scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशमृतक के भाई का कॉलर पकड़ने वाले अमेठी डीएम पहले भी फंस चुके हैं विवाद में, जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

मृतक के भाई का कॉलर पकड़ने वाले अमेठी डीएम पहले भी फंस चुके हैं विवाद में, जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

अमेठी के डीएम का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह मृतक के भाई का काॅलर पकड़ रहे हैं.

Text Size:

लखनऊ : अमेठी के डीएम प्रशांत कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें वह अपना आपा खोते हुए दिख रहे थे. इसमें वह एक व्यक्ति का काॅलर पकड़ कर उसे खरीकोटी सुना रहे हैं. इस मामले में केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के हस्तक्षेप के बाद डीएम ने अपने सुर बदलते हुए वायरल वीडियो को अधूरा बताया है.

बता दें वीडियो वायरल होने के बाद अमेठी के डीएम प्रशांत शर्मा को वेटिंग लिस्ट में रखा दिया है और अरुण कुमार को अमेठी का नया डीएम बनाया गया है.

कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद, ललितेश पति त्रिपाठी समेत तमाम विपक्षी दल के नेताओं ने इस वीडियो को साझा करते हुए बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए तो कई नेताओं ने डीएम पर कार्रवाई की अपील की. इसी बीच स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर डीएम अमेठी को संवेदनशील बनने की सलाह दी. सांसद ईरानी ने ट्विटर पर लिखा, ‘विनय शील एवं संवेदनशील बने हम यही प्रयास होना चाहिए. जनता के हम सेवक है, शासक नहीं.’

इसका जवाब देते हुए डीएम ने अपनी सफाई दी कि वो वीडियो अधूरा है. मृतक का भाई खुद कह रहा है कि उन्होंने कोई बदसलूकी नहीं की.

चश्मदीदों के मुताबिक अमेठी जिलाधिकारी प्रशांत कुमार उस वक्त अपना आपा खो बैठे थे, जब वह अमेठी में हुए एक हत्याकांड के बाद पोस्टमॉर्टम के दौरान उग्र हुए परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे थे.अमेठी में बीते मंगलवार देर शाम सोनू सिंह को दबंगों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. ये मामला गौरीगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के बिसुनदासपुर गांव का है. मृतक भट्टा व्यवसायी था.


यह भी पढ़ें : भड़काऊ पोस्ट, सुरक्षा में कमी और हत्यारों की ‘हड़बड़ी’, इन कारणों से उठ रहे कमलेश मर्डर केस पर सवाल


पोस्टमॉर्टम के बाद मृतक सोनू सिंह का शव घर पहुंचते ही गांव में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी लगाया गया था. इस मामले में परिजनों ने पांच लोगों के खिलाफ थाने में नामजद तहरीर दी है. तहरीर के आधार पर पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में जुटी है.

कुछ दिन पहले ही डीएम घिरे थे दूसरे विवाद में

कुछ दिन पहले भी वह विवाद में घिर गए थे. दरअसल पिछले दिनों आदेशों के पालन को लेकर फर्जी हलफनामा दाखिल किए जाने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जताते हुए अमेठी के जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इसके बाद हाजिर हुए जिलाधिकारी को हाईकोर्ट ने अदालत के उठने तक हिरासत में ले लिया. जिलाधिकारी को कोर्ट में स्पष्टीकरण दाखिल करना पड़ा था.

दरअसल कोर्ट ने 11 जनवरी 2019 व सात फरवरी 2019 को जिलाधिकारी को एक मामले में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. इस मामले पर जिलाधिकारी की तरफ से कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया कि अदालत के आदेशों के पहले ही वह संबंधित विषय पर कार्यवाही कर चुके हैं. डीएम की ओर से दाखिल हलफनामे में गलत जानकारी दी गई थी. कोर्ट ने डीएम से स्पष्टीकरण और माफीनामा दोनों लिया तथा अदालत के आदेशों का तय तिथि तक अनुपालन करने के निर्देश दिए.


यह भी पढ़ें : झांसी में हुए पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर पर घिरी योगी सरकार, परिजनों ने बताया ‘मर्डर’


2012 बैच के आईएएस हैं

2012 बैच के आईएएस प्रशांत शर्मा हाथरस के रहने वाले हैं. आईएएस में उनकी 29वीं रैंक थी. अमेठी में वह पहली बार डीएम के रूप में कार्य कर रहे हैं. इससे पहले वे लखनऊ में सीडीओ के पद पर काम कर चुके हैं. प्रशांत शर्मा विशेष सचिव कृषि उत्पादन के साथ ही मत्स्य व समन्वय विभाग में भी काम कर चुके हैं.

share & View comments