नई दिल्ली: पहली बार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए हवाई हमलों के बारे में बोलते हुए, भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शनिवार को बताया कि भारत के S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और एक AEW&C/ELINT विमान को करीब 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया — जो इतिहास में अब तक की सबसे लंबा सतह-से-हवा वाला वार रहा
उन्होंने आगे बताया कि जैकबाबाद एयर बेस पर रखरखाव के लिए खड़े कुछ F-16 विमानों को भी नुकसान पहुंचा, जबकि भोलारी एयर बेस पर एक सॉब एरीआई (AEW&C) विमान को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया.
बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे व्याख्यान के दौरान S-400 को “गेम-चेंजर” बताते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, “हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों की पुष्टि की गई मार है और एक बड़ा विमान, जो या तो ELINT विमान था या AEW&C विमान, जिसे करीब 300 किलोमीटर दूर से निशाना बनाया गया. यह वास्तव में अब तक दर्ज सबसे बड़ी सतह-से-हवा मार है, जिसके बारे में हम बात कर सकते हैं.”
उन्होंने बताया कि शाहबाज़ जैकबाबाद एयरफील्ड मुख्य निशानों में से एक था.
उन्होंने कहा, “यहां एक F-16 हैंगर है. हैंगर का आधा हिस्सा नष्ट हो गया है. मुझे पूरा यकीन है कि अंदर कुछ विमान थे, जिन्हें नुकसान पहुंचा. हम कम से कम दो कमांड और कंट्रोल सेंटर्स — मुरिद और चकला को भी निशाना बनाने में सफल रहे. कम से कम छह राडार, कुछ बड़े, कुछ छोटे…हमें संकेत हैं कि AEW&C हैंगर में कम से कम एक AEW&C और कुछ F-16 (जो मेंटेनेंस पर थे) मौजूद थे…”
दिप्रिंट ने 8 मई को सबसे पहले रिपोर्ट की थी कि ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार S-400 सिस्टम का इस्तेमाल हुआ. असल मार के बारे में जानकारी उस समय रोक ली गई थी क्योंकि वायुसेना तकनीकी डेटा का विश्लेषण कर रही थी.
स्रोतों ने दिप्रिंट को बताया था कि पांचों लड़ाकू विमान और AEW&C/ELINT को 7 मई को मार गिराया गया. इन लड़ाकू विमानों की पहचान उनके सिग्नेचर से की गई और ये सभी चीनी मूल के थे. शुरुआती जानकारी के अनुसार, हवा में कोई भी F-16 नहीं गिराया गया.
करीब 300 किलोमीटर दूर से गिराया गया दूसरा विमान एक धीमी गति से उड़ने वाला बड़ा विमान था, जो या तो सॉब एरीआई (AEW&C) हो सकता है या फिर चीन निर्मित इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) व इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) विमान.
‘बालाकोट का साया’
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, “ये एक हाई-टेक जंग थी.”
उन्होंने कहा, “80 से 90 घंटे की इस जंग में हमने इतना नुकसान पहुंचा दिया कि उन्हें साफ हो गया कि अगर वे आगे बढ़े तो और ज़्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. इसलिए वे आगे आए और हमारे DGMO को संदेश भेजा कि वे बात करना चाहते हैं. हमारी तरफ से इसे स्वीकार किया गया.”
2019 में वायुसेना की क्षमता पर सवाल उठाने वालों पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि बालाकोट में हमें अंदर से कुछ नहीं मिल पाया. वायुसेना प्रमुख ने कहा, “दुर्भाग्य से, हमें अपने ही लोगों को यह बताना मुश्किल हो गया था कि हमने क्या हासिल किया है. हमारे पास अंदर क्या हुआ इसकी जानकारी थी, ह्यूमन इंटेलिजेंस थी, जिसमें साफ तस्वीर थी कि बड़ा नुकसान हुआ है, कई आतंकियों को खत्म किया गया था, लेकिन हम अपने ही लोगों को यकीन नहीं दिला पाए कि देखो, ये हमने किया है…इस बार मुझे खुशी है कि हमने बालाकोट के उस साए को मिटा दिया, हम दुनिया को बता पाए कि हमने क्या हासिल किया.” साथ ही उन्होंने सैटेलाइट तस्वीरें और स्थानीय मीडिया के वीडियो दिखाए जिनमें नुकसान साफ नज़र आ रहा था.
उन्होंने कहा, “अगर आप सैटेलाइट तस्वीरें देखें, तो आपको सिर्फ छोटे-छोटे निशान दिखेंगे, जो मिसाइल के घुसने के प्वाइंट होते हैं, जैसे बालाकोट में थे, लेकिन इस बार स्थानीय मीडिया की वजह से अंदर का नुकसान भी दिख गया.”
एयर डिफेंस के बारे में बात करते हुए ACM सिंह ने कहा कि कोई भी पाकिस्तानी विमान आकाश और MRSAM की सीमा के करीब तक नहीं आ सका.
उन्होंने कहा, “उनके सभी विमान LRSAM से निशाना बनाए गए क्योंकि वे दूर रहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कई बार वे हमारी रेंज में आ जाते थे और हमें मौके के निशाने मिलते थे, जहां तक हमारे हमले का सवाल है, उस रात हमने कोई रोक-टोक नहीं रखी और तय किया कि हम सीधा आगे से हमला करेंगे और उनके संसाधनों को फैलाएंगे.”
ACM सिंह ने कहा, “हमारा मकसद किसी एक एयरफील्ड को पूरी तरह तबाह करना नहीं था, बल्कि उन्हें ये एहसास दिलाना था कि हम जहां चाहें, जितनी गहराई में चाहें, हमला कर सकते हैं…भोलारी में AEW&C हैंगर को निशाना बनाया गया और यहां हमें पक्का संकेत मिला कि हमले के वक्त अंदर विमान मौजूद था…”
पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर हमले के बारे में उन्होंने कहा, “हम वायुसेना में बड़े होते हुए ऐसे दिनों के सपने देखते रहे हैं, कि कभी वहां जाने का मौका मिलेगा और संयोग से, रिटायर होने से पहले मुझे ये मौका मिल गया…तो हमने वहां के एयरफील्ड को निशाना बनाया…”
उन्होंने कहा कि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने शानदार काम किया. उन्होंने कहा, “S-400 सिस्टम, जिसे हमने हाल ही में खरीदा, गेम-चेंजर साबित हुआ है. इसकी रेंज ने उनके विमानों को उनके हथियारों — जैसे लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम उनके इस्तेमाल से रोके रखा. वे इनमें से एक भी इस्तेमाल नहीं कर पाए क्योंकि वे हमारे सिस्टम को भेद ही नहीं पाए.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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