नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर स्टूडेंट्स, टीचर्स और अभिभावक कई तरह के कयास लगा रहे हैं. हालांकि सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारियां कर रही है. समय समय पर शिक्षा जगत से जुड़े कई सवालों का जवाब देने केंद्रीय शिक्षामंत्री सोशल मीडिया का सहारा ले चुके हैं वह गुरुवार को एक बार फिर सोशल मीडिया पर एनईपी को लेकर छात्रों, पैरेंट्स और टीचर्स के मन में उठ रहे सवालों का जवाब लेकर हाजिर हुए.
शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने #NEPTransformingIndia के तहत ट्विटर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े सवालों का जवाब दिया. इस दौरान देशभर से छात्रों ने शिक्षा मंत्री से एनईपी से जुड़े सवाल दागे, शिक्षामंत्री भी हर सवाल का एक एक कर जवाब देते दिखे. छात्रों ने एनईपी कब लागू होगी और इससे छात्रों को क्या फ़ायदा होगा जैसे सवाल भी पूछे.
सशांक दास नाम के एक ट्विटर यूज़र ने पूछा कि एनईपी को कब लागू किया जाएगा. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘तमाम हितधारकों के साथ चर्चा करते हुए एनईपी को लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है. एनईपी में दी गई टाइमलाइन के मुताबिक वास्तविक तरीके से इसे लागू किया जाएगा.’
"#Implementation plan of #NEP2020 is under preparation with due consultation with various stakeholders.The actual implementation will be carried out as per the timelines envisaged in #NEP. #NEPTransformingIndia https://t.co/gLxr7wLUiv
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 1, 2020
उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट करके अपील की थी कि छात्र उनसे एनईपी से जुड़े सवाल पूछें.
शिक्षा मंत्री की इस अपील के बाद उनके ट्विटर एकाउंट पर नई शिक्षा नीति से जुड़े तमाम तरह के सवाल लोगों ने पूछे . ऐसे ही एक यूजर समीर ख़ान ने पूछा, ‘एनईपी कब लागू की जाएगी और इसमें प्रस्तावित 5+3+3+4 स्ट्रक्चर क्या है?’
The National Curriculum for school education, which will come in 2021, will clearly define the 5+3+3+4 structure proposed in #NEP in detail. In this new structure, pre-school (age 3 to 6) will become an integral part of school education. #NEPTransformingIndia https://t.co/4jb3Waasye
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 1, 2020
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने लिखा, ‘एनईपी में प्रस्तावित 5+3+3+4 स्ट्रक्चर को 2021 में आने वाला स्कूली शिक्षा से जुड़ा नेशनल करिकुलम स्ट्रक्चर ठीक से परिभाषित करेगा. इसमें तीन से छह साल के बच्चों के लिए प्री स्कूल एक अहम हिस्सा बन जाएगा.’
बता दें कि इसी साल 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति के लिए मोदी कैबिनेट से हरी झंडी दे दी थी जिसके तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. इसी के तहत शिक्षा नीति में भी कई तरह के बदलाव किए गए जिनमें स्कूली शिक्षा में 1-5वीं तक पढ़ाई में क्षेत्र विशेष की मातृभाषा का इस्तेमाल किया जाएगा. अभी तक चले आ रहे पहले के 10+2 के स्ट्रक्चर को बदलकर 5+3+3+4 कर दिया गया है.
पॉलिसी का लक्ष्य रट्टा मार पढ़ाई के बजाए भारतीय शिक्षा व्यवस्था को समग्र और स्किल आधारित शिक्षा की ओर ले जाना है. इस नीति का आधार वो ड्राफ़्ट है जिसे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन नीत पैनल द्वारा तैयार किया गया था.
यह भी पढ़ें: शिक्षा नीति को लागू करने से जुड़े 15 लाख सुझाव मिले, 2022 तक तैयार होगा नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क: पीएम मोदी
शिक्षा मंत्री से चल रहे सवाल जवाब में लक्ष्य छाबरिया नाम के एक छात्र ने पूछा कि जैसा कि एनईपी में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए सेकेंडरी लेवल पर नए कैरिकुलम स्ट्रक्चर का प्रस्ताव है, क्या इसके लिए अभी तक मौजूदा 12वीं की कक्षाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा.
New Curricular Structure at secondary level will be part of #NEP's implementation. Samagra Shiksha, an integrated scheme for school #education, already has provisions for up-gradation of schools up to Higher Secondary level based on proposals by States/UTs. #NEPTransformingIndia https://t.co/z6Yn0miWUv
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 1, 2020
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत पहले से ही हायर सेकेंडरी के स्तर तक स्कूलों के अपग्रेडेशन का प्रवाधान है. ये अपग्रेडेशन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्ताव पर होता है.’
इस चर्चा के दौरान ज़्यादातर छात्रों ने शिक्षा मंत्री निशंक से एनईपी को लागू किए जाने की योजना से जुड़े सवाल पूछे. वहीं अरुण किरण फेफका नाम के एक यूज़र ने पूछा, ‘फ़िज़िकल एजुकेशन टीचर और स्पोर्ट्स स्लेबस की एनईपी 2020 में क्या भूमिका है. क्या इसमें किसी फ़िज़िकल प्रोग्राम को ज़रूरी बनाया गया है?’
Sports-integrated learning will be undertaken in classroom transactions to help students adopt fitness as a lifelong attitude & to achieve the related life-skills along with the levels of fitness as envisaged in the #FitIndiaMovement. #NEPTransformingIndia https://t.co/0pPWxobpC0
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 1, 2020
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनईपी में नए एनसीएफ़एसई का प्रस्ताव है. इसके तहत रोज़ाना क्लास में होने वाली गतिविधि से स्पोर्ट्स को जोड़ा जाएगा. रोहन राणा नाम के एक यूज़र ने पूछा कि क्या 12वीं में छात्र किसी भी स्ट्रीम से जुड़ा विषय चुन सकते हैं?
#NEP recommends no hard separation between arts and science and provides for flexibility in choosing subjects. The National Curriculum Framework, being prepared by @ncert, will incorporate the above elements. #NEPTransformingIndia https://t.co/4xUGV7EH28
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 1, 2020
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनईपी में आर्ट्स और साइंस के बीच कोई मोटी लकीर नहीं खींची गई और विषय चुनने के मामले में लचीलेपन का रुख़ अख़्तियार किया गया है. अचानक से 29 जुलाई को जारी की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नरेंद्र मोदी सरकार ने बहुत ज़ोर शोर से पेश किया है.
कैबिनेट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद इसमें मौजूद मातृभाषा को लेकर कही गई बातों पर काफ़ी बहस हुई. वहीं, दिप्रिंट को दिए गए एक इंटरव्यू में शिक्षा मंत्री ने इस बात का आश्वासन भी दिया था कि शिक्षा पर जीडीपी के 6 प्रतिशत ख़र्च को जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: शिक्षा पर जीडीपी के 6% खर्च को सुनिश्चित किया जाएगा, एनईपी एक समान रूप से लागू होगी: रमेश पोखरियाल