अयोध्या: राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ ने शहर की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ्तार दे दी है. मंदिर परिसर और प्रमुख मार्गों पर स्थित छोटी-बड़ी दुकानों में कारोबार कई गुना बढ़ गया है. रामपथ, कनक भवन, हनुमानगढ़ी और आसपास के इलाकों में न सिर्फ धार्मिक रौनक बढ़ी है, बल्कि आर्थिक समृद्धि भी साफ दिखाई दे रही है.
हनुमानगढ़ी मार्ग पर श्री गायत्री भोग प्रसाद भंडार चलाने वाले जितेंद्र कुमार गुप्ता बताते हैं कि पहले उनका रोज़ का कारोबार 3,000 रुपये के आसपास रहता था.
उन्होंने कहा, “राम मंदिर के बाद हमारी बिक्री 10,000 रुपये प्रतिदिन तक पहुंच गई है. शहर बदला है—साफ-सुथरा, सुगम और आकर्षक. आने वाले त्योहारों और कार्यक्रमों में भी भीड़ और बढ़ेगी.”
कनक भवन के पास पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाले श्यामजी राय बताते हैं कि मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं का उत्साह कई गुना बढ़ा है. पहले नौकरी करने वाले श्यामजी अब पूरी तरह दुकान संभाल रहे हैं.
इसी क्षेत्र में गुप्ता जी चंदन वाले दुकान के मालिक प्रशांत गुप्ता भी खुश हैं. पहले जहां उनकी रोज़ की बिक्री 2,000 रुपये थी, अब यह 25,000 रुपये तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा, “पहले तो खर्च निकालना भी मुश्किल होता था, लेकिन अब सब कुछ संभल गया है. साफ-सफाई, सड़कें और यातायात व्यवस्था ने भी बड़ा फर्क डाला है.”
जय पूजन मूर्ति और सामग्री भंडार चलाने वाले जय नारायण मिश्र कहते हैं कि पहले उनका व्यापार सिर्फ मेलों तक सीमित था. उन्होंने कहा, “साल में कुछ ही दिन चहल-पहल होती थी. आज रोज़ 10,000 रुपये कमा रहे हैं. पहले दिनभर में 100 ग्राहक आते थे, अब 1,200 से ज्यादा लोग मूर्तियां ले जाते हैं.”
अयोध्या में छोटे व्यापारियों की मानें तो सड़क चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने और पर्यटन सुविधाओं के विकास ने पूरे शहर की तस्वीर बदल दी है. दुकानें अब सिर्फ आस्था से जुड़ी जगह नहीं रहीं—वे रोज़गार और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी हैं.
स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या एक विश्वस्तरीय तीर्थ नगरी के रूप में और मज़बूत होकर उभरेगी, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था में और तेज़ी आएगी.
