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Friday, 7 November, 2025
होमदेश‘आत्महत्या’ के 8 दिन बाद हरियाणा IPS अधिकारी के परिवार ने पोस्टमॉर्टम के लिए दी मंजूरी

‘आत्महत्या’ के 8 दिन बाद हरियाणा IPS अधिकारी के परिवार ने पोस्टमॉर्टम के लिए दी मंजूरी

आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत ने कहा कि उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा सरकार से निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद पॉस्टमार्टम के लिए सहमति दी है. पोस्टमॉर्टम के बाद बुधवार को अंतिम संस्कार की संभावना है.

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गुरुग्राम: हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की कथित ‘आत्महत्या’ के आठ दिन बाद उनके परिवार ने आखिरकार पोस्टमॉर्टम की अनुमति दे दी है, जिससे सरकार और परिवार के बीच चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया है. उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने बुधवार सुबह इसकी सहमति दी.

परिवार बुधवार सुबह चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) पहुंचा, जहां सभी ज़रूरी औपचारिकताएं पूरी की गईं. PGIMER के एक सूत्र ने बताया कि बुधवार को मेडिकल बोर्ड पोस्टमॉर्टम करेगा. अंतिम संस्कार शाम को होने की संभावना है.

बुधवार सुबह चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कनवदीप कौर परिवार से मिलने पहुंचीं. इसके बाद अमनीत कुमार ने बयान जारी किया कि चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का भरोसा दिलाया है. हरियाणा सरकार ने भी आश्वासन दिया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.

अमनीत ने अपने प्रेस नोट में कहा, “न्याय के हित में और साक्ष्यों के महत्व को ध्यान में रखते हुए, मैंने तय प्रक्रिया के तहत पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति दी है. यह काम मेडिकल बोर्ड द्वारा मैजिस्ट्रेट की निगरानी में, बैलिस्टिक विशेषज्ञ की मौजूदगी और पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी के साथ किया जाएगा ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे. मुझे न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष, पेशेवर और समयबद्ध तरीके से होगी, ताकि सच सामने आ सके.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं जांच टीम को पूरा सहयोग देती रहूंगी ताकि प्रक्रिया तेज़ी से पूरी हो और न्याय जल्द से जल्द मिल सके. जारी जांच को देखते हुए इस वक्त कोई और सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया जाएगा. मैं मीडिया से अनुरोध करती हूं कि इस मामले की संवेदनशीलता का सम्मान करें.”

मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर कर पोस्टमॉर्टम और शव की पहचान की अनुमति मांगी थी. अदालत ने परिवार को बुधवार तक जवाब देने का निर्देश दिया था.

दलित संगठनों द्वारा गठित 51 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष प्रो. जयनारायण ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उनकी मुख्य मांग पूरी कर दी है — आरोपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया है, जबकि रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को पहले ही हटा दिया गया.

उन्होंने कहा, “सरकार ने अपना काम किया है, अब समिति की मांग है कि चंडीगढ़ पुलिस निष्पक्ष जांच करे.” समिति बुधवार को यूटी प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को ज्ञापन सौंपेगी.

7 अक्टूबर को रोहतक के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में तैनात आईजी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित आवास में कथित रूप से खुद को गोली मार ली थी. घटनास्थल से आठ पन्नों का सुसाइड नोट और एक पन्ने की वसीयत मिली थी.

नोट में उन्होंने डीजीपी कपूर और रोहतक एसपी बिजारनिया पर झूठे भ्रष्टाचार मामले में फंसाने की साजिश रचने और मानसिक उत्पीड़न व जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. रोहतक पुलिस ने उनके गनमैन सुशील कुमार को एक शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एसपी बिजारनिया का दावा था कि सुशील ने यह काम आईजी पूरन कुमार के कहने पर करने की बात स्वीकार की थी.

घटना के वक्त अमनीत कुमार मुख्यमंत्री नायब सैनी और अन्य अधिकारियों के साथ जापान के दौरे पर थीं. 8 अक्टूबर को भारत लौटने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें डीजीपी कपूर और एसपी बिजारनिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने, जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाया.

चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विशेष जांच टीम (एसआईटी) बना दी, लेकिन अमनीत पोस्टमॉर्टम की अनुमति तब तक देने से इनकार कर रही थीं जब तक कपूर और बिजारनिया की गिरफ्तारी न हो जाए. हरियाणा के कई मंत्रियों और अधिकारियों की मुलाकातों के बाद भी स्थिति नहीं बदली.

आखिरकार मंगलवार को सरकार ने रोहतक एसपी को पहले ही हटाने के बाद डीजीपी कपूर को भी छुट्टी पर भेज दिया और 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ओ. पी. सिंह को कार्यवाहक डीजीपी बनाया.

इस गतिरोध के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और रामदास अठावले सहित कई राजनीतिक नेता परिवार से मिलने पहुंचे. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमनीत को पत्र भी लिखा.

राज्य में दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बाद हरियाणा सरकार को हाई अलर्ट जारी करना पड़ा. 17 अक्टूबर को सोनीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली, जो भाजपा के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए थी, विरोध प्रदर्शनों के बीच बिना कारण बताए रद्द कर दी गई.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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