नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि क्योंकि प्रदूषण का स्तर कम हो गया है, इसलिए दिल्ली में अब वाहनों के लिए सम-विषम योजना की कोई आवश्यकता नहीं है.
दिल्ली सरकार ने शहर की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच जाने के चलते चार नवंबर से इस योजना को लागू किया था.
Delhi CM Arvind Kejriwal on implementing Odd-Even scheme once again: The sky is clear now, so there is no need of it. pic.twitter.com/E5dH8dQCOI
— ANI (@ANI) November 18, 2019
पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर पिछले दिनों एक विवाद में घिर गए थे जिसमें प्रदूषण को लकेर होने वाली बैठक में वो शामिल नहीं हुए थे. उनकी एक फोटो वायरल हो रही थी जिसमें वो दूसरे खिलाड़ियों के साथ पोहे-जलेबी खा रहे थे.
गौतम गंभीर ने इस विवाद पर कहा कि मैंने जनवरी में कमेंटरी के लिए कांन्ट्रेक्ट साइन किया था. वहीं राजनीति में मैं अप्रैल में आया. मैं जानता हूं कि वो बैठक कितनी महत्वपूर्ण थी लेकिन में कांट्रेक्चुअल दायित्व के साथ बंधा हुआ था. मैंने उन्हें बता दिया था कि मैं इसमें शामिल नहीं हो पाउंगा.
Gautam Gambhir: I had signed the contract in January & I joined politics in April. Due to contractual obligation, I had to go for the commentary. On 11th November I received the mail and on the same day, I had informed them the reason for not attending the meeting. (2/2) pic.twitter.com/bsoYp5rpti
— ANI (@ANI) November 18, 2019
गौतम गंभीर ने कहा, ‘अगर मेरे जलेबी खाने से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा है तो मैं हमेशा के लिए जलेबी छोड़ सकता हूं. 10 मिनट में मुझे ट्रोल करना शुरू कर दिया, अगर इतनी मेहनत दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में की होती तो हम सांस ले पाते.’
बता दें कि ऑड-ईवन योजना 15 नवंबर को खत्म हो गई. तब केजरीवाल ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर इसे विस्तारित किया जा सकता है और इस बारे में अंतिम निर्णय सोमवार को किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आसमान अब साफ है, इसकी (योजना की) कोई आवश्यकता नहीं है.’
योजना के दौरान नियम का उल्लंघन करने पर पांच हजार से अधिक लोगों पर चार-चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘पराली जलाने और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ने के बीच बेहद मजबूत परस्पर संबंध है. अक्टूबर के पहले सप्ताह में जैसे ही पराली जलाने की शुरुआत होती है एक्यूआई बढ़ता जाता है. अब पराली जलने के मामले थमे हैं तो वायु गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है.’
मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट किया, ‘फसलें जलनी बंद हो गयीं और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ हो गयी. कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5% फसलों का प्रदूषण है. तो क्या केवल 5% प्रदूषण कम होने से एक्यूआई 500 से ज्यादा से 200 से कम हो गया? प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ नीयत से सबको मिलकर काम करने की जरूरत है.’
फसलें जलनी बंद हो गयी। और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ़ हो गयी। कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5% फसलों का प्रदूषण है। तो क्या केवल 5% प्रदूषण कम होने से AQI 500 से ज़्यादा से 200 से कम हो गया? प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ़ नीयत से सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है https://t.co/qDbEuHuntF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2019
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेतृत्व वाले प्रदूषण पर बने कार्यबल ने शनिवार को क्षेत्र में वायु प्रदूषण में सुधार को देखते हुए दिल्ली एवं एनसीआर में गैर-पीएनजी उद्योगों एवं कोयला आधारित फैक्टरियों के संचालन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)