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Thursday, 20 November, 2025
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बिहार की 130 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले, NDA ने इनमें से 88% सीटें जीतीं

इसके मुकाबले, विपक्षी महागठबंधन को सिर्फ 16 ऐसी सीटें मिलीं. राष्ट्रीय जनता दल ने इनमें सबसे ज्यादा 11 सीटें जीतीं.

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नई दिल्ली: बिहार की कम से कम 130 विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले. इन सीटों में से, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 114 सीटें जीतीं — यानी लगभग 88 प्रतिशत वे सीटें जहाँ महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया.

एनडीए ने बिहार की 243 सीटों में से रिकॉर्ड 202 सीटें जीतीं. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (MMRY) के तहत सरकार द्वारा महिलाओं को दिए गए 10,000 रुपये को इस बड़ी जीत की सबसे अहम वजह माना जा रहा है.

इन विधानसभा चुनावों में महिलाओं की रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी देखी गई — 71.6 प्रतिशत जो 1962 के बाद से सबसे ज्यादा है, जब पहली बार पुरुष और महिला वोटिंग डेटा अलग से दर्ज हुआ था.

सितंबर के अंत में योजना शुरू होने के बाद से 1.41 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को 10,000 रुपये मिल चुके हैं. यह डायरेक्ट कैश बेनिफिट उन कैश ट्रांसफर्स जैसा है जो पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में महिलाओं को दिए जाते हैं. हालांकि, बिहार में राशि ज्यादा है. जिन महिलाओं को इस आर्थिक मदद से अच्छा रोजगार मिलता है, उन्हें अतिरिक्त 2 लाख रुपये देने का वादा किया गया है.

इन 130 सीटों में से, जनता दल (यूनाइटेड) ने 48 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 44 सीटें. एनडीए के अन्य सहयोगियों—लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को क्रमशः 11, 4 और 2 सीटें मिलीं.

महागठबंधन में, कांग्रेस को 4 सीटें, राष्ट्रीय जनता दल को 11 सीटें और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को 1 सीट मिली. कुल मिलाकर, विपक्ष को 16 सीटें मिलीं.

महिलाओं को दिए गए आर्थिक लाभ पर बात करते हुए, चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर नीतीश कुमार की सरकार 1.5 करोड़ लाभार्थियों को 2 लाख रुपये देने का वादा पूरा कर दे, तो वे राजनीति छोड़ देंगे.

उन्होंने कहा, “जो मैंने नीतीश कुमार और जेडीयू के बारे में कहा था कि वे 25 सीटों से ज्यादा नहीं जीत सकते, उस पर मैं आज भी कायम हूं. अगर नीतीश कुमार और उनकी सरकार इन वोटों को नहीं खरीदे (2 लाख रुपये देकर), तो मैं राजनीति से पूरी तरह रिटायर हो जाऊंगा.”

आंकड़े

चुनाव आयोग के अनुसार, दो चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ — 1951 के बाद से बिहार में सबसे ज्यादा.

पहले चरण में 69.04 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला, जबकि पुरुषों में यह दर 61.56 प्रतिशत रही. दूसरे चरण में 74.03 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला, जबकि पुरुषों में यह संख्या 64.1 प्रतिशत रही.

यह चौथी बार है जब बिहार में महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रही. ईसीआई के डेटा के अनुसार यह ट्रेंड 2010 में शुरू हुआ, जब 54.49 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 51.12 प्रतिशत था.

इसी तरह, 2015 में 60.48 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया, जबकि पुरुषों में यह 53.32 प्रतिशत था. 2020 में 59.69 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया, जबकि पुरुषों में यह दर 54.45 प्रतिशत रही.

कुल संख्या में भी, 2.51 करोड़ महिलाओं ने वोट किया, जबकि पुरुषों में यह संख्या 2.47 करोड़ रही — महिलाओं ने पुरुषों से 4.34 लाख ज्यादा वोट डाले. 2020 में 2.08 करोड़ महिलाओं ने वोट किया था, यानी 2025 चुनाव में 43 लाख की बढ़त हुई. यह बढ़त पुरुष मतदान की बढ़त से भी ज्यादा है — पुरुष वोटिंग में 36 लाख का इज़ाफा हुआ (2020 के 2.11 करोड़ से बढ़कर 2025 में 2.47 करोड़).

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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