लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को योगी सरकार के फैसले को झटका देते हुए 17 अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एसएसी) सूची में शामिल करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट का यह फैसला सामाजिक कार्यकर्ता गोरख प्रसाद द्वारा दायर याचिका पर आया है.
Allahabad High Court has stayed the state government’s decision to include 17 Other Backward Castes (OBC) in the Scheduled Castes (SC) list.
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2019
राज्य सरकार ने 24 जून को जिला मजिस्ट्रेटों व आयुक्तों को 17 ओबीसी को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया था. इन ओबीसी जातियों में कश्यप, राजभर, धीवर, बिंद, कुम्हार, कहार, केवट, निषाद, भर, मल्लाह, प्रजापति, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी व मचुआ शामिल हैं.
सरकार का यह कदम साफ तौर पर 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले इन समुदायों को लुभाना था.
इस फैसले की भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने भी आलोचना की थी. सामाजिक न्याय व शक्तीकरण मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा में 2 जुलाई को कहा था कि यह कदम संविधान के अनुरूप नहीं है.
गहलोत ने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार इस प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ना चाहती है तो उसे प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और केंद्र को एक प्रस्ताव भेजना चाहिए.
बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस कदम को ‘असंवैधानिक’ कह आलोचना की थी और इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था.
योगी सरकार ने उठाया था कदम
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 17 पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल कने का फैसला लिया था. अधिकारियों को इन 17 जातियों के परिवारों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निर्देशित किया गया.
यह संयोग है कि तीसरी बार है कि राज्य सरकार ने 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने का प्रयास किया है. इससे पहले, सपा और बसपा दोनों सरकारों ने उपरोक्त जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने का प्रयास किया था, लेकिन कानूनी हस्तक्षेप के कारण ऐसा करने में विफल रहे थे.
इससे उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले आए इस कदम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा होने का अनुमान लगाया जा रहा था.
इलाहाबाद हाइकोर्ट के उस जज जिसने बीजेपी सरकार के फैसले को रद्द किया है उसपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा लिखकर जेल भेजा जाना चाहिए,मुझे वो पाकिस्तान का एजेंट लगता है