नई दिल्ली: वह खुद को किसान का बेटा बताता था, अपने मध्यवर्गीय होने का दावा करता था और खुद को एक गंभीर ऑनलाइन क्रिकेट विश्लेषक के रूप में पेश करता था. लेकिन रील्स और पॉडकास्ट के पीछे उसकी जिंदगी कहीं ज्यादा शानो-शौकत भरी थी. एक नहीं, कई लग्जरी गाड़ियां, दुबई में संपत्तियां और एक आलीशान जहाज पर हुई शादी. यह सब बेटिंग ऐप्स और हवाला के पैसों के सहारे खड़ा किया गया था.
उत्तर प्रदेश के यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और जांच के साथ उसकी भव्य जीवनशैली से जुड़े नए खुलासे सामने आ रहे हैं.
ED का आरोप है कि अनुराग द्विवेदी ने फैंटेसी क्रिकेट इन्फ्लुएंसर के तौर पर अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म को प्रमोट करने में किया और उससे आए पैसों को कंपनियों, परिवार के सदस्यों और हवाला चैनलों के जरिए ठिकाने लगाया. जांच एजेंसी का कहना है कि बेटिंग ऐप्स से आया पैसा, उसके कथित मध्यवर्गीय दावे से उलट उसकी महंगी जीवनशैली और दुबई में संपत्तियां एक संगठित सट्टेबाजी गिरोह से उसके संबंधों की ओर इशारा करती हैं. इसी आधार पर छापेमारी, लग्जरी गाड़ियों और नकदी की जब्ती तथा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत संपत्तियां फ्रीज की गईं.
गुरुवार को ED ने 10 ठिकानों पर छापेमारी की. इनमें उन्नाव, दिल्ली और लखनऊ स्थित द्विवेदी के घर शामिल थे. एजेंसी ने चार महंगी लग्जरी SUV और एक लेम्बॉर्गिनी जब्त की, जिनकी कुल कीमत करीब 6 करोड़ रुपये बताई गई है.
ED ने द्विवेदी से जुड़े परिसरों से 20 लाख रुपये नकद भी बरामद किए. सूत्रों के मुताबिक उसकी कुल चल-अचल संपत्ति करीब 20 करोड़ रुपये की है. गुरुवार की छापेमारी उस जांच का हिस्सा है जो 2022 में शुरू हुई थी. इस साल जून में भी उसके ठिकानों पर छापे पड़े थे और कई आपत्तिजनक जानकारियां सामने आई थीं. सूत्रों का कहना है कि जून की छापेमारी के बाद द्विवेदी दुबई भाग गया था.
एजेंसी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा, जब्त दस्तावेजों से पता चलता है कि अनुराग द्विवेदी ने हवाला चैनलों के जरिए दुबई में रियल एस्टेट में निवेश किया. इसके अलावा बीमा पॉलिसी, एफडी और बैंक खातों में मौजूद करीब 3 करोड़ रुपये की चल संपत्ति को भी PMLA, 2002 के तहत फ्रीज किया गया है.
23 लाख फॉलोअर्स वाले द्विवेदी खुद को इंस्टाग्राम पर फैंटेसी क्रिकेट का चेहरा बताते हैं और लिखते हैं कि वह अभी भी मध्यवर्गीय हैं. ED के मुताबिक वह कई पॉडकास्ट और यूट्यूब चैनलों पर नजर आया, जहां उसने बेटिंग और रियल मनी गेम्स को प्रमोट किया.

यूट्यूबर द्विवेदी के पिता लक्ष्मी नाथ द्विवेदी को शुक्रवार को ED के सामने पेश होने के लिए समन भेजा गया था. लेकिन सूत्रों के अनुसार उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर पेश होने से इनकार कर दिया. यही वजह अनुराग द्विवेदी ने भी चार बार पूछताछ से बचने के लिए दी थी. ED की सख्ती बढ़ने के बीच द्विवेदी भारत छोड़कर दुबई चला गया और वहां उसकी भव्य शादी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
अगस्त में केंद्र सरकार ने सभी रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके लिए ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और नियमन से जुड़ा विधेयक, 2025 लागू किया गया, जिससे देश में बेटिंग ऐप्स पर प्रभावी रूप से रोक लग गई.
जांच कैसे शुरू हुई
ED ने इस मामले की जांच तब शुरू की, जब 23 अक्टूबर 2022 को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सिलीगुड़ी के शक्ति नगर थाने में एक FIR दर्ज की.
यह FIR उस समय दर्ज हुई, जब पुलिस ने सूचना के आधार पर शहर के एक फ्लैट पर छापा मारा. यहां सट्टेबाजी का नेटवर्क चलाया जा रहा था. छापेमारी के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया. इनके नाम मयंक सेठी, हनुमंता उर्फ हेमंत राकेश कुमार, बिपिन सिंह और निवाश कुमार थे.
इन सभी ने कबूल किया कि वे एक सट्टेबाजी गिरोह में सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे. यह गिरोह IPL और T20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान लोगों से सट्टा लगवाता था. इसके लिए Skyexchange नाम का प्लेटफॉर्म इस्तेमाल किया जाता था, जिसका एक टेलीग्राम चैनल Skyexchange Official था. यह चैनल लोगों को एक वेबसाइट पर भेजता था, जहां वे सट्टा लगा सकते थे. वेबसाइट पर ऑनलाइन रमी और लूडो जैसे पैसे वाले खेल भी मौजूद थे. कुछ लोगों को व्हाट्सऐप के जरिए भी जोड़ा गया था.
हालांकि, गिरफ्तार लोगों ने दावा किया कि उनकी भूमिका सीमित थी और वे दिल्ली के मास्टरमाइंड बादल भारद्वाज के निर्देश पर काम कर रहे थे.
पश्चिम बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने FIR में कहा कि ऑनलाइन सट्टेबाजी दिल्ली के बादल भारद्वाज द्वारा संचालित की जा रही थी. उसके निर्देश पर आरोपी पूरे भारत में सट्टा चला रहे थे. गिरफ्तार लोगों में राकेश कुमार, निवाश कुमार, बिपिन सिंह, मयंक सेठी और हनुमंता उर्फ हेमंत सभी काम संभालते थे और बादल भारद्वाज से संपर्क में रहते थे.
FIR में यह भी कहा गया कि ये लोग तीन महीने से सिलीगुड़ी से सट्टा चला रहे थे. यह उनका पेशा और तरीका था कि वे मासूम लोगों से पैसे ठगते थे, उन्हें धमकाते, ब्लैकमेल करते और धोखा देते थे.
ED ने ECIR दर्ज करने के बाद सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से पैसों के लेनदेन की जांच की. जांच एजेंसी बैंक खातों तक पहुंची, जो द्विवेदी के चाचा और एक मनी एक्सचेंजर के नाम थे. दोनों ने कबूल किया कि उन्हें द्विवेदी से पैसे मिले थे. इसके अलावा, कुछ अपराध की कमाई द्विवेदी की कंपनियों के बैंक खातों के जरिए भी भेजी गई थी.
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के डेटाबेस में मौजूद जानकारी के अनुसार, द्विवेदी चार फर्मों को मैनेज करता था: फैंटवियर फैशन, आरपी ग्रीन्स इंडिया, डीएसडी स्पोर्ट्स एंड मीडिया, और भूमिदेवा प्रोजेक्ट्स.
ED के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा, “जांच में पता चला है कि उसने अलग-अलग हवाला चैनलों और म्यूल अकाउंट्स के ज़रिए अवैध बेटिंग ऐप्स से क्राइम की कमाई (POC) हासिल की है. वह अवैध बेटिंग ऐप्स के लिए प्रमोशनल वीडियो बनाता और फैलाता है और इस तरह आम लोगों को उन प्लेटफॉर्म पर बेट लगाने के लिए प्रभावित करता है. उसकी कंपनियों के बैंक खातों और उसके परिवार के सदस्यों के खातों में बिना किसी सही कमर्शियल वजह के बड़ी रकम मिली है.”
उन्होंने आगे कहा, “ED की जांच में यह भी पता चला है कि अनुराग द्विवेदी ने अवैध बेटिंग वेबसाइटों को बढ़ावा देने और सुविधा देने से मिले POC का इस्तेमाल करके भारत के बाहर, खासकर दुबई में अचल संपत्तियां खरीदी हैं.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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