scorecardresearch
शनिवार, 26 अप्रैल, 2025
होमडिफेंसपहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर में एलओसी पर फायरिंग कर 2021 संघर्षविराम तोड़ा

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर में एलओसी पर फायरिंग कर 2021 संघर्षविराम तोड़ा

पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन कर रही थी, लेकिन शुक्रवार की रात पहली बार नियंत्रण रेखा पर बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ.

Text Size:

श्रीनगर: शुक्रवार देर रात पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर से लगी पूरी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जिसके चलते भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की. मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना 2021 के संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन कर रही थी, लेकिन शुक्रवार की रात पहली बार एलओसी पर बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ.

भारतीय सेना की ओर से पत्रकारों को भेजे गए संदेश में कहा गया, “25-26 अप्रैल, 2025 की रात को कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार कई पाकिस्तानी सेना चौकियों द्वारा बिना उकसावे के छोटी गोलीबारी की गई. भारतीय सैनिकों ने छोटे हथियारों से उचित जवाब दिया. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.”

फरवरी 2021 में, भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में घोषणा की थी कि दोनों पक्ष 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में संघर्ष विराम का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए हैं.

2003 के संघर्ष विराम समझौते के नवीनीकरण पर यहां सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बीच बैकचैनल वार्ता के बाद सहमति बनी और फिर भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) ने औपचारिक रूप से सहमति जताई.

इसमें कहा गया, “सीमाओं पर पारस्परिक रूप से लाभकारी और स्थायी शांति प्राप्त करने के हित में, दोनों DGMO एक-दूसरे के मुख्य मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करने पर सहमत हुए, जिनमें शांति को बाधित करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति है.”

बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने दोहराया कि हॉटलाइन संपर्क और सीमा ध्वज बैठकों के मौजूदा तंत्र का उपयोग किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए किया जाएगा.”

हालांकि भारत और पाकिस्तान ने 2003 में संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन शुरुआती कुछ वर्षों के बाद इसे कभी भी अक्षरशः लागू नहीं किया गया.

2021 के समझौते के बावजूद, घुसपैठ जारी रही और पाकिस्तानी सेना ने कुछ मामलों में कवर फायर प्रदान किया, लेकिन समझौता लागू रहा.

सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा, “अब यह समझौता कमोबेश ध्वस्त हो चुका है, क्योंकि अब पाकिस्तान ही एलओसी पर इसका उल्लंघन कर रहा है. भारतीय सैनिक इसका प्रभावी ढंग से जवाब दे रहे हैं और पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों की क्षमता का मुकाबला कर रहे हैं.”

सूत्रों ने बताया कि संघर्ष विराम समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल के दौरान सहमति बनी थी, जबकि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शुरू से ही भारत के खिलाफ बहुत सख्त रुख अपनाया है. एक अन्य सूत्र ने कहा, “जब जनरल मुनीर ने पदभार संभाला था, तो हम जानते थे कि उनके कार्यकाल में संघर्ष विराम समय की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा और यह साबित भी हुआ.”

सरकार ने संसद को बताया था कि संघर्ष विराम समझौते के नवीनीकरण से एक साल पहले 2020 में एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 5,133 मामले सामने आए थे, जिसके परिणामस्वरूप 46 मौतें हुईं. सूत्रों ने बताया कि समझौते से पहले, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर विशेष इकाइयों को तैनात किया था, ताकि पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर सीधे गोलीबारी और स्नाइपिंग करके आक्रामक अभियान चलाया जा सके.

सूत्रों ने तब कहा था कि भारतीय सेना पंजाबी बहुल इकाइयों को निशाना बना रही थी, जो पाकिस्तान के लिए एक दुखद मुद्दा बन गया था, क्योंकि अपने मुख्य भूमि पर वापस जाने वाले हताहतों की वजह से उसे बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी.

जैसा कि दिप्रिंट ने बताया, पाकिस्तान ने अरब सागर के लिए एक NOTAM (एयरमैन/मैरिनर्स को नोटिस) जारी किया है और एक नौसैनिक लाइव फायर अभ्यास शुरू किया है, साथ ही पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा संभावित सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका में अपनी सेना को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें: ‘देश शोक और गुस्से में है, केंद्र को माहौल को शांत करना चाहिए’—मेहबूबा ने पहलगाम हमले पर कहा


 

share & View comments