नई दिल्ली: गुजरात निवासी सकरिया राजेश भाई खीमजी भाई, जिन पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया है और जिन्हें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के आरोप में हिरासत में लिया गया है, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से नाराज़ थे जिसमें दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में शिफ्ट करने को कहा गया था. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
राजेश (41), राजकोट के कोठारिया मोहल्ले का एक ऑटोरिक्शा चालक है. वह “कुत्तों का प्रेमी” माना जाता है और उसने अपने इलाके में कुत्तों का एक “मंदिर” भी बनाया है, गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया.
दिल्ली में मुख्यमंत्री पर कथित हमले के बाद जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो राजकोट पुलिस ने उसके परिवार से जानकारी जुटाई. परिवार ने पुलिस को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश और दिल्ली में कुत्तों के खिलाफ हो सकने वाली कार्रवाई से परेशान था. परिवार ने यह भी बताया कि वह रविवार दोपहर दिल्ली के लिए निकला था.
“वह कोठारिया मोहल्ले में कुत्तों का जाना-माना प्रेमी है. जब भी इलाके के कुत्ते बीमार होते हैं तो उन्हें क्लिनिक भेजता है,” जोनल डीसीपी जगदीश बंगड़वा ने दिप्रिंट को बताया.
राजकोट पुलिस कमिश्नरेट के रिकॉर्ड के मुताबिक, राजेश पर पहले भी पांच केस दर्ज हुए थे जिनमें धारा 326 (खतरनाक हथियार/जहरीले पदार्थ से गंभीर चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान कर झगड़ा कराना), 114 (अपराध के समय मौजूद रहकर मदद करना) और गुजरात में लागू निषेध कानून की धाराएं शामिल हैं.
हालांकि, वह इनमें से चार मामलों में बरी हो चुका है.
बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पर कथित हमले के बाद, सीएम आवास के बाहर का फुटेज दिप्रिंट ने देखा जिसमें राजेश को शालीमार बाग इलाके में एक रिक्शा से उतरते हुए दिखाया गया है, जहां रेखा गुप्ता रहती हैं.
दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट किया था कि गुप्ता की कैबिनेट के दो मंत्रियों ने पुष्टि की कि राजेश ने मंगलवार को गुप्ता के आवास की रेकी की थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह बुधवार सुबह सीएम की जनसुनवाई में सिर्फ मुख्यमंत्री पर हमला करने के इरादे से आया था और इसी कारण उसके पास कोई दस्तावेज नहीं था.
राजेश को अब दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उस पर हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है.
“माननीय मुख्यमंत्री पर हमले के मामले में, धारा 109(1)/132/221 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपी को पुलिस कस्टडी में लिया गया है. आगे की जांच जारी है. हम हर संभव पहलू से जांच कर रहे हैं,” डीसीपी राजा बंथिया ने कहा.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1) हत्या के प्रयास से जुड़ी है, जबकि 132 और 221 सार्वजनिक सेवक पर हमला करने और उन्हें बाधित करने से संबंधित हैं.
आवारा कुत्तों के मामले में, सुप्रीम कोर्ट का 11 अगस्त को दो जजों की बेंच का आदेश बड़ी तीन जजों की बेंच को भेजा गया था और 13 अगस्त को सुना गया. बड़ी बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसका मतलब है कि फिलहाल यथास्थिति बनी रहेगी.
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