नई दिल्ली: एक विदेशी अध्ययन मंच लीपस्कॉलर के एक सर्वे में पाया गया है कि 62 फीसदी भारतीय छात्रों को अभी भी धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने और उसके उच्चारण में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
2019 में स्थापित लीपस्कॉलर, विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को सभी तरह की सेवा देने वाले दक्षिण एशिया के सबसे बड़े मंच लीप का हिस्सा है. इसने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और करियर बनाने वाले छात्रों के लिए एंड-टू-एंड सेवाओं के ‘प्लेटफॉर्म वे’ का बीड़ा उठाया है.
लीपस्कॉलर के साथ 20 लाख से ज्यादा छात्र जुड़े हुए हैं. इसने 60,000 इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज सिस्टम (आईईएलटीएस) उम्मीदवारों पर एक सर्वे किया.
आईईएलटीएस अंग्रेजी भाषा का एक अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट है, जो गैर-अंग्रेजी भाषी देशों के छात्रों को अंग्रेजी बोलने वाले देशों में शिक्षा के लिए आवेदन करते समय देना होता है.
लीपस्कॉलर के सर्वे से पता चला है कि भले ही 71 फीसदी आईईएलटीएस एस्पिरेंट्स ने स्कूल में अंग्रेजी में पढ़ाई की हो, लेकिन उन्हें इस भाषा में अचानक से बातचीत करने में काफी मुश्किलें आती है. इसके अलावा सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत छात्रों ने स्वीकार किया कि वे अंग्रेजी में अपनी बात ठीक ढंग से न रख पाने पर, बीच-बीच में अपनी क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं.
सर्वे ने संकेत दिया कि छात्रों के लिए ‘स्पीकिंग’ और ‘राइटिंग’ टेस्ट सबसे मुश्किल लगता है. ‘रीडिंग’ टेस्ट के दौरान 37 फीसदी ने पाया कि एकाग्रता उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, जबकि 36 प्रतिशत उत्तरदाताओं को गद्यांश के अर्थ को समझना मुश्किल लगा. स्पीकिंग टेस्ट में 27 फीसदी ने माना कि उन्हें अपनी शब्दावली और आत्मविश्वास में काफी सुधार की जरूरत है.
उत्तरदाताओं में से 56 फीसदी ने यह भी बताया कि वे अपनी लिसनिंग स्किल में सुधार पर काम करना चाहते हैं. आईईएलटीएस परीक्षा का यह बेहद अहम हिस्सा है.
लीपस्कॉलर के सह-संस्थापक वैभव सिंह ने एक प्रेस बयान में अंग्रेजी शिक्षा की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा, “विदेशों में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, अंग्रेजी भाषा पर प्रवाह और कमांड बेहद महत्वपूर्ण है. आज की वैश्वीकृत दुनिया में अंग्रेजी भाषा इंंटरा-नेशनल और इंटरनेशनल कम्युनिकेशन का माध्यम है.’
यह भी पढ़ें : Covid में मां-बाप को खोने वाले करीब 200 बच्चों का KV में एडमिशन कराया – केंद्र सरकार
अंग्रेजी सीखने में सहायता करता ओटीटी
सर्वे के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि लगभग 68 फीसदी उत्तरदाता आईईएलटीएस परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग को तरजीह देते हैं. उत्तरदाताओं ने दावा किया कि कोविड की वजह से सीखने के ऑनलाइन मोड में बदलाव ने उन्हें परीक्षा की बेहतर तरीके से तैयारी करने में मदद की है.
42 प्रतिशत से ज्यादा ने कहा कि वे ग्लोबल ऐक्सेंट सीखने के लिए सैंपल टेस्ट का नियमित अभ्यास करते हैं इसकी तुलना में 33 फीसदी ने कहा कि वे अंग्रेजी भाषा में सुधार के लिए हॉलीवुड फिल्में और टीवी शो जैसे द ऑफिस, सूट और अन्य शो को देखना पसंद करते हैं.
सिंह ने अपने बयान में कहा, ‘सर्वे के सटीक निष्कर्ष एक भारतीय छात्र की संपूर्ण आईईएलटीएस तैयारी की यात्रा के बारे में बताते हैं.’
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें : अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए पढ़ना हुआ मुश्किल, रुपये के गिरने से महंगी हुई पढ़ाई