नई दिल्ली: डॉक्टर उमर-उन-नबी और उसके साथी ने जब अपने दोस्त मुज़म्मिल शकील के फरीदाबाद वाले किराए के घर में रखे विस्फोटक को ले जाने की योजना बनाई, तो दोनों को OLX पर सफेद i20 कार लिस्टेड मिली.
वो विस्फोटक कुछ वक्त से वहीं पड़े थे और दोनों को जल्द से जल्द उन्हें कहीं और पहुंचाने की व्यवस्था करनी थी, क्योंकि हैंडलर्स ने उन्हें जल्दी करने को कहा था.
OLX प्लेटफॉर्म पर कार डीलर से संपर्क करने के बाद, नबी और उसका साथी, जो संभवतः आमिर राशिद था, फरीदाबाद के सेक्टर-37 में स्थित रॉयल कार जोन के दफ्तर पहुंचे. जम्मू-कश्मीर से आए दोनों वहां तब तक रुके रहे जब तक कार के कागजात पूरे नहीं हो गए.
रॉयल कार जोन चलाने वाले अमित पटेल ने दिप्रिंट को बताया, “उन्होंने हमें गाड़ी लेने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ दिए. अभी हमने सारी जानकारी, जिसमें सीसीटीवी फुटेज भी शामिल है, पुलिस को सौंप दी है. दस्तावेज़ पूरे होने के बाद हमने नबी और राशिद को कार दे दी.”
राशिद ने सफेद i20 के साथ एक फोटो भी खिंचवाई थी — वही कार जो 10 नवंबर की शाम 6:50 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास धमाके में उड़ गई. धमाके में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. उसकी वायरल फोटो में कार का नंबर प्लेट साफ दिख रहा है — HR26CE7674.
पटेल के अनुसार, यह सफेद i20 करीब 13–14 साल पुरानी थी. इस साल मार्च में गुरुग्राम निवासी सलमान ने यह कार जेके मोटर्स के देवेंद्र को बेची थी. सलमान ने यह गाड़ी Spinny एजेंसी के ज़रिए बेची थी, जो पुरानी गाड़ियां खरीदती और बेचती है.
रॉयल कार जोन का जेके मोटर्स से टाई-अप है. वहां काम करने वाले सोनू ने OLX पर कार की बिक्री के लिए विज्ञापन डाला था.
पटेल ने बताया, “हम कमीशन पर काम करते हैं. सोनू ने जेके मोटर्स के देवेंद्र से कार खरीदी और उसे OLX पर बेचने के लिए डाल दिया.”
सोनू, जो रॉयल कार जोन में ही काम करता है, उसने नबी और उसके साथी से कागजात पूरे करवाए थे जब वो गाड़ी लेने पहुंचे थे. हालांकि, कार अब भी सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी. यही वजह थी कि हरियाणा पुलिस ने धमाके वाले दिन सलमान से पूछताछ की थी.
सोनू को भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
यह i20 कार नबी और राशिद को 1.5 से 2 लाख रुपये में बेची गई थी. उसी दिन उन्होंने कार का पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट भी बनवाया गया. माना जा रहा है कि धमाके से पहले कार चलाने वाला आखिरी व्यक्ति उमर-उन-नबी ही था. सूत्रों के मुताबिक, 10 नवंबर की सुबह वह फरीदाबाद से दिल्ली के लिए निकला था — धमाके से कुछ घंटे पहले.
उसी दिन जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने धौज में शकील के किराए के मकान पर छापा मारा था, जहां से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई, जिसमें 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट शामिल था. संदेह है कि इसी अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल उस i20 में किया गया था जो बाद में फटी.
सीसीटीवी फुटेज में कार को सुनेहरी मस्जिद पार्किंग पहुंचने से पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार में देखा गया. वह वहां तीन घंटे तक खड़ी रही.
नबी भी शाम 6:48 बजे तक वहीं था — उसने पार्किंग फीस दी और कार लेकर निकला. दो मिनट बाद, यानी 6:50 बजे, वही गाड़ी धमाके में उड़ गई.
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