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Thursday, 9 October, 2025
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मायावती की लखनऊ रैली: बुआ vs भतीजा, योगी की तारीफ और उत्तराधिकारी पर रुख साफ

गुरुवार की रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा पर दलित आइकनों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि बीएसपी 2027 के राज्य चुनाव अकेले लड़ेगी.

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में हुई एक हाई-प्रोफाइल रैली में समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला किया और योगी आदित्यनाथ नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ की.

बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित इस रैली में, उन्होंने सपा पर कांशीराम नगर जिले का नाम बदलने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि उनकी सरकार ने इसे पहले “मान्यवर” कांशीराम के नाम पर रखा था. अपने संबोधन में उन्होंने लगातार 2012-2017 के अखिलेश यादव नेतृत्व वाले यूपी सरकार को निशाना बनाया.

गुरुवार की रैली में मायावती ने सपा को “दोमुखी” करार देते हुए आरोप लगाया कि यह केवल राजनीतिक लाभ के लिए दलित आइकनों का इस्तेमाल करती है. उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए सपा दलितों को भूल जाती है, लेकिन सत्ता खोते ही इन्हें याद करती है.

उन्होंने कहा, “सरकार में रहते हुए यह न पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को याद करती है, न संतों, गुरुओं और आंदोलन से जुड़े महान व्यक्तित्वों को, लेकिन जैसे ही पार्टी सत्ता खोती है, हमारे आइकनों को अचानक याद करने लगती है. लोगों को ऐसी दोमुखी प्रवृत्ति से सतर्क रहना चाहिए.”

मायावती ने आरोप लगाया कि सपा-सरकारों ने दलित स्मारकों के रखरखाव पर कभी ज्यादा खर्च नहीं किया और यहां से मिलने वाली टिकट की आमदनी भी हड़प ली.

उन्होंने आगे कहा, “अब जब सत्ता से बाहर हैं, तो कांशीराम जी के सम्मान में सेमिनार कराने की बातें करते हैं.”

सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए मायावती ने कहा कि अगर वह सच में बीएसपी संस्थापक कांशीराम का सम्मान करते, तो कांशीराम नगर जिले का नाम बदलकर कसगंज नहीं रखते.

उन्होंने सवाल किया, “हमने कांशीराम जी और अन्य नेताओं के नाम पर विश्वविद्यालय और संस्थान बनाए, कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, लेकिन सपा सरकार ने उन्हें बंद कर दिया. अगर यह दोहरे मानक नहीं है, तो और क्या है?”

साथ ही, उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का धन्यवाद किया कि उनके कार्यकाल में बनाए गए पार्क और स्मारकों का रखरखाव सुनिश्चित किया गया.

मायावती ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि विजिटर्स से मिलने वाली टिकट की आमदनी केवल रखरखाव में ही खर्च हो. भाजपा सरकार ने भरोसा दिया कि यह धन कहीं और नहीं जाएगा और केवल रखरखाव पर ही खर्च होगा और उन्होंने यह वादा पूरा किया. इसके लिए हमारी पार्टी आभारी है.”

संबोधन के बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, जो मायावती को ‘बुआ जी’ कहते हैं, ने एक्स पर उनके लिए तंज कसते हुए लिखा, “उनकी अंधुरी सांठगांठ है जारी, इसलिए ज़ुल्म करने वालों के आभारी.”

अखिलेश यादव की यह टिप्पणी, जिन्हें भाजपा अक्सर ‘भतीजा’ कहती है, भाजपा और बीएसपी के बीच एक आंतरिक समझौते का संकेत मानी गई.

बसपा 2027 में अकेली लड़ेगी: मायावती

बीएसपी प्रमुख मायावती ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 में स्वतंत्र रूप से लड़ेगी और किसी भी गठबंधन की संभावना को खारिज किया.

लखनऊ में रैली में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले के गठबंधन केवल सहयोगी पार्टियों को ही लाभ पहुंचाए, लेकिन बीएसपी के मूल मतदाताओं को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला.

मायावती ने कहा, “अपने अनुभव से मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि जब भी हमने यूपी में गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े, इससे हमें कोई फायदा नहीं मिला.”

उन्होंने कहा, “जब बीएसपी ने 2007 में उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाई, तब हमारी सरकार ने जनता की भलाई और खुशहाली के लिए जो काम किए…उससे हमारा प्रभाव पूरे देश में बढ़ा. इसे देखकर सभी जातिवादी, संकीर्ण मानसिकता वाली और पूंजीवादी पार्टियों ने गुपचुप हाथ मिलाया ताकि हमारी पार्टी कभी राज्य में सत्ता में वापस न आ सके.”

उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों को उनकी जीत के बाद इतना डर लगा कि उन्होंने सुनिश्चित किया कि बीएसपी न तो यूपी में सत्ता में लौट सके और न ही देशभर में फैल सके.

उन्होंने कहा, “हर चुनाव में, चाहे विधानसभा हो या लोकसभा, कांग्रेस, भाजपा, सपा और अन्य विरोधी पार्टियां गुपचुप तरीके से एकजुट हो गईं और बीएसपी को रोकने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाई, जहां भी बीएसपी जीत रही थी, उन्होंने वोट ट्रांसफर कर हमें हराने की कोशिश की.”

आकाश आनंद के पोस्टर ने खींचा ध्यान

लखनऊ में बीएसपी रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. मायावती के भतीजे और बीएसपी राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के अलग-अलग पोस्टर खास ध्यान आकर्षित कर रहे थे, जो पार्टी में उनके नंबर 2 नेता के रूप में उभरने का स्पष्ट संकेत है.

अपने संबोधन में मायावती ने अपने भतीजे की पुनः आंदोलन में वापसी की तारीफ की.

मायावती ने कहा, “आकाश आनंद ने इस आंदोलन में फिर से वापसी की है. यह एक सकारात्मक संकेत है. वे मेरे मार्गदर्शन में काम करेंगे, जिस तरह कांशीराम ने मुझे बढ़ावा दिया, मैंने आकाश को उसी तरह बढ़ावा देने का फैसला लिया है. मुझे विश्वास है और मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि हर परिस्थिति में उनका समर्थन करें.”

अपने भाषण में आकाश आनंद ने बीएसपी के 2007 के प्रदर्शन को दोहराने का संकल्प लिया.

उन्होंने कहा, “हम 2027 के चुनाव वैसे ही लड़ेंगे, जैसे हमने 2007 में अकेले लड़कर सरकार बनाई थी.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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