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Thursday, 25 September, 2025
होमरिपोर्टनारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की नई मिसाल बना उत्तर प्रदेश

नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की नई मिसाल बना उत्तर प्रदेश

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. प्रदेश के सभी 1,647 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गईं, जहाँ शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार और जागरूकता जैसे क्षेत्रों में चलाई गई योजनाओं ने नारी सशक्तीकरण की दिशा में अहम भूमिका निभाई है. संवेदनशील और दूरदर्शी नीतियों के कारण महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन के साथ सुरक्षा और सम्मान की नई ऊँचाइयाँ मिली हैं.

इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने शारदीय नवरात्रि पर मिशन शक्ति 5.0 की शुरुआत की. यह अभियान अब एक सरकारी योजना भर नहीं रहा, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है. इसके तहत विभिन्न विभागों द्वारा रोज़ाना अलग-अलग जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि “नारी शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है और अब कोई बेटी अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ेगी.”

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. प्रदेश के सभी 1,647 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गईं, जहाँ शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है. वीमेन पावर लाइन-1090 को और सशक्त किया गया है. जनवरी 2024 से अगस्त 2025 तक यहाँ 7.75 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से लगभग 99 प्रतिशत मामलों का समाधान किया गया.

सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रखी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी विशेष इंतज़ाम किए. महिला बीट प्रणाली और महिला रिपोर्टिंग चौकियों से गांव-गांव तक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है. वहीं, एंटी रोमियो स्क्वॉड ने अब तक 1.18 करोड़ से अधिक जगहों पर चेकिंग कर 33 हजार से ज्यादा गिरफ्तारियाँ कीं. महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई और कठोर सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश देश में उदाहरण पेश कर चुका है.

महिलाओं को न्याय दिलाने के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण पर भी जोर दिया गया. बैंकिंग कॉरेस्पॉडेंट सखी योजना से अब तक लगभग 40 हजार महिलाएँ 100 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित कर चुकी हैं. लखपति महिला योजना के अंतर्गत 2 लाख से अधिक महिलाएँ लखपति श्रेणी में पहुँच चुकी हैं.

महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण पर भी विशेष ध्यान दिया गया. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को आर्थिक मदद मिली है. वहीं, पोषण अभियान और रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष जैसी पहलें महिलाओं के लिए राहतकारी साबित हुई हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से 25.96 लाख बेटियों को लाभ पहुंचा है. स्नातक स्तर तक बालिकाओं की शिक्षा निशुल्क कर दी गई है और मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना से सम्मानित किया जा रहा है.

सामाजिक सुरक्षा के मोर्चे पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना निर्धन परिवारों की बेटियों का सहारा बनी है. अब तक 4.67 लाख जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत सम्पन्न हो चुका है. इसके अलावा निराश्रित महिला पेंशन योजना से 36.75 लाख महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये पेंशन मिल रही है.

उज्ज्वला योजना और स्वामित्व योजना ने भी महिलाओं को बड़ा सहारा दिया है. उज्ज्वला से 1.86 करोड़ परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन मिला, वहीं स्वामित्व योजना के तहत 1.10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को घरौनी का मालिकाना हक मिला है.

योगी सरकार ने महिलाओं की राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी को भी मजबूती दी है. अब पौत्री, भतीजी और भांजी को भी संपत्ति में अधिकार मिला है. मुस्लिम महिलाओं को बिना महरम हज यात्रा की सुविधा दी गई है. महिला श्रमबल भागीदारी 2017 के 13.5 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 34.5 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन ही सशक्त समाज और समृद्ध राष्ट्र का आधार है. इसी सोच को धरातल पर उतारने के लिए सरकार लगातार योजनाएँ चला रही है और महिलाएँ समाज व राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.

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