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Saturday, 21 December, 2024
होमडिफेंसअड़चनों को धता बताकर शिवा चौहान ने रचा इतिहास, बनेंगी सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला ऑफिसर

अड़चनों को धता बताकर शिवा चौहान ने रचा इतिहास, बनेंगी सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला ऑफिसर

फायर एंड फ्यूरी सैपर्स के कैप्टन शिवा चौहान कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.

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नई दिल्ली: कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर 15,632 फीट की ऊंचाई पर सेना की कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है.

भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध क्षेत्र सियाचिन में कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई.

भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के आधिकारिक अकाउंट ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, ‘फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र कुमार पोस्ट में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.’

शिवा के उपलब्धि का जश्न मनाते हुए भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्विटर के पोस्ट में कैप्शन दिया गया, ‘ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग’.

कुमार पोस्ट में पोस्टिंग से पहले शिवा को कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा था.

शिवा की सफलता पर ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें कमेंट करके बधाई दी एवं उनकी सराहना की.

एक यूजर ने उनकी तारीफ करते हुए ट्वीट किया, ‘ शिवा शक्ति, राष्ट्र भक्ति, दुश्मन पर नज़र, हमको है फखर, भारत देश महान, मत चुके चौहान.’

कैप्टन सेना में एक अधिकारी की दूसरी रैंक पर है. सूत्रों ने कहा कि वह बहुत अच्छी लेफ्टिनेंट बन सकती है और उसे एक फील्ड रैंकिंग मिली है जो हमेशा एक ऊंचा पद माना जाता है.

शिवा के तीन महीने तक कुमार पोस्ट पर रहने की संभावना है.

सूत्रों ने बताया कि कुमार सियाचिन ग्लेशियर पर इस तरह की पहली पोस्ट है. चौकी के रास्ते में, चार स्थान हैं जिन्हें शिविर 1, शिविर 2, शिविर 3 और शिविर 4 के नाम से जाना जाता है.

कुमार पोस्ट उत्तरी ग्लेशियर बटालियन का मुख्यालय है. जबकि नौसेना और भारतीय वायुसेना ने अब युद्ध सहित महिलाओं के लिए अपनी सेवाओं के भीतर सभी हथियारों को खोल दिया है, सेना को अभी भी महिला अधिकारियों को वास्तविक लड़ाकू शाखा – पैदल सेना में अनुमति देना है.

सूत्रों ने कहा कि कुमार पोस्ट में अकेली महिला अधिकारी को समायोजित करने के लिए विशेष तैयारी की गई थी और वह अपने रहने और शौचालय की सुविधा के लिए खुद प्रबंध करेंगे.

कुमार पोस्ट का नाम कर्नल नरेंद्र ‘बुल’ कुमार के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रतिष्ठित पर्वतारोही और भारत के लिए सियाचिन ग्लेशियर को सुरक्षित करने में मदद करने वाले व्यक्ति थे.

उन्होंने 1984 में हुए ऑपरेशन मेघदूत में सफलता दिलाई थी. पाकिस्तान को साल्टोरो रिज और सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने से रोकने के लिए उन्होंने एक उच्च ऊंचाई वाला ऑपरेशन चलाया था.

सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी पर सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच 1984 से रुक-रुक कर लड़ाई होती रही है.

सियाचिन ग्लेशियर पर 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर पहुंचकर सितंबर 2021 में आठ विकलांग लोगों की एक टीम ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था.


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