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Wednesday, 24 April, 2024
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‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’, 1974 का एनीमेशन गीत जो विविधता में एकता का संदेश देता है

इस फिल्म की पटकथा और निर्देशन डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता विजया मुले द्वारा और निर्माण एनिमेटर भीम सेन द्वारा किया गया था.

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भारतीय स्टॉक मार्केट घोटाले के बारे में हाल ही में जारी वेब श्रृंखला स्कैम 1992 ’में, नायक एक गीत, ‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’ का जिक्र करते हुए एकता की ताकत के बारे में बात करता है और तुरंत 80-90 के दशक पर आधारित इस कार्यक्रम में टीवी पर ये गीत बजना शुरू हो जाता है.

यह गीत राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 1974 की एनीमेशन फिल्म ‘एक अनेक और एकता’ का हिस्सा था. आज मिलेनिअल्स और ‘जेन ज़ी’ के लिए शायद ये गीत उतना जाना-पहचाना न रहा हो. लेकिन सत्तर और अस्सी के दशक के बच्चों को ये तुरंत यादों को समंदर में धकेल देता है.

दिल्ली स्थित डॉक्टर कौसर इस्माइल से जब इस गीत के बारे में पूछा गया, तो वो याद करते हुए मुस्कुरा उठीं. ‘क्या याद दिला दिया यार, ये गाना एक बार फिर से मेरे दिमाग में बजने लगा है.’

सात मिनट की ये फिल्म तत्कालीन भारत सरकार की सामाजिक संदेश वाली लघु फिल्में बनाने की पहल का हिस्सा थी और अक्सर दूरदर्शन पर प्रसारित होती थी. गीत ‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’ विविधता में एकता का जश्न मनाने वाला था.

इस फिल्म की पटकथा और निर्देशन डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता विजया मुले द्वारा और निर्माण एनिमेटर भीम सेन द्वारा किया गया था.

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2012 में द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में, मुले ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि 1974 में मैंने जो फिल्म बनाई थी, वह अभी भी कई लोगों के लिए प्रासंगिक बनी हुई है.’

नासा कनेक्ट

दिलचस्प बात यह है कि गाने के निर्माण की वजह के तार नासा से जुड़े हुए थे.

मुले के अनुसार, यह सब तब शुरू हुआ जब डॉ विक्रम साराभाई, जिन्हें अक्सर भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पितामह के रूप में याद किया जाता है, भारत में एक दूरस्थ संचार उपग्रह प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहते थे.

साराभाई नासा को यह समझाने में कामयाबी हुए कि वह भारत अपने एप्लिकेशन टेक्नोलॉजी सैटेलाइट (एटीएस) को सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविज़न एक्सपेरिमेंट (साइट) के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में शैक्षिक कार्यक्रम टीवी के माध्यम से पहुंचाना था.

मुले ने कहा, ‘मैं साइट के लिए समन्वय समिति में अपने मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रही थी. यह निर्णय लिया गया कि एक वर्ष के साइट प्रयोग में, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग के प्रयोगों के अलावा स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा में विकासात्मक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की कोशिश भी की जायेगी. स्वास्थ्य और कृषि के लिए प्रोग्रामिंग दूरदर्शन द्वारा किया गया था.

शिक्षा मंत्रालय में काम करने के दौरान उन्होंने यूनिसेफ के साथ दो महीने का कार्यभार संभाला और अंकज्ञान और साक्षरता पर फिल्में बनाई. पहले कार्यक्रम का शीर्षक था ‘एक, दो’ और दूसरे को ‘ना’ कहा जाता था.


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‘तब तक एनसीआरटी (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलॉजी नाम की अपनी संस्था बनाई थी और मुझे इसके प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था, फिर मैंने बाल विकास के सकारात्मक पक्ष से संबंधित बाकी फिल्म बनाने की परियोजना शुरू की. इसी के तहत ‘एक अनेक और एकता’ बन गई.’

मुले यह संदेश देना चाहती थीं कि भारत की ताकत कैसे इसकी विविधता में है.

‘मैं चाहती थी कि वे इसे अपने अनुभव से जोड़ कर और समझ कर देखें. इसलिए मैंने एक ऐसी सरल पटकथा लिखी जिसे बच्चे समझेंगे और आनंद लेंगे.’

उनकी बेटी, अभिनेत्री सुहासिनी मुले ने याद किया कि उस समय यह लघु फिल्म कितनी लोकप्रिय हुई थी और आज भी है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘मेरी मां लगभग 10 साल पहले हवाई जहाज के माध्यम से यात्रा कर रही थी. बगल में बैठे एक युवक ने अपना लैपटॉप खोला और उस पर ‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’ ’सुनने लगा. मेरी मां आश्चर्यचकित थी, और जब उस आदमी को पता चला कि वह उस फिल्म की निर्माता थी, तो वह बहुत उत्साहित हुआ.’

सरल समय और निरंतर प्रासंगिकता

यह गीत बहुत से लोगों के लिए अभी भी ख़ास है विशेष तौर पर इसका सन्देश, जो आजकल के समय में कहीं पीछे सा छूट गया है.

दिल्ली के एक साहित्यकार समूह की संचालक और शिक्षक हीना कौसर ने कहा, ‘वह समय था जब हमने इस ‘एकता में अनेकता’ वाली अवधारणा के बारे में पहले से कहीं अधिक बात की थी. मैं वर्तमान में एक शिक्षक हूं और मैं ये देख रही हूं
कि हम उसके बारे में पर्याप्त बात नहीं करते हैं, या तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं या यह बहुत विषय बहुत साधारण हो गया है.’

कुछ लोगों को ये अब भी एक सरल समय की याद दिलाता है.

लेखक और शिक्षाविद चंदर वर्मा याद करते हैं कि ‘भीम साईं द्वारा सरल और प्रभावी एनीमेशन. सुगम्य और उपयुक्त संगीत. यह फिल्म विविधता में एकता के विचार को धीरे-धीरे कहानी के रूप में विकसित करती है और वो भी इतनी सरल शैली में कि यह उन समय में बहुत कम उम्र के लोगों के दिमाग पर असर डालने में कामयाब हुई, मैं भी उनमें से एक था.’

”उन्होंने कहा, ;मैं अभी भी कामना करता हूं, काश चीजें आज की दुनिया में सरल और भरोसेमंद हो. आज, ऐसा लगता है कि हम किसी और के सपने को जी रहे हैं.

चंदर वर्मा ने यह भी कहा कि फिल्म में दिया गया संदेश बहुत प्रभावी था.

”उन्होंने कहा, ‘उस समय, राष्ट्रीय मीडिया यह सीखा रहा था, वे बता रहे थे कि भारत जैसे देश को इस विचार पर विश्वास क्यों करना चाहिए और टीवी उन दिनों एक बहुत शक्तिशाली उपकरण था. मुश्किल से एक या दो चैनल हुआ करते थे, और लोग विज्ञापनों का भी आनंद लेते थे. इसलिए प्रसारित की गई हर चीज योग्यता पर आधारित थी और दर्शकों पर गहरा असर करती थी.

सुहासिनी मुले के लिए भी गीत की प्रासंगिकता जारी है. तब भी इसकी आवश्यकता थी, लेकिन यह आज भी अधिक प्रासंगिक है. तब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ पूर्वाग्रह थे, लेकिन आज इसे आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. हमें विविधता में एकता के संदेश को और मजबूती से संप्रेषित करने की आवश्यकता है.’

सरलता से पहुंचाया गंभीर सन्देश

इस फिल्म की सादगी ही थी जिसने कई लोगों का दिल जीत लिया.

हीना कौसर ने बताया, ‘यह संदेश बहुत अलग और अच्छी तरह से संकल्पित था कि छोटे बच्चे भी ‘एक और अनेक’ के बीच अंतर को समझ सके.’

शिक्षकों के अनुसार, फिल्म इस बात का शानदार उदाहरण है कि रचनात्मकता शिक्षा का हिस्सा कैसे हो सकती है.

TheTeacherApp की सह-संस्थापक और दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय की पूर्व शिक्षिका सरिता शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि फिल्म की कहानी भी पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा थी, इसलिए स्कूल की पाठ्य सामग्री की कहानी पर आधारित एक गीत को सुनना एक सुखद अनुभव हुआ करता था.

‘बच्चों का ध्यान आकर्षित करने के लिए संगीत / धुन भी शानदार ढंग से अनुकूल थी. हम गाते समय ‘टिंग-डिंग, टिंग-डिंग, टिंग-डिंग चतुर चिड़िया, सयानी चिड़िया ’भी गुनगुनाया करते थे.

यह गीत उस समय की छह वर्षीय साधना सरगम द्वारा रिकॉर्ड किया गया था, जो आगे चलकर हिंदी फिल्म उद्योग में एक सफल गायक बनीं. फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक फिल्म के साथ-साथ जापान में सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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