नई दिल्ली: दिल्ली में डिप्टी कमिश्नर अभिषेक सिंह सोशल मीडिया पर सोमवार को अचानक ट्रेंड करने लगे. उनके नाम के ट्रेंड करने की वजह थी दिल्ली के प्रशासन में उनका कोई कारनामा नहीं बल्कि टी-सीरीज़ पर उनका एक गाना है ‘दिल तोड़ के‘. इस गाने से वो डेब्यू कर रहे हैं लेकिन आते ही सोशल मीडिया पर छा गए हैं. अभिषेक अभी वेबसीरिज और गानों में ही अभिनय कर रहे हैं. हाल ही में रिलीज हुए दिल तोड़ के के लिए उन्हें लोगों ने हाथों हाथ लिया है वह उससे बहुत खुश हैं. वैसे अपने आगामी प्रोजेक्ट दिल्ली क्राइम-2 में जिसकी शूटिंग भी चल रही है में वह रीयल जिंदगी से निकल कर रील में भी आईएएस ही नजर आएंगे.
दिप्रिंट से बात करते हुए अभिषेक कहते हैं, ‘बस ये सब अचानक से हो गया है. गाना इतना हिट हो गया और लोगों को पसंद आया, बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत अच्छी फीलिंग है.’
इस गाने को केवल 24 घंटों में एक करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है. चौंकाने वाली बात ये है कि जैसे-जैसे लोगों को ये पता चल रहा है कि इस गाने का वो बाइक वाला लड़का रीयल लाइफ में आईएएस है तो वो और भी पसंद किए जा रहे हैं. अभिषेक कहते हैं, ‘मेहनत रंग लाई है.’
अभिषेक से जब पूछा कि बचपन में ख्वाब देखा था की सुनहर पर्दे पर आना है तो बोले, ‘कभी नहीं.’ वह कहते हैं, ‘ फिल्में, गाना और दिल्ली क्राइम बस सब होता जा रहा है. मैं तो कभी फिल्मों के सपने नहीं देखता था, मेरा सोशल मीडिया तक पर एकाउंट नहीं था. मैंने नवंबर 2019 में अपना एकाउंट बनाया है.’
अपने डेब्यू म्यूजिक वीडियो की शानदार सफलता के बारे में अभिषेक ने कहते हैं, ‘मैं ‘दिल तोड़ के’ के लिए दुनिया भर के दर्शकों की मेरे चाहने वालों के मैसेजेस देखकर बहुत खुश हूं. बी प्राक की बेहतरीन आवाज, मनोज मुंतशिर का दिल से लिखा गाना…आशीष पांडा का फिलमाया, रोशाक की दिलकश संगीत की वजह से ये गाना हिट हुआ है.
Thank You for the overwhelming response ? pic.twitter.com/7p8geXp8Dq
— Abhishek Singh (@Abhishek_asitis) July 17, 2020
दिप्रिंट से बातचीत में अभिषेक बताते हैं कि मैं मुंबई ऑफिस के काम से गया था.इस दौरान में दिल बेचारा फिल्म के डायरेक्टर मनीष छाबड़ा के ऑफिस पहुंचा था. उनके ऑफिस में दिल्ली क्राइम-2 की टीम बैठी थी. छाबड़ा जी ने मेरा परिचय दिल्ली क्राइम की टीम से कराया कि ये लोग दिल्ली आएंगे शूटिंग के लिए आपको मदद करनी है..हमारी बात होती रही.उन्हें लगा मैं भी दिल्ली बेस्ड एक्टर हूं. उन्होंने पूछा कौन से सीरियल या वेब सीरीज में काम किया है. हम दोनों (मैं और छाबड़ा) हंस दिए. और वहां मेरा सलेक्शन दिल्ली क्राइम-2 में आईएएस अधिकारी के किरदार के लिए हुआ.
मैं एक सरकारी अधिकारी हूं मुझे एक्टिंग से पहले अपने बॉस से इजाजत लेनी थी. मेरे बॉस दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को मैंने काम के बारे में बताया तो उन्होंने मुझे एक बार में इजाजत दे दी. कहा, ‘बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें अपने सपने पूरे करने का मौका मिलता है.’ और मुझे एक्टिंग की इजाजत मिल गई. हां, मैं काम और एक्टिंग में तालमेल बिठा रहा हूं, अभी तक तो शूटिंग की वजह से काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
‘वर्ल्ड ऑफ वर्दी’ से बदलेंगे कांस्टेबल- हेड कांस्टेबल की दुनिया
यहां यह बताना बहुत जरूरी है कि अभिषेक सिर्फ खुद एक्टिंग के क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं बल्कि सेना, पारा मिलिट्री, पुलिस जैसी सेवाओं से जुड़े कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल जो अपने काम से अलग कुछ करना चाहते हैं उनके लिए भी साइड बाई साइड एक प्लैटफॉर्म तैयार कर रहे हैं. उन्होंने ‘वर्ल्ड ऑफ वर्दी’ नाम की एक संस्था भी बनाई हैं जिनमें मिमिक्री, गायन, एक्टिंग आदी से जुड़े इन लोगों को मौका दिया जाएगा और फिल्म इंडस्ट्री और टीवी इंडस्ट्री में मौके तलाशे जाएंगे.
— Abhishek Singh (@Abhishek_asitis) July 20, 2020
अभिषेक कहते हैं, ‘आप जैसे ही अपने काम से अलग हट कर कुछ करते हैं आपकी सोच और होराइज़न बड़ा हो जाता है. आप और संवेदनशील हो जाते हैं. सामने वाले की भावना को समझते हैं.’ वह आगे कहते हैं आपकी समझने की शक्ति बढ़ जाती है.’ यह भी एक तरह का पुलिस रिफॉर्म ही है क्योंकि जो इंसान फील्ड पर रहता है उसकी सोच बदलना जरूरी है.
पुलिस फैमिली से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक को दोस्त, परिवार वाले भी हाथों हाथ ले रहे हैं, लेकिन रिटायर्ड आईपीएस पिता जरूर कुछ नहीं बोल रहे हैं. दिप्रिंट से बात करते हुए अभिषेक हंसते हुए कहते हैं, ‘ पापा कह रहे हैं क्या फालतू का काम शुरू कर दिया है उसने..लेकिन जैसे ही उन्होंने काम देखा अब कुछ नहीं कह रहे हैं.’ मुझे पता है वह भी बहुत खुश हैं.
जिंदगी की सीख
एक्टिंग ही नहीं बल्कि अपने महकमें में काम के लिए भी अभिषेक काफी चर्चित रहे हैं. उनके ऊपर मथुरा में महावन सबडिविजन में तैनाती के दौरान आरोप लगा था कि उन्होंने एक दलित शिक्षक का उत्पीड़न किया है..दिप्रिंट से बातचीत में कहते हैं मीडिया ने उसे दलित उत्पीड़न का मामला बना कर ‘सनसनी’ फैला दी थी.
‘जबकि वहां काम के दौरान चुनाव आयोग ने मेरे काम की सराहना की थी और उस टीचर के काम न करने का मामला था जिसे उसने उत्पीड़न का रूप दे दिया गया. वो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सबक था और मेरी जिंदगी के काफी करीब भी है. ‘उस वाक्ये के बाद मैंने काफी कुछ सीखा और स्ट्रांग भी हुआ.’
हालांकि सोमवार (20 जुलाई) को अभिषेक के ट्रेंड करने की वजह उनका नया गाना ‘दिल तोड़ के’ है. सिंह का यह गाना महज 24 घंटे में एक करोड़ से अधिक बार देखा गया है. एक समय तो ऐसा भी आया कि ट्रेंडिग लिस्ट में अभिषेक का यह गाना भारत में पहले स्थान पर था और दुनिया में दूसरे स्थान पर ट्रेंड कर रहा था.
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समाज की सोच बदलने की भी है कोशिश
अभिषेक कहते हैं मीडिया का, फिल्मों का, इन गानों का और आजकल वेब सीरीज का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ता है. इस गाने के आखिर में भी युवाओं के लिए संदेश है. इस गाने में हीरो-हीरोइन आखिर में अलग हो जाते हैं. और यही अभिषेक के काफी करीब है. वह कहते हैं कि अक्सर जब लड़का लड़की बिछड़ते हैं तो लड़का ‘लड़की को गोली मार’ देता है..लेकिन इस गाने में संदेश यही है कि लड़का उसे गोली नहीं मारता और आगे बढ़ जाता है. ये गाना उन युवाओं के लिए संदेश है जो सबकुछ खत्म करने की बात सोचते हैं.
इसके साथ ही वह बताते हैं कि दिल्ली ‘क्राइम-2′ और ‘दिल तोड़ के’ के पहले 15 मिनट की एक शॉट फिल्म चार पंद्रह में भी काम किया है. वह कहते हैं वह समाज पर आधारित फिल्म है जिसमें यह बताया गया है कि क्या बदलना है.
— Abhishek Singh (@Abhishek_asitis) July 19, 2020
वह आगे कहते हैं, ‘फिल्म के द्वारा बहुत कुछ बदला जा सकता है. विकास सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने, सड़के बनाने, मॉल बनाने से नहीं होगा बल्कि लोगों की सोच बदलनी होगी.’
आईएएस से हीरो बने अभिषेक कहते हैं, ‘कोरोना के लिए तब्लीगी समाज को कोरोना जेहादी नहीं कहा जा सकता है. इससे दो समुदायों में जहर फैलता है. और सोशल वर्क आप समाज के लिए नहीं करते, अपने लिए करते हैं क्योंकि आपको एक अच्छे साफ सुथरे समाज में रहना है.’ मैं ‘सोशल कॉज’ को समाज सेवा नहीं ‘सेल्फिश कॉज’ कहता हूं. क्योंकि हमें बेहतर समाज में रहना है इसलिए इसे बदलना है और यह हमसे जुड़ा है.