नई दिल्ली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि जल संकट आज सामूहिक चिंता का विषय बन गया है. उन्होंने चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूप को वर्षा जल रोककर भूमि में समाहित करने का कारगर तरीका बताया.
प्रदेश में अब तक 6,448 चेकडैम बन चुके हैं, जिससे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता विकसित हुई और हर साल 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज हो रहा है. वर्ष 2022-23 से 1,002 चेकडैम डी-सिल्टिंग और मरम्मत के माध्यम से सुदृढ़ किए गए हैं.
16,610 तालाबों में से 1,343 का पुनर्विकास किया गया है और 6,192 ब्लास्टकूपों से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई है. उन्होंने कहा कि 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य होनी चाहिए और समाज की भागीदारी से जल संरक्षण अभियान को जनांदोलन बनाना चाहिए.