नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि एक मिसाइल गलती से सैन्य अड्डे से दागी गई थी और वो 9 मार्च को पाकिस्तान में जाकर गिरी थी. साथ ही उसने इस मामले को लेकर खेद जताया है.
पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि एक भारतीय प्रक्षेपास्त्र पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुस गया था और उनके क्षेत्र में मियां चन्नू नामक स्थान के पास गिरने के बाद आसपास के क्षेत्रों को कुछ नुकसान पहुंचा था.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसने घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है और कहा कि यह राहत की बात है कि आकस्मिक गोलीबारी की वजह से किसी के जानमाल का नुकसान हुआ.
उसने कहा कि ‘9 मार्च 2022 को, नियमित रखरखाव के दौरान, एक तकनीकी खराबी के कारण मिसाइल का एक्सीडेंट फायरिंग हो गई थी.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत सरकार ने गंभीरता से लिया है और हाई लेवल कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिए हैं.’
‘हमें पता चला है कि मिसाइल पाकिस्तान के एक इलाके में गिरी थी. यह घटना बेहद अफसोसनाक है, वहीं राहत की बात यह भी है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई है.’
बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि मिसाइल हरियाणा में सिरसा के पास से आई थी और राजस्थान में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की ओर जा रही थी लेकिन पश्चिम की ओर मुड़कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गई.
मिसाइल के बारे में पाकिस्तान की ओर से जानकारी दी गई थी कि वो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से मेल खाती है. भारत में इस मिसाइल का इस्तेमाल कई सालों से हो रहा है और यह अपनी बेहतरीन सटीकता के लिए जानी जाती है.
इस मिसाइल की रेंज अब बढ़कर 400 किलोमीटर हो गई है. यह भारतीय सैन्य बेड़े में सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल है.
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