नई दिल्ली: भारत की तरफ से अचानक गलती से दगी एक मिसाइल सीमा पार जाकर गिरने पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान ने शनिवार को मामले की संयुक्त जांच की मांग की. साथ ही नई दिल्ली से यह बताने को कहा कि ‘क्या मिसाइल वास्तव में उसके सशस्त्र बलों के नियंत्रण में थी या कुछ दुष्ट तत्वों द्वारा दागी गई थी.’
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय का बयान भारत की तरफ से यह पुष्टि किए जाने के एक दिन बाद आया है कि बुधवार को ‘नियमित रखरखाव के दौरान’ कुछ ‘तकनीकी खामी’ के कारण ‘अचानक गलती से दगी’ भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान में प्रवेश कर गई थी.
पाक ने कहा कि उसने भारत के बयान पर गौर किया है, और ‘घटना की गंभीर प्रकृति’ नाभिकीय हथियारों वाले वातावरण के बीच मिसाइलों के आकस्मिक या अनधिकृत प्रक्षेपण के खिलाफ सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी सुरक्षा उपायों को लेकर कई बुनियादी सवाल खड़े करती है.
कई सवालों की सूची के साथ इस बयान में कहा गया है, ‘इस तरह के एक गंभीर मामले को भारतीय अधिकारियों के सामान्य से स्पष्टीकरण से खत्म नहीं किया जा सकता है.
पाकिस्तान ने कहा कि भारत को दुर्घटनावश मिसाइल प्रक्षेपण और इस घटना जैसी विशेष परिस्थितियों को रोकने के लिए किए जाने उपायों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए.
इसमें कहा गया है कि भारत को स्पष्ट तौर पर यह बताने की जरूरत है कि मिसाइल किस टाइप की है और उसके स्पेशिफिकेशन क्या है. साथ ही उसके उड़ान पथ/ट्रेजक्टरी के बारे, और यह भी बताने की जरूरत है कि यह आखिरकार पाकिस्तान में कैसे घुस गई.
इसने यह भी जानना चाहा कि क्या मिसाइल सेल्फ-डिस्ट्रैक्शन मैकेनिज्म से से लैस है, और यदि हां, तो यह वास्तव में नाकाम कैसे हुई.
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‘कई खामियां हैं’, अंतरराष्ट्रीय समुदाय गंभीरता से गौर करे
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने यह भी जानना चाहा कि क्या नियमित रखरखाव के दौरान भी भारतीय मिसाइलों को लॉन्च के लिए तैयार रखा जाता है.
साथ ही सवाल उठाया कि भारत ने दुर्घटनावश प्रक्षेपण के बारे में पाकिस्तान को तुरंत सूचित क्यों नहीं किया, और तब तक इंतजार क्यों किया जब तक कि पाकिस्तान ने इस घटना के बारे में जानकारी नहीं दी और स्पष्टीकरण नहीं मांगा.
इसमें कहा गया है, ‘इतनी बड़ी लापरवाही को देखते हुए भारत को यह समझाने की जरूरत है कि क्या मिसाइल वास्तव में उसके सशस्त्र बलों के नियंत्रण में थी या कुछ दुष्ट तत्वों की तरफ से इसे दागा गया है.’
साथ ही कहा गया, ‘यह पूरी घटना भारत में सामरिक हथियारों के रखरखाव को लेकर कई गंभीर किस्म की और तकनीकी खामियों की ओर इशारा करती है.’
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत का ‘आंतरिक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का निर्णय पर्याप्त नहीं है क्योंकि मिसाइल पाकिस्तानी क्षेत्र में आकर गिरी थी.’ बयान में यह भी कहा गया है, ‘पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने के लिए कि घटना से जुड़े तथ्यों की सही ढंग से जांच हो रही है या नहीं, एक संयुक्त जांच का हिस्सा बनना चाहता है.’
इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि कम दूरी और प्रतिक्रिया समय को देखते हुए दूसरे पक्ष की तरफ से कोई भी गलत व्याख्या आत्मरक्षा में कोई बड़ा कदम उठवा सकती है, जिसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं.
इसमें कहा गया है, ‘इसलिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से परमाणु माहौल में गंभीर प्रकृति की इस घटना को गंभीरता से लेने और क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता बढ़ाने में उचित भूमिका निभाने का आह्वान करता है.’
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