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Thursday, 6 November, 2025
होमरिपोर्टनिर्माण श्रमिकों की बेटियों के विवाह पर अब 85,000 तक की सहायता, योगी सरकार का बड़ा फैसला

निर्माण श्रमिकों की बेटियों के विवाह पर अब 85,000 तक की सहायता, योगी सरकार का बड़ा फैसला

बोर्ड की सचिव पूजा यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान में 1.88 करोड़ से अधिक श्रमिक बोर्ड में पंजीकृत हैं, जिन्हें अब इस संशोधित योजना से सीधा लाभ मिलेगा.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्माण श्रमिकों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. राज्य के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की कन्या विवाह सहायता योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है. अब साधारण विवाह पर 65,000, अंतर्जातीय विवाह पर 75,000 और सामूहिक विवाह के लिए 85,000 प्रति जोड़े की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही विवाह आयोजन के लिए 15,000 की अतिरिक्त राशि अलग से दी जाएगी.

सरकार का कहना है कि यह निर्णय उन श्रमिक परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, जिनकी आर्थिक स्थिति विवाह जैसे आयोजनों में बाधा बनती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “श्रमिक परिवार समाज की रीढ़ हैं. उनकी बेटियों के विवाह में सहयोग देना सरकार का नैतिक और मानवीय दायित्व है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रमों की संपूर्ण व्यवस्था श्रम विभाग और बोर्ड द्वारा कराई जाएगी, जिसमें सुरक्षा, आवास, परिवहन और भोजन सहित सभी सुविधाओं का प्रबंध होगा.

बोर्ड की सचिव पूजा यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान में 1.88 करोड़ से अधिक श्रमिक बोर्ड में पंजीकृत हैं, जिन्हें अब इस संशोधित योजना से सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिक मात्र 20 के एकमुश्त पंजीकरण शुल्क और 20 वार्षिक अंशदान के साथ बोर्ड की योजनाओं के पात्र हो जाते हैं. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और निशुल्क है, जिसे श्रमिक www.upbocwboard.in या जन सेवा केंद्रों के माध्यम से पूरा कर सकते हैं.

बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के लिए अन्य कई कल्याणकारी योजनाएँ भी संचालित हैं, जिनमें जन्म सहायता, शिक्षा सहायता, गंभीर बीमारी पर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति, पेंशन, तथा दिव्यांगता/मृत्यु सहायता शामिल हैं. अब तक 18,94,797 आवेदनों पर 6336.61 करोड़ की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत वितरित की जा चुकी है.

सरकार का कहना है कि इस निर्णय से राज्य के हजारों निर्माण श्रमिक परिवारों में सामाजिक सुरक्षा भावना बढ़ेगी और गरीब एवं श्रमिक परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक बोझ कम होगा.

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