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Saturday, 23 November, 2024
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मोदी-शी की मुलाकात के लिए तैयार ममलापुरम, व्यापार और सीमा विवाद पर हो सकती है बात

पीएम मोदी और शी की होने वाली बातचीत बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाके में मौजूद आलीशान ताज फिशरमैन कोव रिसार्ट में होगी.

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मालापुरम(चैन्नई): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी अनौपचारिक मुलाकात करने के लिए तमिलनाडु पहुंच चुके हैं. तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी ने दोनो नेताओं का राज्य में स्वागत किया.

चैन्नई का ऐतिहासिक शहर ममलापुरम शुक्रवार को भारत और चीन के बीच होने वाली अनौपचारिक बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी के बीच व्यापार, सीमा-विवाद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मसले पर बात होने की संभावना जताई जा रही है.

वहीं दूसरी तरफ तिब्बती प्रदर्शनकारी एकबार फिर शी-जिनपिंग की भारत यात्रा का विरोध कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों को चैन्नई पुलिस ने आईटीसी ग्रैंड चोला होटल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया है.

फलों और फूलों से तैयार किए गए स्वागत मेहराब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के फलदायी होने की कामना करते हुए तमिलनाडु सरकार ने पंच रथ के पास विभिन्न प्रकार के फलों से तैयार एक स्वागत मेहराब लगवाया है. तमिलनाडु सरकार के बागवानी विभाग द्वारा मेहराब को तैयार किया गया है.

अधिकारियों के अनुसार, तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों के लगभग 20 विभिन्न प्रकार के फलों का इस्तेमाल मेहराब को तैयार करने में किया गया है.

स्मारकों को सजाने के लिए बड़ी मात्रा में फूलों का भी उपयोग किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरे अनौपचारिक भारत-चीन शिखर सम्मेलन को कवर करने के लिए पांच सितारा शेरेटन ग्रैंड चेन्नई रिसॉर्ट एंड स्पा में स्थापित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को न तो एसी बस से ले जाया गया और न कार से, बल्कि उन्हें पुलिस वाहनों से मीडिया सेंटर ले जाया गया. महाबलीपुरम से लगभग 20 किलोमीटर दूर मीडिया सेंटर में मीडियाकर्मियों को पांच पुलिस वाहनों से ले जाया गया.

यहां मौजूद कई पत्रकारों के लिए पुलिस वाहन में बैठने का यह पहला अनुभव था, जिसके कारण ‘पुलिस काफिले में यात्रा’ जैसी मजाकिया टिप्पणियां भी की गई.

महाबलीपुरम की ओर जाने वाला ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच वीरान नजर आ रहा था.

यह बंद जैसी स्थिति बन गई थी,क्योंकि मार्ग में पड़ने वाली लगभग सभी दुकानें बंद थी.

मोदी और शी के बीच होने वाली बातचीत बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाके में मौजूद आलीशान ताज फिशरमैन कोव रिसार्ट में होगी. पूरा इलाका दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत के लिए तैयार है. इस क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

व्यापार हो सकता है बातचीत का मुख्य एजेंडा

इस बातचीत के बाद औपचारिक तरीके से कोई भी बयान जारी नहीं किया जाएगा. दोनों देशों के नेता विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे जो बदलते वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल में दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगा.

इससे पहले दोनों देशों के बीच पहली अनौपचारिक बातचीत अप्रैल 2018 में चीनी शहर वुहान में हुई थी.

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इस बातचीत का मुख्य एजेंडा व्यापार होगा. भारत इसमें व्यापार घाटे को लेकर बात कर सकता है. भारत को हर साल लगभग 60 बिलियन डॉलर का घाटा होता है.


यह भी पढ़ें : कश्मीर मुद्दे पर तल्खी के बाद चीन के शी जिनपिंग का भारत दौरा, वुहान स्पिरिट जगाने की होगी कोशिश


सूत्रों ने बताया कि मोदी सरकार चीन से कह सकती है कि वो भारत से ज्यादा सामान आयात करें जिससे व्यापार घाटा कम हो सके.

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के बाद चीन भारतीय प्रोफेशनल्स को मिलने वाले वीजा में छूट देगी.

ममलापुरम समिट में मोदी और शी भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर भी बात कर सकते हैं.

पिछली अनौपचारिक बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच कई मुद्दों को लेकर तनातनी हुई है. अगस्त में भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. जिसके बाद चीन ने इसपर प्रतिक्रिया दी थी. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यह भारत का आंतरिक मामला है. इसपर वो किसी देश का हस्तक्षेप नहीं चाहता.

नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक बैठक के बाद शी जिनपिंग नेपाल की यात्रा पर जाएंगे. शनिवार को शी नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे.

किसी भी चीनी राष्ट्रपति द्वारा नेपाल की यह यात्रा पिछले दो दशकों में पहली बार होगी. पिछले कुछ दिनों में काठमांडु चीन के लिए महत्वपूर्ण हो गया है. चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत वहां प्रोजेक्ट चला रहा है.

नेपाल चीन से रेलवे प्रोजेक्ट की भी मांग कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस यात्रा में इस प्रोजेक्ट को चीन मंजूरी दे दे.

2014 के बाद मोदी अपने पड़ोसी मुल्क चीन की चार बार यात्रा कर चुके हैं.

(नयनिमा बासु के इनपुट के साथ)

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