नई दिल्ली: अनंतनाग मुठभेड़, जिसमें सेना की काउंटर आतंकवादी इकाई, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक युवा उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) सहित तीन अधिकारियों की जान चली गई, दिप्रिंट को जानकारी मिली कि यह एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन था, जो विफल हो गया.
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया.
ऑपरेशन में मारे गए लोगों में वीरता पुरस्कार विजेता कर्नल मनप्रीत सिंह, उनके कंपनी कमांडर मेजर आशीष धोंक और डीएसपी हुमायूं भट शामिल थे.
संयोग से, डीएसपी जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक का बेटा है.
श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर मुठभेड़ बारे में बताया कि “13 सितंबर 23 को 19 आरआर बटालियन के एसएम कर्नल मनप्रीत सिंह, एसएम और मेजर आशीष धोंचक, एसएम की वीरता और बलिदान को सलाम, जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में और भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं में आगे से नेतृत्व करते हुए ऑपरेशन गारोल, अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया.”
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, और आशंका है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार शाम से शुरू हुआ ऑपरेशन जारी है और स्वयंभू लश्कर कमांडर उजैर खान समेत दो ‘आतंकवादियों’ का पता लगाया जा रहा है.
लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि रेजिस्टेंस फ्रंट ने हत्याओं की जिम्मेदारी ली है.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन था, जो फेल हो गया क्योंकि आतंकवादियों ने ठिकाने की तलाश में कोकेरनाग क्षेत्र के घने जंगलों में एक पहाड़ी पर चढ़ते समय सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया.
सूत्रों ने कहा कि यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि किस एजेंसी ने खुफिया जानकारी विकसित की थी, लेकिन यह एक संयुक्त अभियान था.
‘ठिकाने का पता लगाने के लिए ऑपरेशन शुरू’
सूत्रों ने बताया कि खुफिया जानकारी में कहा गया था कि जंगल में आतंकवादियों का ठिकाना है और इसका पता लगाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया था.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि जब सुरक्षा बल एक स्थान के करीब पहुंचे तो आतंकवादियों ने उन्हें देख लिया और असॉल्ट राइफलों से उन पर गोलीबारी शुरू कर दी.
कर्नल सिंह, जो सामने थे, मेजर और डीएसपी के साथ गोलियों की चपेट में आ गए. सूत्रों के मुताबिक, अधिक सैनिकों को गोली लगी, लेकिन कमांडिंग ऑफिसर गंभीर रूप से घायल हो गए.
सूत्रों ने बताया कि वे बाहर नहीं निकल सके क्योंकि वहां काफी अराजकता थी और चल रही गोलीबारी के कारण हेलीकॉप्टर उतर नहीं सके. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने हेलीकॉप्टर पर भी गोलीबारी की थी.
दिप्रिंट के मिली जानकारी के अनुसार अधिक सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया है और अब दोनों आतंकवादियों को इलाके से भागने से रोकने की कोशिश की जा रही है.
उत्तरी कमान में हाल के दिनों में हताहतों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. राजौरी में एक जवान और कुत्ते सैनिक की मौत के एक दिन बाद बुधवार को तीन अधिकारियों की मौत हुई.
दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इसे सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है, जो पुंछ राजौरी क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे आतंकवादियों के एक समूह की पहचान करने और उन्हें निशाना बनाने में विफल रहे हैं.
पिछले महीने की शुरुआत में, जैश-ए-मोहम्मद के एक अन्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह ने कुलगाम में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था और बाद में इसका एक वीडियो जारी किया था.
(संपादनः अलमिना खातून)
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