scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमसमाज-संस्कृतिबिना खरीदे पहने हर दिन नए आउडफिट्स, मिलेनियल्स को क्यों भा रहे हैं 'किराए के कपड़े'

बिना खरीदे पहने हर दिन नए आउडफिट्स, मिलेनियल्स को क्यों भा रहे हैं ‘किराए के कपड़े’

किराए पर कपड़े लेने से मिलेनियल्स को उन्हें स्टोर करने के लिए जगह खोजने की चिंता किए बिना कई तरह के आउटफिट्स बिना खरीदे पहनने की सुविधा मिलती है.

Text Size:

नई दिल्ली: मिलेनियल्स एक ऐसी पीढ़ी है जो टेक्नॉलोजी के आगमन और शेयरिंग इकॉनामी के साथ बड़े हुए हैं. कपड़ों को संभाल कर रखने की परेशानी से मुक्ति और उनके पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक होने के कारण वह रेंटल फैशन को अधिक पसंद कर रहे है.

मिलेनियल्स द्वारा किराए पर कपड़े लेने को पसंद किए जाने का एक और बड़ा कारण यह है कि वे कपड़ो को अलमारी में जमा नहीं करना चाहते. पिछली पीढ़ियों की तुलना में, ज्यादातर मिलेनियल्स छोटी जगहों में रहते हैं और उनके पास जिन कपड़ो को वह दुबारा कभी नही पहनने वाले है, उन्हे स्टोर करने के लिए जगह नहीं होती है. इसके अलावा, यह पीढ़ी अपने फैशन उपभोग की आदतों के बारे में अधिक जागरूक हैं. आज के समय में मिलेनियल्स केवल उन्हीं चीजों को रखना पसंद करते है जिनकी उन्हें ज़रूरत है, दुबारा काम न आने वाली चीजों को अलमारी में जगह देना और उन्हे संभाल कर रखना उन्हे परेशानी लगता है.

बिना खरीदे, हर रोज़ नए आउटफिट्स 

किराए पर कपड़े लेने से मिलेनियल्स को उन्हें स्टोर करने के लिए जगह खोजने की चिंता किए बिना कई तरह के आउटफिट्स बिना खरीदे पहनने की सुविधा मिलती है. वे प्रत्येक अवसर के लिए एक अलग आउटफिट पहन सकते हैं, इसके बारे में चिंता किए बिना कि उसे अलमारी में किस प्रकार संभाल कर रखा जाए.

मिलेनियल्स कपड़ों को किराए पर लेना इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि वे एक आउटफिट को केवल एक बार पहनना पसंद करते हैं. खासतौर पर शादियों, पार्टियों या औपचारिक कार्यक्रमों जैसे विशेष अवसरों पर, मिलेनियल्स अक्सर इन इवेंट्स के लिए कुछ नया और ट्रेंडी पहनना पसंद करते है, लेकिन वे एक ऐसे आउटफिट पर बहुत पैसा खर्च नहीं करना चाहते हैं जिसे वे केवल एक बार पहनेंगे.

कपड़ों को किराए पर लेने से मिलेनियल्स को ढेर सारा पैसा खर्च किए बिना कई तरह के ट्रेंडी और फैशनेबल आउटफिट्स की सुविधा मिलती है. वे बहुत ही कम पैसे खर्च कर प्रत्येक कार्यक्रम के लिए कुछ नया और ट्रेंडी आउटफिट पहन सकते हैं.


यह भी पढ़ें: ‘हमारी जिंदगी के अनदेखे और अनसुने किस्से’, के साथ सायरा बानो ने दिलीप कुमार की याद में किया इंस्टाग्राम डेब्यू


किराए के कपड़े

कपड़ों को किराए पर लेने के सबसे बड़े फायदों में से एक है कपड़ों का झंझट-मुक्त रखरखाव. फ़्लायरोब कपड़ों की सफाई और रख-रखाव का ध्यान रखता है, जिसका अर्थ है कि ग्राहकों को ड्राई क्लीनिंग या अपने कपड़ों की धुलाई के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.

यह मिलेनियल्स के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो व्यस्त जीवन जीते हैं और उनके पास घर के कामों में खर्च करने के लिए बहुत समय नहीं है. कपड़े किराए पर लेने से उन्हें कपड़ो को अलमारी में संभाल कर रखने की परेशानी से मुक्ति और अपने काम, सामाजिक जीवन और अन्य गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए अधिक समय मिल जाता है.

एक अन्य कारण यह भी है, जो मिलेनियल्स के बीच कपड़ों को किराए पर लेने की प्रवृत्ति को चला रहा है, वह है सस्टेनेबिलिटी. कई मिलेनियल्स पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और पर्यावरण को फैशन की वजह से हो रहे नुकसान के प्रभाव को कम करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं.

हर फंक्शन में नए कपड़े खरीदने की तुलना में किराए पर कपड़े लेना अधिक स्थायी विकल्प है. यह नए कपड़ों के उत्पादन की मांग को कम करता है और कचरे को कम करने में मदद करता है.

फ्लाईरोब की रेंटल सर्विस

भारत में, फ्लाईरोब एक लोकप्रिय रेंटल सर्विस है जो मिलेनियल्स की ट्रेंडी और किफायती कपड़ों के विकल्प की तलाश को पूरा करती हैं. फ्लाईरोब पर, एक ग्राहक किसी भी विशेष अवसर के लिए कपड़े एमआरपी के केवल 10-15% का मूल्य चुकाकर किराए पर ले सकता है. कंपनी कस्टम फिटिंग, इन-स्टोर ट्रायल और पिक-अप और ड्रॉप सेवाएं प्रदान करती है. अपने ग्राहकों को प्रोडक्ट का स्पर्श और अनुभव देने के लिए, फ्लाईरोब के वर्तमान में 3 स्टोर हैं और इस साल के अंत तक कम से कम 5 और स्टोर होंगे.

फ्लाईरोब के जरिए पूरे भारत के लोग अपने पारंपरिक कपड़ो या ऑकेजन वेयर जो कभी-कभी सिर्फ एक बार इस्तेमाल किए जाते है उन्हें रेन्ट पर देकर पैसे कमा सकते है. इसके लिए फ्लाईरोब को सिर्फ रेंटल इनकम में शेयर देने की आवश्यकता होती है, यह विशेष मॉडल मिलेनियल उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय है.

फ्लाईरोब पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए डिज़ाइनर एथनिक वियर सहित किराए पर कई प्रकार के आउटफिट प्रदान करता है. यह सेवा मिलेनियल्स के बीच लोकप्रिय है जो विशेष अवसरों के लिए परेशानी मुक्त तरीके की तलाश में हैं.

(संपादन: अलमिना खातून)

(वकील से उद्यमी बनी आंचल सैनी भारत की पहली और सबसे बड़ी फैशन रेंटल सर्विस – फ्लाईरोब की सीईओ हैं. यहां व्यक्त विचार निजी हैं)


यह भी पढ़ें: पढ़ाई में कमजोर, अच्छे ऑब्जर्वर, बेबाक, पिता के खिलाफ जा कर बने कलाकार, ऐसा रहा है नसीरुद्दीन शाह का सफर


 

share & View comments