, जिसमें विभिन्न बोर्डों और भाषाओं में छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हैं और पाठ्यक्रम से इतर विषयों जैसे मानसिक विकास और समावेशी कक्षाएं आदि पर शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल भी है. कोई भी इसे निशुल्क उपयोग कर सकता है लेकिन पोर्टल पर पंजीकरण यूजर को उसकी सारी गतिविधियां को ट्रैक करने में मदद करता है.
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष मार्च में कोविड-19 लॉकडाउन लागू होने के बाद से इस प्लेटफॉर्म को बहुत शानदार रिस्पांस मिला है. 2017 में लॉन्च यह पोर्टल शिक्षा क्षेत्र के लिए सरकार के ई-विद्या लॉकडाउन पैकेज में शामिल किया गया था और तब से इसमें कई अपडेट हुए हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘मार्च 2020 से पोर्टल पर ‘प्रतिदिन औसतन 3 करोड़ हिट’ मिले हैं.’
उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन की अवधि के दौरान हमने पोर्टल पर बहुत काम किया है, इसमें बहुत अधिक सामग्री जोड़ी और इसे शिक्षकों और छात्रों के लिए वन-स्टॉप सोल्यूशन बनाया है. नतीजे देखकर हम वास्तव में बहुत खुश हैं, यह काफी सफल रहे हैं.’
दीक्षा पोर्टल की सुविधाओं का इस्तेमाल करने वाले शिक्षक इससे संतुष्ट हैं जिनके ट्रेनिंग मॉड्यूल का उद्देश्य शिक्षकों के लिए कैरियर की प्रगति और समय-समय पर प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है.
विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रबंधन अधिकारियों ने दिप्रिंट से बातचीत करते हुए कहा कि यह एप उन्हें पाठ्यक्रम से इतर समग्र विषयों को पढ़ाने में सक्षम बनाता है. वे इसे एक ऐसा टूल बताते हैं जो अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है.
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‘उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण सामग्री’
विशाखापट्टनम के एक निजी स्कूल में कक्षा 5 के छात्रों को पढ़ाने वाली आशा फंडसे ने कहा कि उन्होंने दीक्षा पर उपलब्ध सभी ट्रेनिंग मॉड्यूल को पूरा कर लिया है.
उन्होंने कहा, ‘मेरे स्कूल ने हम लोगों को दीक्षा पोर्टल पर टीचर ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध मानसिक विकास और समावेशी कक्षाएं समेत विभिन्न शार्ट कोर्सेस करने को कहा था. मैंने सभी मॉड्यूल पूरे कर लिए हैं, वे छोटे-छोटे और आसान थे. मुझे यह पोर्टल शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए बहुत ही उपयोगी लगता है.’
विभिन्न बोर्डों में 9,500 छात्रों के साथ 11-12 (किंडरगार्टन से कक्षा 12 तक) स्कूल चलाने वाली कानपुर एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी ने कहा कि सभी संस्थानों में पोर्टल का व्यापक स्तर पर उपयोग किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘दीक्षा में उच्च-गुणवत्ता वाली और उपयोगी शिक्षण सामग्री है, जो हमारे सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप है. शिक्षकों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए विस्तृत लेसन प्लान के साथ इसके संसाधनों का इस्तेमाल करना काफी पसंद आता है, वर्कशीट, एक्टीविटीज, वीडियो और टेक्स्ट के साथ पढ़ाना एकदम कक्षा में पढ़ाने जैसा अनुभव देता है.’
चतुर्वेदी ने कहा, ‘एप छात्रों की जरूरतों और चुनौतियों को समझने में भी हमारी मदद करता है, जिससे शिक्षक किताबी ज्ञान से इतर समग्र शिक्षण सामग्री पर काम कर पाते और छात्रों के व्यक्तित्व विकास में भी सहयोग करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब भी छात्र चाहें, तब इस पाठ्यसामग्री को देख और इस्तेमाल कर सकते हैं.’
दिल्ली के शालीमार बाग में मॉडर्न पब्लिक स्कूल (एमपीएस) की प्रिंसिपल अलका कपूर ने दीक्षा को ‘एक बेहतरीन मंच’ बताया जो देशभर के शिक्षकों के लिए उपयोगी है.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि हमने हमेशा शिक्षा को कुशल और प्रभावी बनाने को प्राथमिकता दी है, इसलिए हम इस प्लेटफॉर्म का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘एमपीएस में शिक्षक दीक्षा पोर्टल के माध्यम से क्विज आयोजित करते हैं और नियमित रूप से उन मॉड्यूल का इस्तेमाल करते हैं ताकि छात्रों को एकेडमिक कांसेप्ट को गहराई से समझाया जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘एमपीएस में हम टीचर ट्रेनिंग पर भी खासा जोर देते हैं और पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने नवीनतम टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिये हमारे शिक्षक अपनी रुचि/विषयों के आधार पर पढ़ाने के नए-नए तरीकों से अपडेट भी रहते हैं.
कपूर ने आगे कहा, ‘दीक्षा पोर्टल एक शानदार प्लेटफार्म है जो देश के सभी शिक्षकों को एक ही मंच पर लाता है.’
उन्होंने कहा, ‘यह सही समय पर सही जानकारी की सुविधा देकर छात्रों और शिक्षकों की मदद कर सकता है.’
हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली सोनम अग्रवाल ने कहा कि पोर्टल पर ‘शिक्षकों के लिए नवीनतम जानकारियों और पढ़ाने के तरीकों से अपडेट रहने के लिए बहुत अच्छे मॉड्यूल हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए सीबीएसई और हमारे स्कूल से दीक्षा पोर्टल का उपयोग करने के निर्देश मिलते हैं. हम इसका उपयोग अपने छात्रों के लिए भी करते हैं लेकिन ज्यादातर बड़ी कक्षाओं के लिए, 9 वीं से 12 वीं तक. हम उन्हें एप पर वर्कबुक और टेक्स्टबुक का उपयोग करने की सलाह देते हैं.’
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