मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गाड़ियों को प्रतिबंधित करने की ऑड-इवन स्कीम की वापसी – जिसका पहले प्रत्यक्ष तौर पर कोई असर नहीं हुआ था- दिखाता है कि दिल्ली सरकार के पास प्रदूषण रोकने को लेकर स्पष्ट नीतियों का अभाव बना हुआ है. आने वाले चुनावों को देखते हुए, यह सिर्फ केजरीवाल को खुद को गरीबों के नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने का एक और मौका है जो कार रखाने वाले वर्गों को अनुशासित कर सकता है.