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Thursday, 19 December, 2024
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4 साल में होगी ऑनर्स की डिग्री, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प-FYUP पर UGC की नई गाइडलाइन

चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के तहत, यूजीसी छात्रों को 3 साल के स्नातक पाठ्यक्रम और रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ 4 साल के यूजी कोर्स के बीच चयन करने का विकल्प देगा.

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नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की गाइडलाइन जारी कर दी.

जैसा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सुझाव दिया गया था कि एफवाईयूपी में छात्रों के पास तीन वर्षीय स्नातक डिग्री और रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय स्नातक डिग्री के बीच चयन करने का विकल्प होगा. यूजीसी के हालिया गाइडलाइन के मुताबिक, छात्रों को अब तीन के बजाय चार साल में ऑनर्स की डिग्री मिलेगी.

यूजीसी की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, छात्र 120 क्रेडिट (अकादमिक घंटों की संख्या के जरिए मापा गया) पूरा करने पर तीन साल में यूजी डिग्री ले सकते हैं और 160 क्रेडिट पूरा करने पर चार साल में ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. अगर वे रिसर्च स्पेशलाइजेशन की तरफ जाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने चार साल के पाठ्यक्रम में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा. इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. इस डाक्यूमेंट की एक प्रति दिप्रिंट के पास है.

एफवाईयूपी में छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प भी होगा. अगर वे किसी कारणवश तीन साल से पहले कॉलेज छोड़ देते हैं और अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अगले तीन सालों में फिर से अपनी पढ़ाई पूरी करने की इजाजत दी जाएगी. सात साल के अंदर छात्र कभी भी अपनी डिग्री पूरी कर सकता है.

गाइडलाइन के मुताबिक, एफवाईयूपी के करिकुलम में मेजर स्ट्रीम कोर्सेस, माइनर स्ट्रीम कोर्स, अन्य विषयों के पाठ्यक्रम, लैंगुएज कोर्स, स्किल कोर्सेज और एनवायरमेंटल एजुकेशन पर पाठ्यक्रम का एक सेट, अंडरस्टेंडिग इंडिया, डिजिटल और तकनीकी समाधान, हेल्थ एंड वैलनेस, योग शिक्षा और खेल एवं फिटनेस शामिल है. दूसरे सेमेस्टर के आखिर में छात्र अपने चुने हुए प्रमुख कोर्स को आगे पढ़ने या फिर उसे बदलने का फैसला ले सकते हैं.

यहां एक मेजर डिसिप्लिन का मतलब मुख्य विषय से है, जिस पर छात्र का पूरा फोकस होगा और उसी डिसिप्लिन में उसे डिग्री दी जाएगी. इसमें 50 प्रतिशत अकादमिक क्रेडिट शामिल होगा. माइनर विषय में एक छात्र को मेजर डिसिप्लिन से परे व्यापक समझ हासिल करने में मदद करेगी. इन पाठ्यक्रमों में वोकेशनल कोर्सेज शामिल हैं जो छात्रों को जॉब-ओरिएंटेड स्किल सीखने में मदद करेंगे.

गाइडलाइन में लिखा है, ‘उदाहरण के लिए, अगर एक अर्थशास्त्र स्ट्रीम से पढ़ने वाला छात्र सांख्यिकी में पाठ्यक्रमों के समूह से कम से कम 12 क्रेडिट प्राप्त करता है, तो छात्र को इकोनॉमिक्स में माइनर स्टैटिक्स के साथ अर्थशास्त्र की डिग्री दी जाएगी.’

छात्रों के पास सिंगल या डबल प्रमुख विषय के साथ यूजी में जाने का विकल्प भी होगा. नोटिस में कहा गया है, ‘एक छात्र को 3 या 4 साल की सिंगल मुख्य विषय डिग्री पाने के लिए उस सब्जेक्ट में न्यूनतम 50 प्रतिशत क्रेडिट पाना होगा.’

‘मेजर डिसिप्लिन’ को परिभाषित करते हुए नोटिस में कहा गया है, ‘मेजर विषय या डिसिप्लिन एक छात्र को किसी खास सब्जेक्ट का गहन अध्ययन करने का मौका देगा. छात्रों को पहले साल के दौरान इंटर डिसिप्लिनरी सब्जेक्ट पढ़ने का विकल्प भी दिया जाएगा और छात्र चाहे तो दूसरे सेमेस्टर के आखिर में अपने प्रमुख विषय को बदल सकता है.

नोटिस में आगे लिखा है कि, ‘छात्रों के पास वोकेशनल कोर्स से संबंधित विषयों / अंतर संकायी गौण विषय (माइनर) और स्किल आधारित कोर्स से पाठ्यक्रम चुनने का विकल्प होगा. जो छात्र एक विषय में पर्याप्त संख्या में कोर्स का चयन करते हैं या प्रमुख विषय के अलावा अध्ययन के लिए इंटरडिसिप्लिनरी सब्जेक्ट को चुनते हैं तो उन्हें माइनर या इंटरडिसिप्लिनरी विषय में डिग्री दी जाएगी.’

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