नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अगर उकसाया गया तो भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हाल की सैन्य कार्रवाई “सिर्फ एक ट्रेलर” थी, जो आगे हो सकता है उसका एक छोटा हिस्सा है. यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौते के कुछ दिन बाद आया है.
गुजरात के भुज एयरफोर्स स्टेशन में बोलते हुए सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की भूमिका की सराहना की और कहा कि भारत की सुरक्षा नीति में बुनियादी बदलाव आया है.
उन्होंने कहा, “हमारी कार्रवाई सिर्फ एक ट्रेलर थी; ज़रूरत पड़ी तो पूरी फ़िल्म दिखाएंगे. आतंकवाद पर हमला करना और उसे खत्म करना अब नए भारत का सामान्य तरीका है.” सिंह ने आगे बताया कि अब यह लड़ाई भारत की राष्ट्रीय रक्षा नीति का हिस्सा बन गई है. “हम इस हाइब्रिड और प्रॉक्सी युद्ध को जड़ से खत्म करेंगे.”
उनका यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान ने लड़ाई रोकने पर सहमति जताई है. 6-7 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया. यह हमला 22 अप्रैल को हुए घातक पहलगाम हमले के जवाब में किया गया था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत की तरफ सैकड़ों ड्रोन और अन्य हथियार भेजे. नियंत्रण रेखा पर भी संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें आईं.
सिंह ने कहा कि मौजूदा युद्धविराम की स्थिति पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर है. “अगर कोई गड़बड़ी हुई, तो सबसे सख्त सज़ा दी जाएगी.”
LIVE NOW | Raksha Mantri Shri @rajnathsingh interacts with the brave soldiers of the Indian Air Force at Air Force Station, Bhuj. Saluting their unwavering dedication and service to the nation. 🇮🇳 https://t.co/zBaaDy5zLa
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) May 16, 2025
इस भाषण के दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल एपी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
सिंह ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मदद का इस्तेमाल आतंकवाद के ढांचे को फिर से बनाने में नहीं होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये देने जा रही है और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुरिदके और बहावलपुर में स्थित आतंकवादी ठिकानों को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है. भारत का कहना है कि पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा था.
उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से, आईएमएफ की एक अरब डॉलर की मदद का बड़ा हिस्सा आतंकवाद के ढांचे को खड़ा करने में जाएगा. क्या इसे आईएमएफ की अप्रत्यक्ष मदद नहीं माना जाएगा, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है?”
“पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी आर्थिक मदद आतंकवाद को फंडिंग देने से कम नहीं है. आईएमएफ को जो फंड भारत देता है, उसका उपयोग आतंकवादी ढांचे को बनाने में, सीधे या परोक्ष रूप से, नहीं होना चाहिए.”
‘भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं’
सिंह ने भारत की रक्षा उत्पादन में बढ़ती आत्मनिर्भरता की भी बात की — जिसमें रडार, मिसाइल सिस्टम, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक शामिल है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की सटीक हवाई हमलों की तारीफ की और कहा कि आतंकवादी ठिकानों को सिर्फ़ 23 मिनट में नष्ट कर दिया गया.
उन्होंने कहा, “जब दुश्मन के इलाके में मिसाइलें गिराईं गईं, तो पूरी दुनिया ने भारत की वीरता और ताकत की गूंज सुनी.”
सिंह ने संघर्ष में मारे गए सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि दी, जिनमें हाल ही में पहलगाम में मारे गए लोग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि श्रीनगर और भुज के दौरे के दौरान उन्होंने “सैनिकों में सबसे ऊंचा जोश और देशभक्ति” देखी.
उन्होंने कहा, “भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं.”
सिंह ने भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल और डीआरडीओ द्वारा विकसित एयर डिफेंस सिस्टम जैसे ‘आकाश’ की ताकत का ज़िक्र किया और उन्हें “अभेद्य” बताया.
उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार सेना को आधुनिक तकनीक और ढांचे से लैस करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि भारत अब रक्षा उपकरण आयात करने वाला देश नहीं, बल्कि निर्यात करने वाला देश बन रहा है.
उन्होंने कहा, “यह तो बस शुरुआत है. भुज ने 1965, 1971 और अब पाकिस्तान पर भारत की जीत देखी है,” और इसे “देशभक्ति की धरती बताया जहां सैनिक अटूट संकल्प के साथ देश की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं.”
सिंह ने आगे कहा, “हम सब मिलकर इस क्षेत्र से आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे, और अब कोई भी देश की संप्रभुता पर बुरी नज़र डालने की हिम्मत नहीं करेगा.”
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