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Thursday, 25 April, 2024
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उच्च शिक्षा में ST छात्रों का नामांकन लगभग 50% बढ़ा, SC और OBC के भी बढ़ रहे आंकड़े: शिक्षा मंत्रालय

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार 2014-15 के बाद से एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के नामांकन संख्या में वृद्धि देखी गई हैं. कुल नामांकन 2020-21 में पहली बार 4 करोड़ अंक को पार कर गया.

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नई दिल्ली: ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) ने रविवार एक रिपोर्ट जारी किया जिसके अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के छात्रों का समग्र नामांकन प्रतिशत 2014-15 से 2020-21 तक उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जिसमें एसटी छात्रों ने लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

शिक्षा मंत्रालय के इस वार्षिक सर्वेक्षण से छात्र नामांकन और देश में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या का पता चलता हैं.

सर्वेक्षण के अनुसार, 2020-21 में कुल 4.14 करोड़ छात्र – पहली बार 4 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाले – भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित थे, जिनमें से 14.2 प्रतिशत एससी के हैं, 5.8 प्रतिशत एसटी के हैं, 35.8 प्रतिशत ओबीसी से हैं और शेष 44.2 प्रतिशत छात्र अन्य समुदायों से हैं.

2014-15 से 2020-21 तक एससी छात्रों का नामांकन 27.98 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि 2014-15 में, 46.06 लाख एसटी छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित किया गया था, 2020-21 में इसी अवधि में यह संख्या 58.95 लाख हो गई थी.

इसी तरह, एसटी छात्रों का नामांकन 2014-15 में 16.41 लाख छात्रों से बढ़कर 2020-21 में 24.1 लाख छात्रों तक पहुंच गया, जिसमें 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘2020-21 में ओबीसी छात्रों का नामांकन लगभग 1.48 करोड़ है, जो 2014-15 की तुलना में 31.67 प्रतिशत अधिक है.’

साथ ही, 2020-21 में कुल छात्र नामांकन 4.14 करोड़ था, जो 2019-20 से 7.5 प्रतिशत और 2014-15 से 21 प्रतिशत अधिक था. छात्रों की कुल संख्या में 51.3 प्रतिशत पुरुष और 48.7 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.

उच्च शिक्षा में ग्रोस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) भी 27.3 फीसदी पर पहुंच गया है. जीईआर कुल जनसंख्या में कॉलेज जाने वाले 18-23 वर्षीय अडल्ट्स का अनुपात है. इसकी गणना 2011 की जनगणना के अनुसार की गई है.

प्रत्येक संस्थान के नामांकन के हिसाब से बात करें तो सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में निजी संस्थानों की बड़ी हिस्सेदारी के बावजूद अधिकांश नामांकन सरकारी संस्थानों में होता हैं.

‘सरकारी विश्वविद्यालय जो कुल विश्वविद्यालयों का 59.1 प्रतिशत हैं, छात्रों के कुल नामांकन में 73.1 प्रतिशत का योगदान करते हैं. जबकि, निजी विश्वविद्यालय, जो कुल उच्च शिक्षा संस्थानों का 40 प्रतिशत हैं, कुल नामांकन का केवल 26.3 प्रतिशत है.’

शिक्षा मंत्रालय 2011 से एआईएसएचई का संचालन कर रहा है, जिसमें देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थान शामिल हैं. सर्वेक्षण विभिन्न मापदंडों पर विस्तृत जानकारी एकत्र करता है, जैसे छात्र नामांकन, शिक्षक का डेटा, इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी और वित्तीय जानकारी.

(संपादन | अनुवाद: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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