हैदराबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद से भारत जिस तरह से निपटा है उसने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है और सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है. इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है लेकिन देश के आत्म-सम्मान को किसी भी तरह का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हैदराबाद में डिंडीगुल वायुसैनिक अड्डे पर संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ‘चीन के रवैये ने उसके इरादों को जाहिर कर दिया’.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है. यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है.’ सिंह ने कहा कि भारत को कई देशों का समर्थन मिला है और उसकी सराहना भी हुई है.
गतिरोध का हल निकालने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर हुई कई दौर की वार्ता का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं दोहराना चाहता हूं कि हम संघर्ष नहीं शांति चाहते हैं, लेकिन देश के आत्मसम्मान को किसी भी तरह का नुकसान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.’
उन्होंने यह भी कहा कि देश किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है.
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सीमाओं पर छिटपुट संघर्षों को अंजाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि चार युद्धों में भारत से पराजित होने के बावजूद पड़ोसी देश आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध छेड़ रहा है, लेकिन सैन्य बल और पुलिस आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं.
पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के शिविरों पर भारत के हवाई हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत न केवल देश के भीतर आतंकवाद से प्रभावी ढंग से मुकाबला कर रहा है बल्कि सीमाओं के बाहर जाकर भी कार्रवाई कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यह दुनिया को भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत इरादों को दर्शाता है.
पढ़िए सब कुछ जो रक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा
आज, इंडियन एयरफोर्स एकेडमी की पासिंग आउट परेड में, आप सभी के बीच आकर मुझे बेहद खुशी, और गौरव की अनुभूति हो रहीहै. कल से अभी तक, मेरा यह अनुभव लगातार मजबूत होता गया है, कि मैं देश के best, और brightest कैडेट्स के बीच मौजूद हूँ, जो अब trainee से commissioned officer बनने वाले हैं.
मुझे जानकारी दी गई है कि आज इस Academy का Hundredth batch पास आउट हो रहा है. इसलिए आपके लिए यह पल दोगुनी ख़ुशी का पल होना चाहिए. ख़ुशी के इस पल को बहुत से लोग, ख़ासतौर पर trainees के परिवार के लोग ऑनलाइन देख रहे हैं. मैं उनका भी स्वागत करता हूँ.
Indian Airforce,Army, Navy, CoastGuards और ‘हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड’ के trainees को ट्रेनिंग देने वाली इस Highly reputed Academy ने, देश को एक से बढ़कर एक शानदार officers दिए हैं. इन officers ने न केवल अपना, बल्कि भारत का नाम भी ऊंचा किया है.
आप भी, जैसे ही अपने कदम इस अकादमी के बाहर रखेंगे, न केवल आपके कमांड की, बल्कि पूरे देश की निगाहें आपके ऊपर होंगी. आपको भी उसी नक़्शे कदम पर चलते हुए, देश के मान सम्मान और स्वाभिमान की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना होगा. अपने देश के प्रहरी होने का गौरव, और ज़िम्मेदारी बड़े सौभाग्य की बात होती है . मुझे पूरा भरोसा है कि आप इस ज़िम्मेदारी को पूरी मुस्तैदी और ईमानदारी से निर्वाह करेंगे.
आज, जब वायुसेना की यह प्रतिष्ठित एकेडमी, अपनी गोल्डन जुबली से बस कुछ कदम दूर है, हम संकल्प लें, कि अपने राष्ट्र की सुरक्षा, सम्मान और उसके प्रति समर्पण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. देश की रक्षा का हमारा दायित्व और कर्तव्य सर्वोपरि होगा, और हम किसी भी परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहेंगे.
अभी जब आपकी parade मेरे सामने से गुजर रही थी, तो मैं उसमें अपने देश का आगे बढ़ता हुआ, सुनहरा और सुरक्षित भविष्य देख रहा था. इतनी high class की आपकी drill, आपका turnout (वेश-भूषा) और सबसे important, आपके इतने नपे-तुले और सधे हुए कदमों की कदमताल… excellent.
कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आपकी यह क्षमता ही किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी. यही क्षमता तो हमारी armed forces को मज़बूत बनाती है.
आप लोगों के, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी और कोस्टगार्ड में ऑफिसर बनने का साक्षी होते हुए मुझे भी गौरव की अनुभूति हो रही है. विशेष उपलब्धियों और सम्मान के साथ पास होने वाले कैडेट्स को मैं अपनी ओर से बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ.
देश सेवा के लिए प्रोत्साहित करने, और कदम-कदम पर साथ देने के लिए मैं आपके माता-पिता समेत पूरे परिवार को भी धन्यवाद देता हूँ और उनका अभिनंदन भी करता हूँ. मैं उस ट्रेनिंग टीम की भी सराहना करता हूँ, जिन्होंने आपको सामान्य इंसान से फ़ौलाद बनाने में दिन-रात कड़ी मेहनत की है.
साथियों, अब आप जिस संगठन के अंग हैं, उसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है. देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए Indian Airforce ने जरूरत पड़ने पर, दुश्मनों के हौसले पस्त करने वाले शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन किया है.
1961 के ‘गोवा मुक्ति संग्राम’ से लेकर 65 के ‘Indo-Pak युद्ध’, 71 के ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम’ और ‘लोंगेवाला’ में आपका प्रदर्शन, 84 के ‘ऑपरेशन मेघदूत’, 99 में ऑपरेशन ‘सफ़ेद सागर’ और हाल ही में ‘बालाकोट’ के कुछ ऐसे अध्याय हैं, जो न केवल वायुसेना के, बल्कि हमारे देश के इतिहास के ‘ Golden Chapters’ हैं.
हमारे Air Warriors ने जिस तरह अपना सर्वस्व दाँव पर लगाकर, देश की आन बान शान पर कोई आँच नहीं आने दी, वह अपने आप में एक मिसाल है. शुरू से लेकर अब तक, हमारे aircrafts भले बदल गए हों, equipment भी भले बदल गए हों, पर राष्ट्र की सुरक्षा का संकल्प, जोश और जुनून आज भी ठीक उसी तरह, एक विरासत के रूप में बरकरार है, जिसके आप ही वारिस हैं. अब इस विरासत को न केवल आपको सहेज कर रखना है बल्कि एक वारिस के तौर पर उसे और आगे भी ले जाना है.
साथियों, अब तक Academy में आपने जो अनुभव लिए हैं, सर्विस के दौरान आपके अनुभव उससे बहुत अलग होंगे. हमें उनके लिए न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य की दृष्टि से भी तैयार रहना होगा.
Northern Sector में हाल ही में हुए Indo-China stand-off से आप सभी परिचित हैं. कोविड जैसे संकट के समय में चीन का यह रवैया उस देश की नीयत को दिखाता है.
हालांकि हमने यह दिखा दिया है कि अब यह हमारा भारत कोई कमजोर भारत नहीं है. यह एक नया भारत है जो किसी भी तरह के transgression, aggression या सीमाओं पर किसी भी तरह के unilateral action का माकूल और मुक्कमल जवाब देने की कूवत रखता है.
हमारे द्वारा उठाए गए कदमों की प्रसंशा और समर्थन कई बड़े देशों द्वारा भी हुई है, आप सब भी इससे अवगत होंगे. हम किसी भी विवाद का समाधान, शांतिपूर्ण और बातचीत के जरिए ही निकालने में यकीन रखते हैं.
दोनो देशों के बीच Military और Diplomatic channels के ज़रिए बातचीत हो रही है. मैं आज के इस अवसर पर फिर से कहना चाहूँगा कि हम संघर्ष नहीं बल्कि शांति चाहते हैं. मगर देश के स्वाभिमान पर किसी भी तरह की चोट हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम किसी भी स्थिति का मुक़ाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
इसी तरह western sector में, पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर आए दिन हमारा पड़ोसी कुछ न कुछ नापाक हरकतें करते रहता है. एक नहीं बल्कि चार युद्धों में मात खाने के बाद भी पाकिस्तान आतंकवाद के ज़रिए एक प्रॉक्सी वार लड़ रहा है. आतंकवाद की चुनौती के ख़िलाफ़ हमारी सेना, सुरक्षा बल और पुलिस पूरी मज़बूती से मुक़ाबला कर रही है.
अब तो भारत आतंकवादियों के ख़िलाफ़ देश के भीतर ही नहीं बल्कि सीमा पार जाकर भी प्रभावी कारवाई कर रहा है. बालाकोट में Indian Airforce ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ प्रभावी कारवाई करके सारी दुनिया को भारतीय सेना की ताक़त और आतंक के ख़िलाफ़ उसके मज़बूत इरादों से परिचित करा दिया है.
साथियों अब युद्ध के तरीके लगातार बदल रहे हैं और हमें उसी के हिसाब से, खुद को ढालना आवश्यक होगा. साथ ही इन चुनौतियों का दायरा भी बहुत व्यापक हुआ है. आज देश के सामने चुनौती केवल सरहदों या समुंदर के रास्ते ही नहीं बल्कि स्पेस और cyberspace के रास्ते भी आ सकती हैं.
मैं मानता हूँ कि आने वाले दिनों में Defence केवल जल-थल-वायु की रक्षा तक ही सीमित नहीं रहेगा. यह एक ऐसा dynamic challenge होगा जिसके लिए हमें आने वाले दिनों में खुद को तैयार करना होगा.
इसलिए अपने आप को लगातार अपडेट रखना आज के समय की जरूरत है. आने वाले संघर्षों में, और बेहतर करने के लिए आपके अंदर एक soldier ही नहीं, एक scholar का भी होना जरूरी है.
इसलिए आप सभी technologies और Military strategies की अपनी knowledge को अपडेट करते रहें. मेरा सुझाव है कि आप इतिहास से सीखें, वर्तमान को जानें और भविष्य की तैयारी करें.
साथियों, हमारी armed forces की सेवा का दायरा केवल युद्ध तक ही सीमित नहीं है. हमारी वायुसेना ने, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक ऐसी जिम्मेदारियां निभाई हैं, जो हमारी रक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. वह चाहे Peace Operations हों, Humanitarian Aid हो तथा आपदा राहत कार्य हो, Indian Airforce की उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है.
Indian Airforce आज देश में force multiplier के साथ साथ supply lines की मज़बूती के लिए काम कर रही हैं. आज लद्दाख़ में मौजूद हमारी सेनाएं, जरूरी हथियारों, इक्विपमेंट, कपड़े और राशन से लैस हैं, तो उसमें Indian Airforce का पूरा योगदान है.
सुदूर क्षेत्रों में हमारा सैनिक, पूरे जोश के साथ तैनात है, तो उसके पीछे यह आत्मविश्वास है, कि किन्हीं भी कठिन परिस्थितियों में Indian Airforce हमारे साथ होंगी.
भारतीय नागरिक भी, देश-दुनिया में कहीं भी अगर मुसीबत में फँसते हैं, तो उनके अंदर एक विश्वास रहता है कि हमारी सेनाएं उनके बचाव के लिए निकल चुकी होंगी. हमें नागरिकों के इस भरोसे को कायम रखना है.
हमारी सरकार ने, Armed Forces के अंदर empowerment और indigenization को बढ़ावा देने के लिए हाल के दिनों में कई अहम कदम उठाए हैं. हमारी वायुसेना भी इससे अछूती नहीं है.
एक तरफ जहां हमने indeginous ‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ तेजस को induct, और operationalise किया है, वहीं दूसरी और Fifth Generation Multirole फ़ाइटर प्लेन, राफेल को भी शामिल किया है. इससे airforce की capabilities तो बढ़ी हैं साथ ही Airforce में एक नया confidence भी आया है.
हाल में Defence में FDI limit में बढ़ोत्तरी, defence manufacturing की नई policy, Ordanance Factory Board का Corporatization जैसे कई कदम Reform की दृष्टि में लिए गये हैं.
अपने प्रशिक्षण के दौरान आप लोगों ने, सेनाओं में jointness के महत्त्व को समझा होगा. जिस समय आप यह महत्त्व अपनी किताबों में पढ़ रहे थे, लगभग उसी समय हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी लाल किले से, सेनाओं में jointness बढ़ाने वाले क़दमों की घोषणा कर रहे थे. सेनाओं की क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए, CDS और DMA की स्थापना की गई है.
आप लोगों को बताते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है, कि Air Defence और Maritime Command के बारे में सोच-विचार advanced stage पर चल रहा है जो आने वाले समय में हमारी सेनाओं को integrated और comprehensive तरीक़े से काम करने में सहूलियत देगा.
हमारी आर्म्ड फोर्सेज़ के ऑफिसर्स के better satisfaction के लिए, promotion, और अन्य सुविधाओं से संबंधित मामलों में भी एक positive approach अपनाया गया है.
मैं आप सभी को यह भरोसा देता हूँ कि armed forces और personnel के empowerment और welfare के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
साथियों, इस साल १९७१ के युद्ध में हुई विजय की golden jubilee मनायी जा रही है. यह साल है उन सभी योद्धाओं को याद करने का जिन्होंने भारत के लिए पराक्रम और शौर्य की दास्तान लिखी और कई बहादुरों ने अपनी जान तक क़ुर्बान कर दी.१९७१ में flying officer निर्मलजीत सिंह सेखों जैसे सूरमाओं की कहानी और क़ुर्बानी भला कौन भूल सकता है? 1971 की विजय की गौरव गाथा को हम इस साल जन-जन तक पहुचाने जा रहै हैं.
अंत में, मैं एक बार फिर आप सभी के सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं. मुझे पूरा विश्वास है, कि आप अपनी उपलब्धियों से अपने trainers, माता-पिता और सारे देश को गौरवान्वित करेंगे.
एक सुनहरा भविष्य आपकी प्रतीक्षा कर रहा है.
I wish you all, a bright future and happy landings!
धन्यवाद और जय हिन्द !