रायपुर: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. रायपुर के पंडरी जिला अस्पताल और बलौदाबाजार जिला अस्पताल की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स (IPHL) को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) के तहत राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त हुआ है. पंडरी IPHL देश की पहली और बलौदाबाजार IPHL दूसरी क्वालिटी सर्टिफाइड लैब बनी है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में आए व्यापक और वैज्ञानिक सुधारों का प्रमाण बताया है. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और यह प्रमाणन छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाता है.
जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है. इसमें दंतेवाड़ा के चिंतागुफा जैसे दुर्गम क्षेत्रों के केंद्र भी शामिल हैं. देश में पहली बार किसी राज्य में लैब्स का इतना बड़ा मूल्यांकन अभियान चलाया गया है.
दोनों लैब्स का मूल्यांकन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नामित विशेषज्ञ टीमों ने किया. पंडरी IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88% स्कोर मिला, जो राष्ट्रीय मानकों में उत्कृष्ट श्रेणी है. मूल्यांकन में लैब की कार्यप्रणाली, मरीज केंद्रित सेवाओं, गुणवत्ता नियंत्रण, रिपोर्टिंग की समयसीमा और सुरक्षा मानकों की विस्तृत जांच शामिल थी.
इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब का उद्देश्य एक ही स्थान पर पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी की सभी जांचें उपलब्ध कराना है. इससे मरीजों को तेज, किफायती और विश्वसनीय टेस्ट रिपोर्ट मिलती है और निजी लैब्स पर निर्भरता कम होती है.
पंडरी IPHL राज्य की मॉडल लैब बन चुकी है, जहां रोजाना 3,000 से अधिक जांचें और 120 से ज्यादा प्रकार की टेस्टिंग होती हैं. यह रायपुर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों से सैंपल लेकर ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर भी काम करती है. कई आपात स्थितियों में यह मेडिकल कॉलेज और अन्य जिलों के सैंपलों की भी जांच कर चुकी है.
