नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इस साल अक्टूबर में भारत और चीन के बीच सैनिकों की वापसी पर सहमति बनने से दोनों देशों को तनाव कम करने पर चर्चा करने के साथ-साथ से अपने संबंधों का विस्तार करने का मौका मिलेगा.
लोकसभा में एक बयान में, जयशंकर ने कहा, “हम स्पष्ट हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना हमारे संबंधों के विकास के लिए एक शर्त है. आने वाले दिनों में, हम सीमा क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों के प्रभावी प्रबंधन के साथ-साथ तनाव कम करने पर भी चर्चा करेंगे.”
उन्होंने कहा, “सैन्य वापसी के चरण का समापन अब हमें हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हित को सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रखते हुए, हमारे द्विपक्षीय जुड़ाव के अन्य पहलुओं पर एक अंशांकित तरीके से विचार करने की अनुमति देता है.”
जयशंकर का यह बयान लगभग 45 दिन बाद आया है, जब भारत ने पहले सैनिकों की वापसी के लिए सहमति की घोषणा की थी, और डेपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग और चराई अधिकारों को पूरी तरह से बहाल करने का भी ऐलान किया था.
विदेश मंत्री (EAM) ने जिसे “सैनिकों की वापसी के चरण” के रूप में बताया, उस अंतिम समझौते का परिणाम 2020 के जून से लेकर अब तक, गलवान में हुई झड़पों के बाद, 21 दौर के कोर कमांडर्स वार्ता और भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यशील तंत्र (WMCC) की 17 दौर की वार्ता का था.
21 अक्टूबर के समझौते, जिसकी पहली बार घोषणा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की थी, ने 23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूसी शहर कज़ान में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक का मार्ग प्रशस्त किया. पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय बैठक थी.
हालांकि, 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान गलवान में हुई झड़प के बाद से, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के अन्य सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं.
हाल के महीनों में, चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए जोर दे रहा है, खासकर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध हटाने के मामले में. भारत ने कोरोना काल के दौरान लागू की गई उड़ान प्रतिबंधों को बनाए रखा है, जिससे बीजिंग की घरेलू एयरलाइनों के लिए बाजार सीमित हो गया है.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 18 नवंबर, 2024 को ब्राजील के शहर रियो डी जनेरियो में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से इतर दोनों के बीच बैठक के दौरान जयशंकर के साथ सीधी उड़ानों और अधिक वीजा का मुद्दा उठाया.
जयशंकर-वांग मुलाकात के दौरान भारत ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर भी जोर दिया. जुलाई में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और आसियान बैठकों के मौके पर द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों के बीच पिछले महीने की बैठक इस साल की तीसरी बैठक थी.
जयशंकर ने लोकसभा को यह भी बताया कि सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों – भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के लिए वांग – के बीच बैठकें “जल्द ही” बुलाए जाने की उम्मीद है. अक्टूबर में मोदी-शी की बैठक में विदेश मंत्री और विशेष प्रतिनिधि दोनों स्तरों पर बातचीत फिर से शुरू करने का निर्देश दिया गया.
21 अक्टूबर के समझौते के बाद भारतीय सेना ने डेपसांग मैदानों में अपनी पहली गश्त की. जयशंकर के अनुसार, सत्यापन गश्त पूरी हो चुकी है और “पारंपरिक क्षेत्रों” में गश्त गतिविधियों की बहाली वर्तमान में चल रही है.
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