होडल (हरियाणा): लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में हुई अपनी ‘एच-बॉम्ब’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पलवल जिले की होडल विधानसभा सीट के दो घरों के नंबरों का ज़िक्र किया, ताकि 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में “व्यापक वोटर फ्रॉड” के अपने आरोपों को साबित कर सकें.
ये दो पते थे—हाउस नंबर (एच/एन) 265 होडल शहर में और एच/एन 150 गुढ़राना गांव में. जब दिप्रिंट ने गुरुवार को इन दोनों जगहों का दौरा किया, तो वहां के निवासी और घर मालिकों ने किसी भी “वोट चोरी” से इनकार कर दिया.
हालांकि, तस्वीर उतनी साफ़ नहीं है जितनी वे बताते हैं.
एच/एन 265 के मूल निवासी सेरोट परिवार के अनुसार, 2016 के बाद इस पते पर उनकी बिरादरी के बाहर के लोगों के नाम वोटर सूची में दिखने लगे. इनमें आसपास रहने वाली दूसरी जातियों के लोग भी शामिल हैं, और कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें परिवार पहचानता भी नहीं. लेकिन परिवार के सदस्य शिव राम सेरोट—जो बीजेपी कार्यकर्ता और होडल नगर परिषद के पूर्व पार्षद हैं—ने ऐसे किसी भी अतिरिक्त नामों के दावे को खारिज किया.
बूथ नंबर 162—एचजीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल—की वोटर सूची में एच/एन 265 के नाम पर 502 वोट दर्ज हैं (राहुल गांधी के बताए 501 नहीं). इसके अलावा, एच/एन 265/1 पर दो वोट, 265/A पर 14 वोट, 265/B पर 42 वोट, 265/K (हिंदी वर्णमाला) पर तीन वोट और 265/G (हिंदी वर्णमाला) पर सात वोट दर्ज हैं.
राज्य में निर्वाचन अनुपात (ईपी रेशियो) 63.04 है, जो 2019 के हरियाणा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के डेटा के अनुसार है. इस हिसाब से एच/एन 265 से जुड़े लोगों की कुल संख्या—जिसमें मतदान आयु से कम और बाहर बसे लोग भी शामिल हैं—लगभग 630 के आसपास होगी.
दूसरे पते—एच/एन 150—पर दर्ज वोट बीजेपी जिला परिषद प्रमुख उमेश गुढ़राना के परिवार के हैं. इनमें परिवार की वे बेटियां भी शामिल हैं, जिनकी शादी गांव से बाहर हुई, लेकिन उनके नाम अभी भी वोटर लिस्ट में हैं.
इसी पते पर नौ दलित वोटर भी दर्ज हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए कांग्रेस नेता उदय भान ने कहा कि होडल विधानसभा क्षेत्र में 265 और 150 नंबर वाले घर ही ऐसे नहीं हैं, जहां कई-कई वोट दर्ज हैं.
उदय भान के अनुसार, “होडल में ऐसे 42 घर हैं, जहां 100 या उससे अधिक वोट दर्ज हैं. 42,990 वोटर ऐसे घरों में दर्ज हैं, जहां 20 या उससे अधिक वोट हैं. और 1,863 लोगों के डुप्लीकेट वोट हैं.” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, अगर किसी घर में 20 या उससे अधिक वोट दर्ज हों, तो विशेष जांच ज़रूरी है.
क्या 2016 में एच/एन 265 वोटर लिस्ट में बदलाव किया गया?
हाउस नंबर (एच/एन) 265, होडल शहर में—जैसा कि स्थानीय लोगों ने बताया—एक ही कतार में पांच घर हैं. यहां दिवंगत राम हेत सेरोट के पांच बेटों के परिवार रहते हैं: राम स्वरूप, हरि सिंह, जवाहर सिंह, प्रेम सिंह और दिगंबर सिंह.
राम स्वरूप के परिवार में सात वोटर हैं—वे स्वयं (81), उनकी पत्नी किशनी (72), बेटा जीले सिंह (48), बहू सुनीता (46), और उनके बच्चे पवन कुमार, अंजू तथा भरत. हरि सिंह, जवाहर सिंह, प्रेम सिंह और दिगंबर सिंह के परिवारों में क्रमशः छह, चार, चार और पांच वोटर दर्ज हैं.
हरि सिंह के बेटे सुंदर सिंह (42) का कहना है कि 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के समय वोटर सूची ऐसी नहीं थी. उनके अनुसार 2016 से बाहरी परिवारों—अन्य जातियों के लोग और कुछ अपरिचित नाम—एच/एन 265 पर दिखने लगे. 2019 और 2024 के चुनावों में भी ऐसा हुआ.
सुंदर के चाचा और बीजेपी कार्यकर्ता शिव राम सेरोट बताते हैं कि उनके दादा कुंदन सिंह सेरोट के चार बेटे थे—श्रीराम, राम हेत, हरिचंदी और देवानचंद. “आपने राम हेत के परिवार को गिना है, लेकिन हमारे बाकी तीनों चाचाओं के परिवार भी आसपास रहते हैं और उनके वोट भी इसी पते पर दर्ज हैं.”
उनके अनुसार कुंदन सिंह के छोटे भाई चंदन सिंह के तीन बेटों के परिवार भी यहीं रहते हैं और उनके वोट भी इसी पते पर हैं. कुल मिलाकर दोनों भाइयों के परिवारों के 150 से अधिक वोट हैं.
तो 502 वोट एक ही पते पर कैसे? शिव राम बताते हैं कि यह इलाका समय के साथ उनकी पैतृक जमीन पर बसी अनियमित कॉलोनी बन गया, जहाँ कई घरों के आधिकारिक नंबर नहीं थे. “बीएलओ धीरे-धीरे आसपास के सभी घरों को एच/एन 265 लिखने लगे.”
सुंदर सिंह का कहना है कि 2014 तक बाहरी जातियों के वोट इस पते पर नहीं थे. इस पर शिव राम का दावा है कि ऐसा कांग्रेस सरकार के समय से होता आ रहा है.
पूर्व हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान का कहना है कि 265 नंबर के सभी वोट फर्जी नहीं हैं, लेकिन कई बाहरी वोटर—विशेषकर यूपी से आए और ज्यादातर बीजेपी समर्थक—यहां दर्ज हैं. “मैं 2024 का चुनाव सिर्फ 2,595 वोट से हारा हूं, जबकि होडल शहर में 4,000 से अधिक यूपी के वोटर हैं.”
उदय भान कहते हैं कि वे इस पर डिटेल्ड डेटा तैयार कर रहे हैं.
उनके बेटे देवेश कुमार—जिन्होंने कांग्रेस के लिए वोटर सूची में अनियमितताओं की जांच की—कहते हैं कि राहुल गांधी या उदय भान ने यह नहीं कहा कि सभी 502 वोट फर्जी हैं, बल्कि सवाल यह है कि चुनाव आयोग ने एक ही पते पर 501 वोट कैसे दर्ज होने दिए.
देवेश आरोप लगाते हैं कि 2016 में, जब शिव राम निगम चुनाव लड़ रहे थे, तभी एक ही पते पर इतने नाम दिखने लगे. शिव राम इसे गलत बताते हैं और कहते हैं कि उनके कई परिजन कांग्रेस नेता उदय भान के समर्थक हैं.
दिप्रिंट द्वारा की गई जांच में भी कई विसंगतियां मिलीं. उदाहरण के लिए, प्रहलाद (क्रमांक 15), गड़िया लोहार समुदाय से हैं और एच/एन 265 के पास नहीं रहते. इसी तरह, डिम्पल बंसल (67) (क्रमांक 34) के बारे में स्थानीय लोग कहते हैं कि वे इस इलाके में नहीं हैं. क्रमांक 42—सुरेश चंद (67)—न्यू सब्जी मंडी के पास रहते हैं, न कि कृष्णा कॉलोनी में.
सुंदर का कहना है कि कई लोग यूपी के गांव—पिपरहवा, बरगांव, लालपुर, बथैन कलां, उमराला, कदौना—से होडल में रहने आए हैं. कई ने यहाँ घर बनाए हैं, लेकिन उनके वोट अभी भी यूपी में दर्ज हैं.
हाउस नंबर 150, गुर्धाना
होडल से 10 किलोमीटर दूर गुर्धाना गांव में आधा दर्जन पक्के मकानों की कतार है. यहीं है एच/एन 150. यह बीजेपी जिला परिषद प्रमुख उमेश गुर्धाना का घर है.
वे बताते हैं कि उनके पिता राजा राम नौ भाई थे—जगमाल, गंगा राम, सुरेश, नेपाल, धर्मपाल, रमेश, राजपाल और कमल (जिनका हाल में निधन हुआ). “इन नौ परिवारों के कई सदस्य यहाँ रहते हैं, और अधिकतर वोट उन्हीं के हैं.”
उदय भान द्वारा यहां अनुसूचित जाति के वोटर दर्ज होने के आरोप पर उमेश कहते हैं कि ये लोग पास ही रहते हैं, लेकिन वे अधिक जानकारी नहीं देना चाहते.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: चिनाब का बदलता चेहरा— मोहब्बत की नदी कैसे ‘टाइम बम’ में तब्दील हो गई
