नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के ऊंचाई वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक मारे गए जबकि एक जवान लापता है.
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह अनंतनाग जिले के गारोल इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के दौरान इन अधिकारियों की मृत्यु हो गई और एक अन्य जवान की भी मुत्यु हो गई.
उन्होंने बताया कि दो महीने की बेटी के पिता एवं जम्मू कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक गुलाम हसन भट के बेटे भट की अधिक खून बह जाने के कारण मृत्यु हो गई.
अधिकारियों ने कहा कि लापता सैनिक के बारे में तुरंत पता नहीं चल पाया है और आशंका है कि वो भी गंभीर रूप से घायल हो गए होंगे.
अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अपनी जान गंवाने वाले न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह ने कहा, “हमें यह कल शाम को पता चला…उनकी एक बेटी है और उसका एक बड़ा भाई है…उसे (मनप्रीत सिंह) एक साल पहले सेना पदक से सम्मानित किया गया था. खबरों के मुताबिक, पार्थिव शरीर शाम 4-5 बजे के बीच मोहाली पहुंचेगा.”
वहीं, मनप्रीत के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा, “हमने उनसे आखिरी बार सुबह 6:45 बजे बात की थी. उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे. वो एक अच्छे इंसान थे. मैं उन्हें सलाम करता हूं.”
खबरों के मुताबिक, सिंह के पिता भी सेना में थे और उन्हें अगले महीने अपने बेटी के जन्मदिन पर छुट्टी लेकर घर आना था. वो 5 जनवरी को अपने घर से छुट्टी बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे. कर्नल के सात साल का बेटा और ढाई साल की बेटी है.
वहीं, मेजर आशीष धोनैक के परिवार में पत्नी और दो साल की बेटी है. मेजर ने हाल ही में पानीपत में नया घर लिया था, जिसमें उन्हें शिफ्ट होना था, लेकिन अब उनकी पार्थिव देह वहां लाई जाएगी. मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे. उनकी तीनों बहनें शादीशुदा हैं और मां गृहणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं.
उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट भर्ती थे. जो अब मेजर बन चुके हैं.उनकी पोस्टिंग झांसी में है.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पुलिस और सेना के बहादुर अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने एक संदेश में कहा कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और आतंकियों को ढूंढने के लिए अभी भी तलाशी अभियान जारी है और पुलिस ने 10 लाख के इनामी आतंकवादी उजर को घेर लिया है.
अधिकारियों का मानना है कि ये उन्हीं आतंकवादियों का समूह है, जिन्होंने चार अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वनक्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाके में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान मारे गए थे.
अधिकारियों ने बताया कि गारोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे रोक दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि एक ठिकाने पर आतंकवादियों को देखे जाने की सूचना के बाद आज सुबह फिर उनकी (आतंकवादियों) तलाश शुरू की गई.
अपने दल का नेतृत्व करते हुए कर्नल सिंह ने आतंकवादियों पर हमला बोला. हालांकि, आतंकवादियों की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
12वीं सिख लाइट इन्फेंट्री (एलआई) से संबद्ध कर्नल सिंह को सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था. धोनैक 15वीं सिख एलआई से थे.
जीओसी 15वीं कोर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और डीजीपी दिलबाग सिंह सहित सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, स्थिति का आकलन करने के लिए मौके पर पहुंचे.
जम्मू-कश्मीर के डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और डीएसपी हुमायूं भट की मौत पर पाकिस्तान के खिलाफ जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, ”करारा जवाब दिया जाएगा…इसमें शामिल आतंकियों को कड़ी सजा दी जाएगी…पूरा देश परिवारों के साथ है कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और डीएसपी हुमायूं भट्ट… हम इसमें शामिल आतंकवादियों को माफ नहीं करेंगे…”
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने केंद्र को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है.
इससे पहले कश्मीर जोन पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके में मुठभेड़ शुरू हुई है. सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी घायल हो गए हैं. विवरण बाद में मुहैया कराया जाएगा.’’
कश्मीर स्थित 15वीं कोर ने भी जानकारी दी थी कि ‘‘आतंकवादियों की मौजूदगी की विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर 12-13 सितंबर की मध्यरात्रि को क्षेत्र गारोल, अनंतनाग में भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था. आमना-सामना होने पर गोलीबारी शुरू हुई. सेना के दो कर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक जवान घायल हो गए. अभियान जारी है.’’
शाम को, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कश्मीर) विजय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मारे गए पुलिस उपाधीक्षक को पुष्पांजलि अर्पित की.
यह हमला ऐसे समय हुआ जब एक दिन पहले ही जम्मू क्षेत्र के राजौरी में पीर पंजाल के दक्षिण में एक मुठभेड़ में सेना का एक जवान मारा गया था जबकि सेना की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर (डॉग) भी अपने ‘हैंडलर’ को बचाने के दौरान जान गंवा बैठी थी.
राजौरी के सुदूर नारला गांव में हुई इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी संवेदना जताई.
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू कश्मीर से व्यथित करने वाली खबर. सेना के एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक ने आज दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग इलाके में एक मुठभेड़ में सर्वोच्च बलिदान दिया. पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट, मेजर आशीष धोनैक और कर्नल मनप्रीत सिंह ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान दिया. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके प्रियजनों को इस कठिन समय में शक्ति मिले.’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हिंसा के ऐसे कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने भी बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त किया. तीनों मृत अधिकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि सुरक्षाबल जम्मू कश्मीर से आतंक को जड़ से खत्म करने को प्रतिबद्ध हैं.
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