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Monday, 13 October, 2025
होमदेशकफ सिरप से मौतों का केस: ED ने चेन्नई के 7 ठिकानों और तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अफसरों के घर छापेमारी की

कफ सिरप से मौतों का केस: ED ने चेन्नई के 7 ठिकानों और तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अफसरों के घर छापेमारी की

मध्य प्रदेश में 21 बच्चों की मौत के बाद प्रवर्तन निदेशालय श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स, उसके प्रमुख कर्मचारियों और तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण अधिकारियों की जांच कर रहा है.

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 के तहत कोल्ड्रिफ खांसी की दवा मामले में चेन्नई में सात ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है. एजेंसी सूत्रों के अनुसार, जिन ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं उनमें तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों के आवास शामिल हैं.

छापेमारी जिन ठिकानों पर की जा रही है, वे श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स और उसके प्रमुख कर्मचारियों से जुड़े हैं. श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कोल्ड्रिफ का निर्माता है, जिससे कथित तौर पर 21 बच्चों की मौत हुई है. ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ये छापे तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों के घरों पर भी चल रहे हैं.

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया कस्बे में सात बच्चे बीमार हो गए, जिनकी किडनी को नुकसान हुआ. आरोप है कि उन्होंने कोल्ड्रिफ खांसी की दवा पी थी. राज्य में लगभग दो दर्जन बच्चों की मौत इसी खांसी की दवा से हुई बताई जा रही है, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकोल की खतरनाक मात्रा पाई गई थी. इसके बाद इस दवा पर कई राज्यों में प्रतिबंध लगा दिया गया है.

श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक, तमिलनाडु निवासी एस. रंगनाथन को मध्य प्रदेश की विशेष जांच टीम ने पिछले हफ्ते चेन्नई से गिरफ्तार किया था. अब उन पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या और दवा में मिलावट के आरोप लगे हैं. मध्य प्रदेश पुलिस के अनुसार, खांसी की यह दवा मिलावटी थी और बच्चों की मौत का सीधा कारण बनी.

तमिलनाडु सरकार ने ड्रग कंट्रोल विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जो निरीक्षण के लिए ज़िम्मेदार थे लेकिन पिछले दो साल से कोई जांच नहीं की थी.

इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार के ड्रग कंट्रोल विभाग के कार्यवाहक निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया है.

दो प्राथमिकी दर्ज होने के अलावा, ईडी ने भी एक प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है. अपराध से अर्जित संपत्ति का पता लगाने और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए दूसरे (भ्रष्टाचार) मामले से जुड़े छापे भी चल रहे हैं.

एक सूत्र ने कहा, “मिलावटी खांसी की दवा की बिक्री से होने वाला लाभ, जिससे 21 बच्चों की मौत हुई, अपराध से अर्जित धन है. जो ड्रग अधिकारी नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे थे और मिलावटी दवा के उत्पादन की अनुमति दी, उन्होंने अपने सार्वजनिक कर्तव्यों का पालन नहीं किया. कार्यवाहक निदेशक को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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