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Monday, 10 November, 2025
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विधानसभा चुनाव से पहले ‘सेमीफाइनल’: केरल में 2 चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव, नतीजे 13 दिसंबर को

7 जिलों में 9 दिसंबर को और 6 जिलों में 11 दिसंबर को मतदान होगा. सत्तारूढ़ एलडीएफ विकास कार्यों पर निर्भर है, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सत्ता विरोधी लहर पर निर्भर है, और भाजपा खाता खोलने और तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने की उम्मीद कर रही है.

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तिरुवनंतपुरम: आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक तरह की शुरुआती परीक्षा माने जा रहे इन चुनावों में, केरल 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में स्थानीय निकायों के लिए अपने प्रतिनिधि चुनेगा. राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को यह घोषणा की. चुनाव परिणाम 13 दिसंबर, शनिवार को घोषित किए जाएंगे.

राज्य चुनाव आयुक्त ए. शहजहां ने तिरुवनंतपुरम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इच्छुक उम्मीदवार 21 नवंबर तक अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं और 22 नवंबर तक उसकी जांच होगी. नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 24 नवंबर है.

पहला चरण सात जिलों में होगा, जिनमें राजधानी तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम शामिल हैं. बाकी जिले—त्रिशूर, पलक्कड़, कोझिकोड, मलप्पुरम, वायनाड और कन्नूर—दूसरे चरण में वोट करेंगे.

राज्य में कुल 1,200 स्थानीय निकाय हैं, जिनमें 941 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक पंचायतें, 14 जिला पंचायतें, 86 नगरपालिकाएं और 6 निगम शामिल हैं. कुल 1,200 में से 1,199 निकायों में चुनाव होंगे. कन्नूर की मट्टनूर नगरपालिका का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए उसे शामिल नहीं किया गया है.

कुल 23,576 वार्डों में चुनाव होंगे, जो 2020 के 21,900 वार्डों से ज्यादा हैं. मतदान सुचारू रखने के लिए आयोग ने पूरे राज्य में 33,746 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं.

चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में 1,249 रिटर्निंग अधिकारियों को नियुक्त किया है और उनका प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. कुल मिलाकर 1,80,000 अधिकारी चुनाव प्रक्रिया में तैनात किए जाएंगे, इसके अलावा लगभग 70,000 पुलिसकर्मी भी लगेंगे, शहजहां ने कहा.

2020 के स्थानीय निकाय चुनावों में, जिन्हें कोविड-19 महामारी के कारण तीन चरणों में करवाया गया था, सत्ताधारी एलडीएफ ने बड़ी जीत हासिल की थी. उसने पांच नगर निगम, 11 जिला पंचायतें, 514 ग्राम पंचायतें और 108 ब्लॉक पंचायतें जीती थीं.

अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर स्थानीय निकाय चुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है. राजनीतिक पार्टियों ने राज्य चुनावों के लिए शुरुआती अभियान शुरू कर दिए हैं. एलडीएफ अपने कल्याणकारी कार्यक्रमों और विकास योजनाओं के आधार पर 2020 की जीत दोहराने की उम्मीद कर रहा है. स्थानीय निकाय चुनावों में जीत पार्टी के आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी, जो मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व में केरल विधानसभा में तीसरी बार सत्ता में लौटना चाहती है.

उधर, कांग्रेस की अगुवाई वाला यूडीएफ सत्ता-विरोधी माहौल पर निर्भर है. पार्टी को 2020 में करारा झटका लगा था और उसे सिर्फ एक नगर निगम मिला था. 2021 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी को 140 में से सिर्फ 41 सीटें मिली थीं, जबकि वाम मोर्चा ने 99 सीटें जीती थीं. बीजेपी, जिसका विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है, इस बार केरल में तीसरी ताकत के रूप में उभरने की उम्मीद कर रही है.

बीजेपी और कांग्रेस ने तिरुवनंतपुरम निगम के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक और केपीसीसी नेता के.एस. सबरीनाथन और बीजेपी की तरफ से सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आर. श्रीलेखा मैदान में हैं.

केरल में स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए है और इस बार कोच्चि, त्रिशूर और कन्नूर निगमों में महापौर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित है.

शहजहां ने कहा, “अगर अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं होगा, तो उपाध्यक्ष का पद होगा. नगरपालिकाओं में भी यही नियम लागू होगा. अगर मेयर पुरुष होगा, तो डिप्टी मेयर महिला होगी.”

25 अक्टूबर को जारी चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 2,84,30,761 मतदाता हैं. इनमें 1,34,12,470 पुरुष, 1,50,18,010 महिलाएं, 281 ट्रांसजेंडर और 2,841 प्रवासी केरलवासी शामिल हैं. आयोग 14 नवंबर को पूरक मतदाता सूची जारी करेगा, जिसमें संशोधन और नए नाम शामिल होंगे.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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