गुरुग्राम: “भविष्य तभी बेहतर होगा जब आप खुद समाधान का हिस्सा बनेंगे. इसका सबसे आसान तरीका है #1KmIn5Min.” यह हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह की लोगों को दी गई सलाह है.
अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाने वाले 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हरियाणा डीजीपी ओ.पी. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक अनोखी सार्वजनिक चुनौती दी है.
यह चुनौती सुनने में आसान लगती है: पांच मिनट से कम समय में एक किलोमीटर दौड़ लगाएं और अपना समय #OneKm हैशटैग के साथ पोस्ट करें, डीजीपी को टैग करें.
लेकिन सिंह कहते हैं कि यह सिर्फ शारीरिक क्षमता की बात नहीं है.
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘#1KmIn5Min चैलेंज’ ने उन्हें “सभी गलत आदतों” से दूर रखा है और उन्हें मजबूत बनाए रखा है. वे बताते हैं, “एक किलोमीटर पांच मिनट में दौड़ने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना पड़ता है.” इसके लिए सही खानपान, अच्छा साथ और लगातार प्रयास की जरूरत होती है.
#1KmIn5Min चैलेंज
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।– अल्लामा इकबाल
मैं तीन साल था। मेरे ‘ये ऐसा क्यों है, वो ऐसा क्यों है’ से आजिज आकर मेरी माँ मुझे गाँव के स्कूल में ले गई। बोली दाखिला ले लो। हेडमास्टर गाँव की ही… pic.twitter.com/dSBI3V3qtA
— OP Singh, DGP, Haryana (@opsinghips) October 27, 2025
सिंह कई भूमिकाएं निभाते हैं. वे हरियाणा के डीजीपी हैं, राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख हैं, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक हैं और मधुबन स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के निदेशक भी हैं. जब लोग उनसे पूछते हैं कि वे इतने काम एक साथ कैसे संभालते हैं, तो वे जवाब देते हैं, “मैं अपनी एक किलोमीटर दौड़ का समय पांच मिनट से कम रखता हूं.”
ओ.पी. सिंह की शादी दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन से हुई है. अभिनेता की मौत के समय वे फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त थे और उन्होंने राजपूत के लिए न्याय की मांग की थी.
एक अलग सोच वाले प्रशासक के रूप में ओ.पी. सिंह अक्सर सोशल मीडिया और खुले पत्रों के जरिए अपनी पुलिस टीम और जनता से सीधे संवाद करते हैं.
14 अक्टूबर को हरियाणा डीजीपी का पद संभालने के तुरंत बाद सिंह ने “प्रिय हरियाणा पुलिस” शीर्षक से एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कर्मियों से ऐसा माहौल बनाने की अपील की जहां “शेर और बकरी एक ही नदी किनारे पानी पी सकें.”
बाद में एक अन्य पत्र में उन्होंने हरियाणा के अलग-अलग जिलों में तैनात एसपी, डीसीपी और सीपी को सलाह दी कि वे पुलिसिंग में बदलाव लाने वाली सोच अपनाएं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि थाने में आने वाले लोगों के प्रति विनम्र रहें, उन्हें बैठने की जगह, चाय और अखबार दें.
एक और पत्र में उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारी अपने टेबल छोटे रखें और वही कुर्सियां इस्तेमाल करें जो वे आगंतुकों को देते हैं.
कुछ दिन पहले ही सिंह ने चार घंटे की रात की गश्त की और ‘एक्स’ पर उसकी रियल-टाइम अपडेट दी. उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को भी ऐसा करने का निर्देश दिया. गश्त के दौरान उनके पोस्ट बेहद विस्तृत थे—उन्होंने आपातकालीन वाहनों की सतर्कता से लेकर मोड़ बिंदुओं पर ट्रैफिक संकेतों की अनुपस्थिति तक का विवरण दिया.
सिंह एक लेखक और पॉडकास्टर भी हैं. उनकी जल्द आने वाली किताब क्राउड इंजीनियरिंग: फ्रॉम कंट्रोल टू द न्यू साइंस ऑफ कलेक्टिव बिहेवियर में सुझाव दिया गया है कि सरकारों को भीड़ को तितर-बितर करने वाली परेशानी नहीं, बल्कि नागरिक सहभागिता के अवसर के रूप में देखना चाहिए.
हरियाणा स्टेट नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) के प्रमुख के रूप में सिंह ने फ्रॉम पिल्स टू पेरिल्स: अनमास्किंग हरियाणा’स हिडन ड्रग क्राइसिस नाम से पॉडकास्ट श्रृंखला शुरू की, जिसमें राज्य में नशे के खिलाफ पुलिस की लड़ाई के अंदरूनी पहलुओं को साझा किया गया.
साल 2023 में उन्होंने राम गुरुकुल गमन नामक एक संगीत नाटक की रचना में भी भाग लिया, जिसका उद्देश्य युवाओं को सांस्कृतिक कहानी कहने के माध्यम से नशा विरोधी संदेश देना था.
अपने ‘#1KmIn5Min’ पोस्ट में सिंह ने जेन एक्स, जेन ज़ी और जेन अल्फा—यानी मोबाइल फोन और इंटरनेट युग की पीढ़ियों—से भी जुड़ने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि ये पीढ़ियां अपने देश और दुनिया की परवाह करती हैं और “ज्यादातर सिगरेट, शराब और ड्रग्स से दूर रहती हैं.” वे जानना चाहती हैं कि सरकारें समस्याओं को सुलझाने और क्षमता बढ़ाने के लिए क्या कर रही हैं.
अपने एक पुराने पत्र में सिंह ने एसपी, डीसीपी और सीपी से युवाओं—जेन वाई, जेन ज़ी और जेन अल्फा—को अपने बच्चों की तरह समझने की अपील की थी.
“भविष्य तभी बेहतर होगा जब आप समाधान का हिस्सा बनेंगे,” सिंह ने कहा, और फिटनेस चैलेंज को नेतृत्व के लिए जरूरी मानसिक दृढ़ता हासिल करने का रास्ता बताया.
“इतने दृढ़ निश्चयी व्यक्ति को कोई पीछे नहीं छोड़ सकता,” उन्होंने निष्कर्ष में कहा और लोगों से अपील की कि वे तुरंत शुरुआत करें और अपनी एक किलोमीटर दौड़ का समय टैग करके साझा करें.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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