नई दिल्ली: किसान कार्यकर्ता और शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने महाराष्ट्र सरकार के निर्माण में हो रही देरी की वजह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘एरोगेंस’ को बताया है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लिखे पत्र में भाजपा के पूर्व नेता ने हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि शिव सेना और भाजपा में चल रहे शक्ति प्रदर्शन पर अब रोक लगनी चाहिए. भागवत को पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि दो हफ्ते से सरकार का निर्माण नहीं हो सका है तब जब एनडीए के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है.
सितंबर तक भाजपा के साथ रहे तिवारी ने आरएसएस से कहा है कि उन्हें इस मसले को संजीदगी से लेना चाहिए और इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.
तिवारी ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ‘जिन्हें पार्टी ने पिछले कुछ दिनों से पार्टी में दरकिनार कर दिए गए हैं और महाराष्ट्र चुनाव में उन्हें कोई प्रमुख रोल भी नहीं दिया गया था, को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है.’
उन्होंने खत में लिखा है, ‘उनके पास क्षमता है कि वह इस मसले को सुलझा सकते हैं. भाजपा को इस मसले को सुलझाने की जिम्मेदारी उन्हें देनी चाहिए.’
तिवारी ने प्रिंट को बताया, ‘महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को आ गए थे, 25 को सरकार बनाई जा सकती थी.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा, विशेषकर अमित शाह के एरोगेंस की वजह से जिन्होंने अपनी राज्य इकाई से सेना से इस मामले में बात न किए जाने की हिदायत दिए जाने के बाद पूरा प्रोसेस रास्ते से भटक गया है.’
आरएसएस ने अभी तक इस खत को लेकर कोई भी जवाब नहीं दिया है. महाराष्ट्र में सरकार निर्माण में सेना का मुख्यमंत्री रोटेशन के आधार पर किए जाने की मांग की वजह से रुकी हुई है. और भाजपा ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है.
‘दोनों पहले आप पहले आप में लगे हुए हैं और सरकार अभी तक नहीं बन सकी है.’ तिवारी ने कहा, ‘अगर भाजपा प्यार से बोलेगी तो मुख्यमंत्री के पद के लिए भी मान जाएंगे.’
जल्द से जल्द सरकार
सोमवार को अमित शाह से मिलने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार का निर्माण जल्द से जल्द होगा. महाराष्ट्र विधानसबा का टर्म 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है. तब तक नई सरकार का निर्माण हो जाना चाहिए.
फडणवीस इस दौरान जेनरल सेक्रेटरी भुपिंदर यादव से भी मुलाकात की, वह महाराष्ट्र चुनाव के दौरान पार्टी इन्चार्ज थे.
भाजपा शिवसेना गठबंधन में शिवसेना 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र में 124 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी जबकि भाजपा ने 164 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
चूंकि कम संख्या में चुनाव लड़ने के बाद भी सेना ने 56 सीटों पर विजय हासिल की जबकि भाजपा ने 105 सीटों पर सफलता हासिल की. दोनों दलों में अपनी गठबंधन सरकार के सटीक स्वरूप के बारे में फैसला लेने के बाद से रस्साकशी शुरू हो गई है.
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