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Friday, 22 November, 2024
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झारखंड में भीड़ ने एक और शख्स की ली जान, बीफ बेचने के शक में किया हमला

अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कहा कि भीड़ पास के ही एक गांव की थी जो व्हाट्सएप पर फैलाए गए भ्रामक मैसेज के बाद जमा हुई थी.

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रांची: झारखंड से एक और मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘बीफ बेचने की आशंका में भीड़ ने एक आदिवासी को मार दिया गया. भीड़ ने कई घंटो उस आदिवासी को इतना मारा जिसकी वजह से उसकी जान चली गई. भीड़ ने दो और आदमियों पर हमला किया है उनकी स्थिति भी अभी काफी नाजुक बनी हुई है.’

यह वारदात राज्य के खूंटी जिले में हुई है जो राज्य की राजधानी रांची से महज 50 किलोमीटर दूर है.

पुलिस के अनुसार रविवार सुबह 12-15 लोगों के एक समूह ने जलटांडा सुआरी गांव में तीन लोगों को पकड़ लिया जिनपर नदी किनारे बने बाजार में  बीफ बेचने का शक था. भीड़ उन्हें मारने लगी.

भीड़ बगल के ही गांव की थी जो व्हाट्सएप मैसेज के जरिए फैलाई गई भ्रामक सूचना से जमा हुई थी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘भीड़ को देखकर तीनों लोगों ने भागने की कोशिश की लेकिन वो भीड़ की जद में आ गए.’

पुलिस ने मरने वाले की पहचान कलांतुस बरला के तौर पर की है. दो अन्य लोग जो जख्मी हुए है उनका नाम फागु कच्छापंद और फिलिप हाहोरो है. तीनों ही आदिवासी ईसाई समुदाय से हैं.

डीआईजी वी. होमकर ने कहा कि इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी लोगों की अभी तलाश जारी है.


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पुलिस ने कहा कि गांव वालों की तरफ से उन्हें इस मामले को लेकर फोन आया था. जिसके बाद उनकी टीम वहां पहुंची और तीनों लोगों को बचाया गया. पुलिस इसके बाद उन तीनों को अस्पताल ले गई. जिसमें एक आदमी को रांची मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया.

डीआईजी होमकर ने कहा, ‘ वरिष्ठ अधिकारी मोका-ए-वारदात पर पहुंच गए. जिले के एसपी और डिप्टी कमिश्नर खुद से इस मामले को देख रहे हैं. दोषियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम गठित कर दी गई है. हम आश्वस्त करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

पिछले तीन महीनों में ऐसी दूसरी वारदात

बरला पिछले तीन महीनों में दूसरे ऐसे आदमी है जो भीड़ हिंसा का शिकार हुए हैं. इससे पहले जून में तबरेज़ अंसारी पर भीड़ ने हमला कर दिया था. यह घटना ऐसे वक्त हुई जब महीने भर बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

अंसारी को चोर समझ कर भीड़ ने हमला कर दिया था. लगभग 8 घंटों के बाद स्थानीय पुलिस ने तबरेज को भीड़ से बचाया था. जिसके बाद उसे कोर्ट में चोरी के जुर्म में पेश किया गया था. कोर्ट ने अंसारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था जिसके चार दिन के भीतर ही उसकी मौत हो गई थी.

तबरेज़ की 19 वर्षीय पत्नी अभी भी न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही है. पुलिस ने पहले तो मामले से चार्जशीट से मर्डर केस हटा लिया था लेकिन लोगों के प्रदर्शन के कारण फिर से इसमें मर्डर की धारा को जोड़ लिया गया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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