नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने द टेलीग्राफ के संपादक राज गोपाल को बिकाऊ कहा है. सुप्रियो का यह बयान अखबार के संपादक द्वारा रिपोर्ट पर माफ़ी नहीं मांगने को लेकर है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के प्रमुख अखबार द टेलीग्राफ ने जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना पर रिपोर्टिंग की थी जिसकी रिपोर्ट से केंद्रीय मंत्री सुप्रियो नाखुश थे. उन्होंने अखबार के संपादक से इस रिपोर्ट पर माफी मांगने के लिए कहा था. जिस पर संपादक ने मना कर दिया. संपादक ने केंद्रीय मंत्री पर फोन पर धमकाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है.
बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि न्यूजपेपर ने रिपोर्ट किया है कि उन्होंने एक छात्र को कुहनी मारी है. जबकि मुझसे वहां पर धक्का-मुक्की की गई.’ सुप्रियो ने ट्वीट में न्यूजपेपर पर मुकदमा करने की धमकी दी थी. उन्होंने टेलीग्राफ को माफी मांगने के लिए एक दिन का वक्त दिया था.
This is the video which shows:
1. I WASN’T elbowing anyone rather I ws being pushed & manhandled with my shirt torn
2. It wasn’t a girl either-it was BEARDED GUY as clearly seen in the VDO
If @Telegraph doesn’t apologise tomorrow for their false biased reporting, I’ll sue them pic.twitter.com/scFd7iHjWa— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
केंद्रीय मंत्री अखबार के संपादक कि हेडिंग से नाराज थे. सुप्रियो ने संपादक राजगोपाल से कहा कि ‘वे एक केंद्रीय मंत्री से बात कर रहे हैं.’ क्या आप एक जेंटलमैन नहीं हैं. जिस पर संपादक ने कहा- ‘मैं जेंटलमैन नहीं हूं, मैं एक पत्रकार हैं…. आप एक केंद्रीय मंत्री हो सकते हैं. लेकिन मैं भी तो इस देश का नागरिक हूं.’
The arrogant editor of @ttindia asks me to explain what makes me ASSUME that they meant me when they print BabulL over my pix!! Hw obnoxious can one get•It is surely a paper that is SOLD to #TMchhi & Mamta’s ADs to them•Shame on them& he threats me with an article tmrw pic.twitter.com/kFAKSO7HBX
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
आपको बता दें, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उनके खिलाफ जाधवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कायर और गुंडा कहा था और यह भी कहा था कि छात्रों को मानसिक इलाज की जरूरत है ताकि वे छात्र की तरह व्यवहार कर सकें.
जाधवपुर विश्वविद्यालय में बाबुल सुप्रियो को काले झंडे दिखाए गए और उनसे बदसलूकी की गयी थी जिसके तुरंत बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ को कैंपस तुरंत पहुंचना पड़ा था.