scorecardresearch
Wednesday, 1 May, 2024
होमडिफेंसऔपचारिक नियुक्तियों के बाद सैन्य मामलों का यह विभाग कैसे कार्य करेगा

औपचारिक नियुक्तियों के बाद सैन्य मामलों का यह विभाग कैसे कार्य करेगा

वर्दीधारी अधिकारियों को संयुक्त सचिव रैंक दिए जाने के साथ ही अब सभी फाइलों को फैसलों के लिए सैन्य मामलों के विभाग के सेक्रेटरी के पास ले जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी.

Text Size:

नई दिल्ली : औपचारिक नियुक्ति संबंधी आदेश पिछले हफ्ते जारी हो जाने के बाद रक्षा मंत्रालय के अधीन सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) में अब नामित वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती हो गई है, जिनमें एडिशनल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी के तौर पर सैन्य वर्दी वाले अफसर भी शामिल हैं.

जनरल रावत के पास डीएमए के सेक्रेटरी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) दोनों का पद है.

चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रमुख वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन वाइस सीडीएस होंगे, लेकिन अभी इसके लिए औपचारिक आदेश आने बाकी हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी को डीएमए में एडिशनल सेक्रटरी के रूप में नियुक्त किया गया है. वह कैबिनेट की नियुक्ति समिति की तरफ से नियुक्ति के बाद औपचारिक तौर पर यह पद संभालने वाले पहले सैन्य वर्दीधारी अधिकारी बन गए हैं. यह पद पारंपरिक रूप से आईएएस अधिकारी ही संभालते रहे हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

मेजर जनरल के. नारायणन को ज्वाइंट सेक्रेटरी (सेना) और रियर एडमिरल कपिल मोहन धीर को ज्वाइंट सेक्रेटरी (नौसेना) नियुक्त किया गया है. एयर वाइस मार्शल हरदीप बैंस को ज्वाइंट सेक्रेटरी (वायु सेना) बनाया गया है.

सरकार ने पहले शांतनु को ज्वाइंट सेक्रेटरी (पार्लियामेंट एंड वर्क्स) और राजीव सिंह ठाकुर को ज्वाइंट सेक्रेटरी (इस्टैबलिशमेंट एंड कोऑर्डिनेशन) नियुक्त किया था.

अब तक वर्दीधारी अधिकारी केवल ऑफिशिएटिंग क्षमता में ही पदों को संभालते रहे है. इसका मतलब यह था कि सभी फाइलों को फैसलों के लिए सेक्रेटरी, डीएमए के पास भेजना अनिवार्य होता था.

लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि नियुक्तियों के कारण मिली शक्तियों के तहत अब ये अधिकारी ही फाइलों को निपटा सकेंगे.


यह भी पढ़ें: कोविड संकट के बीच लद्दाख में डटे हुए हैं भारतीय सैनिक लेकिन निर्माण गतिविधियां जारी


डीएमए की जिम्मेदारियां

दिप्रिंट ने जैसा 2019 में बताया था कि डीएमए सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े मामलों को देखेगा. मौजूदा समय में सीडीएस का तीनों सेनाओं पर कोई ऑपरेशनल कंट्रोल नहीं होगा, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित सेवा प्रमुखों के पास ही रहेगी.

डीएमए सभी तीनों सेनाओं और टेरीटोरियल आर्मी और बलों के लिए—कैपिटल एक्वीजिशन को छोड़कर—सभी खरीद सौदों और अन्य विभिन्न कार्यों को देखेगा.

संयुक्त प्लानिंग और जरूरतों को एक साथ जोड़कर रक्षा खरीद, ट्रेनिंग, और सैन्य बलों के लिए भर्ती की ‘साझा प्रक्रिया’ को बढ़ावा देना भी इसकी जिम्मेदारियों में शुमार है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: सेना को मिली बड़ी ताकत, मोदी सरकार ने अधिकारियों को एडिशनल और ज्वाइंट सेक्रेटरी के अधिकार दिए


 

share & View comments