चंडीगढ़: हरियाणा की पावन धरती पिंजौर से मंगलवार को ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में दूसरी पवित्र नगर कीर्तन यात्रा का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार, गांव गोरखनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी केवल सिख समाज के नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के मानवाधिकारों के प्रथम महानायक हैं. उन्होंने धर्म और देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने बताया कि पिंजौर से आरंभ यह दूसरी नगर कीर्तन यात्रा गुरु जी के तप, त्याग, विचार और धर्म रक्षा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष पर प्रदेशभर में चार पवित्र नगर कीर्तन यात्राएं निकाली जा रही हैं, जो हरियाणा के सभी जिलों से गुजरेंगी. इन यात्राओं का समापन 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा. अगले दिन 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में आयोजित महासमागम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का हरियाणा से गहरा संबंध रहा है. वर्ष 1665 में उन्होंने सिख पंथ का मुख्यालय धमतान (जींद, वर्तमान हरियाणा) में स्थापित किया था. उन्होंने जींद, कैथल, कराह, सियाना सईदा, पिहोवा, बारना, थानेसर, लाडवा और यमुनानगर सहित अनेक स्थानों का प्रवास कर धर्म और मानवता का संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हरियाणावासियों का सौभाग्य है कि गुरु जी के पावन चरण इस भूमि पर पड़े और उनके प्रवास स्थलों पर आज भी गुरुघर उनकी शिक्षाओं की ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार महापुरुषों और गुरुओं के पर्वों को पूरे श्रद्धा और भव्यता से मना रही है. प्रदेश सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को राज्य स्तर पर भव्य आयोजन के साथ मनाया था और अब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को भी ऐतिहासिक स्वरूप में मनाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इस आयोजन का नेतृत्व हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झिंडा कर रहे हैं, जो गुरु परंपरा के प्रचार-प्रसार में निरंतर अग्रसर हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में श्री गुरु तेग बहादुर जी अनुसंधान पीठ (चेयर) स्थापित की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके जीवन और दर्शन पर शोध कर सकें. यमुनानगर में बन रहे मेडिकल कॉलेज का नाम भी गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि पंचकूला से पोंटा साहिब तक की सड़क का नाम श्री गुरु गोविंद सिंह जी के नाम पर रखा गया है. असंध स्थित कॉलेज का नाम गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे पुत्र के नाम पर और लखनौर साहिब में माता गुजरी देवी के नाम पर वी.एल.डी.ए. कॉलेज की स्थापना की गई है, जो गुरु परंपरा के सम्मान का प्रतीक है.
इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झिंडा, उप प्रधान सरदार गुरमीत सिंह रामसर, सरदार बलजीत सिंह दादूवाल, राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, कार्तिकेय शर्मा, विधायक शक्तिरानी शर्मा, जिला अध्यक्ष अजय मित्तल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, बंतो कटारिया, ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह, ओम प्रकाश देवीनगर, सरदार गुलाब सिंह और बीबी करतार कौर सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे.
नगर कीर्तन यात्रा 11 नवंबर को गुरुद्वारा श्री नानक दरबार, गांव गोरखनाथ से शुरू होकर गांव मंढावाला, नानकपुर, करणपुर, जोहलुवाल, कीर्तपुर, लोहगढ़, खेड़ा बसला से होते हुए गुरुद्वारा श्री मंजीसाहिब, पिंजौर पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा.
12 नवंबर को यात्रा गुरुद्वारा श्री मंजीसाहिब, पिंजौर से शुरू होकर कालका, टिपरा, मल्लामोड़, हिमशिखा, सीआरपीएफ कैंप से होते हुए गुरुद्वारा सिंह साहिब, बख्शीवाला पहुंचेगी. 13 नवंबर को यात्रा गुरुद्वारा सिंह साहिब, बख्शीवाला से शुरू होकर गुरुद्वारा हिमशिखा, गुरुद्वारा डीएलएफ, अमरावती, चंडी मंदिर, ओल्ड पंचकूला और माजरी चौराहा से होती हुई गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब, पंचकूला पहुंचेगी. 14 नवंबर को यात्रा गुरुद्वारा नाडा साहिब से शुरू होकर गांव माणकय होते हुए गुरुद्वारा मानक टबरा पहुंचेगी, जहां समापन होगा.
यह नगर कीर्तन यात्रा गुरु तेग बहादुर जी के तप, त्याग और सत्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रतीक बनेगी.
