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Thursday, 21 November, 2024
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जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की नई रणनीति: बॉडी पर कैमरा लगा के कर रहे सुरक्षा बलों पर हमला

रविवार को जैश-ए-मोहम्मद की प्रॉक्सी शाखा 'पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट' ने 4 अगस्त के हमले का एक वीडियो जारी किया जिसमें 3 सैनिक मारे गए थे. इसी तरह के वीडियो इस साल की शुरुआत में जारी किए गए थे.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए जा रहे आतंकवादी हमले और अधिक बेशर्मी वाले होते जा रहे हैं – आतंकवादियों का एक समूह सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ घात लगाकर हमला कर रहा है और बॉडी कैमरों के माध्यम से उनकी वीडियो बना रहे हैं, ताकि इसे जारी करके लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा सके.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक इससे रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान चिंतित हो गए हैं.

कई सैन्यकर्मियों की जान लेने के बावजूद इन हमलों के पीछे जिस समूह का हाथ होने का संदेह है, वह अभी तक पकड़ से बाहर है.

सोशल मीडिया पर प्रसारित ऐसा नवीनतम वीडियो 4 अगस्त को कश्मीर के कुलगाम के हलान में हुए हमले से संबंधित है जिसमें तीन सैनिक मारे गए थे.

वीडियो रविवार को जैश-ए-मोहम्मद की छद्म शाखा ‘पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ द्वारा जारी किया गया था, जिसमें 4 अगस्त के हमले पर श्रीनगर स्थित चिनार कोर के बयान को नकारने की मांग की गई थी.

5 अगस्त को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर चिनार कोर ने ट्वीट किया कि सुरक्षा बलों ने 4 अगस्त को “आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में विशिष्ट इनपुट” के बाद “कुलगाम में हलान के ऊंचे इलाकों” में ऑपरेशन शुरू किया था.

“आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बदले में, तीन कर्मी घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. तलाशी अभियान जारी है.”

उसी दिन, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने एक बयान जारी किया जिसमें सैनिकों से ली गई 3 एके असॉल्ट राइफल और एक इंसास (INSAS) की तस्वीरें दिखाई गईं.

रविवार को, एक सनसनीखेज वीडियो में, आतंकवादियों ने दावा किया कि हमला घात लगाकर किया गया था, जब उन्हें इनपुट मिला था कि सेना हलान के जंगलों में एक शिविर स्थापित कर रही है. आतंकवादियों ने कहा, इनपुट के बाद उन्होंने एक स्काउट टीम भेजी.

वीडियो में आतंकवादियों को एक शिविर पर करीब से गोलीबारी करते हुए दिखाया गया है, और फुटेज में एक अज्ञात शव दिखाई दे रहा है.

रक्षा सूत्रों ने कहा कि, ऑपरेशनल एरियाज़ के लिए, कई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) हैं जो अपने स्वभाव में डायनमिक हैं.

उन्होंने कहा, यह ऑपरेशनल वातावरण, क्षेत्र/इलाके, उपलब्ध खुफिया जानकारी, दिन के समय के साथ-साथ खुफिया जानकारी की समय संवेदनशीलता की आवश्यकताओं पर निर्भर था.

4 अगस्त की विशिष्ट घटना के बारे में बात करते हुए, सूत्रों ने कहा कि अस्थायी ठिकानों की स्थापना करके पर्वतमालाओं पर आगे के क्षेत्रों पर अधिकार करने के लिए सेना की निर्धारित प्रक्रियाओं से कोई विचलन नहीं हुआ था.

सूत्रों ने कहा कि “सैनिकों ने अच्छी गोलीबारी की, लेकिन जाहिर तौर पर उनकी संख्या कम थी और वे जबरदस्त गोलीबारी की चपेट में आ गए.”

पहले के वीडियो

आतंकवादियों ने पहली बार इसी साल मई में पुंछ में सेना के एक ट्रक पर हमले में पांच सैनिकों की मौत के बाद घात लगाकर किए गए हमले का ऐसा ही बॉडी कैमरा फुटेज जारी किया था.

माना जाता है कि मई में 9 पैरा टीम पर घात लगाकर किए गए हमले के पीछे भी इसी समूह का हाथ था. इस हमले का फुटेज भी बाद में जारी किया गया.

सूत्रों ने कहा कि बॉडी कैमरा ले जाना आतंकवादियों की उनके द्वारा किए गए हमलों का उपयोग करने की रणनीति का हिस्सा है जिससे वे अपने प्रोपेगैंडा को आगे बढ़ा सकें.

यह पूछे जाने पर कि क्या इन हमलों के पीछे के आतंकवादियों की अब तक पहचान की गई है, सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि क्षेत्र में दो समूह सक्रिय हैं और उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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